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"हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा": अवतरणों में अंतर

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हज़रत ज़हरा (स) की तस्बीह, [[मुस्हफ़े फ़ातिमा (स)]] और ख़ुतबा ए फ़दकिया आपकी आध्यात्मिक धरोहर का हिस्सा हैं। मुस्हफ़े फ़ातिमा एक किताब है जिसमें दिव्य दूत (फ़रिश्ते) द्वारा आप पर नाज़िल होने वाले इलहाम भी सम्मिलित है जिन्हे इमाम अली (अ) द्वारा लिखित रूप मे लाया गया हैं। रिवायतो के अनुसार [[सहीफ़ा ए फ़ातिमा (स)]] इमामों से मुंतक़िल होते होते वर्तमान में [[इमाम ज़माना (अ.त.)]] के पास है।
हज़रत ज़हरा (स) की तस्बीह, [[मुस्हफ़े फ़ातिमा (स)]] और ख़ुतबा ए फ़दकिया आपकी आध्यात्मिक धरोहर का हिस्सा हैं। मुस्हफ़े फ़ातिमा एक किताब है जिसमें दिव्य दूत (फ़रिश्ते) द्वारा आप पर नाज़िल होने वाले इलहाम भी सम्मिलित है जिन्हे इमाम अली (अ) द्वारा लिखित रूप मे लाया गया हैं। रिवायतो के अनुसार [[सहीफ़ा ए फ़ातिमा (स)]] इमामों से मुंतक़िल होते होते वर्तमान में [[इमाम ज़माना (अ.त.)]] के पास है।


[[शिया]] उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनकी शहादत के दिनों में उनका शोक मनाते हैं जिन्हें [[फ़ातेमिया]] के नाम से जाना जाता है। ईरान में आपके जन्म दिन (20 जमादी उस-सानी) को मदर-डे और वूमैन-डे घोषित किया गया है, और फ़ातिमा और [[ज़हरा]] लड़कियों के सबसे अधिक रखे जाने वाले नाम हैं।
[[शिया इसना अशरी|शिया]] उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनकी शहादत के दिनों में उनका शोक मनाते हैं जिन्हें [[फ़ातेमिया]] के नाम से जाना जाता है। ईरान में आपके जन्म दिन (20 जमादी उस-सानी) को मदर-डे और वूमैन-डे घोषित किया गया है, और फ़ातिमा और [[ज़हरा]] लड़कियों के सबसे अधिक रखे जाने वाले नाम हैं।




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