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"इमाम अली नक़ी अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर

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[[शेख़ मुफ़ीद]] (मृत्यु: 413 हिजरी) की रिपोर्ट के अनुसार, इमाम हादी ने 41 वर्ष की आयु में सामर्रा में 20 साल और 9 महीने के निवास के बाद 254 हिजरी रजब के महीने में [[शहादत]] पाई। <ref> मोफिद, अल-अरशाद, 1413 हिजरी, खंड 2, पृ. 311 और 312; कुलैनी, अल-काफ़ी, 1407 हिजरी, खंड 1, 497-498; तूसी, तहजीब अल-अहकाम, 1418 हिजरी, खंड 6, पृष्ठ 104।</ref> इसी तरह से दलायलुल-इमामा और कश्फ अल-ग़ुम्मा में उल्लेख हुआ है कि मोअतज़ अब्बासी (255-252 हिजरी) के शासनकाल के दौरान 10वें इमाम को ज़हर दिया गया था और इसी कारण से वह [[शहीद]] हुए। <ref> तबरी, दलाई अल-इमामा, 1413 हिजरी, पृष्ठ 409; अर्बेली, कशफ़ अल-ग़ुम्मह, 2013, खंड 2, पृष्ठ 375।</ref> इब्ने शहर आशोब (मृत्यु: 588 हिजरी) का मानना ​​है कि वह मोअतमिद (शासनकाल: 278-256 हिजरी) के शासनकाल के अंत में शहीद हुए और उन्होने [[इब्ने बाबवैह]] के हवाले से लिखा है कि मोअतमिद ने उन्हें जहर दिया था। <ref> इब्न शहर आशोब, मनाकिब अल अबी तालिब, 1379 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 401।</ref>
[[शेख़ मुफ़ीद]] (मृत्यु: 413 हिजरी) की रिपोर्ट के अनुसार, इमाम हादी ने 41 वर्ष की आयु में सामर्रा में 20 साल और 9 महीने के निवास के बाद 254 हिजरी रजब के महीने में [[शहादत]] पाई। <ref> मोफिद, अल-अरशाद, 1413 हिजरी, खंड 2, पृ. 311 और 312; कुलैनी, अल-काफ़ी, 1407 हिजरी, खंड 1, 497-498; तूसी, तहजीब अल-अहकाम, 1418 हिजरी, खंड 6, पृष्ठ 104।</ref> इसी तरह से दलायलुल-इमामा और कश्फ अल-ग़ुम्मा में उल्लेख हुआ है कि मोअतज़ अब्बासी (255-252 हिजरी) के शासनकाल के दौरान 10वें इमाम को ज़हर दिया गया था और इसी कारण से वह [[शहीद]] हुए। <ref> तबरी, दलाई अल-इमामा, 1413 हिजरी, पृष्ठ 409; अर्बेली, कशफ़ अल-ग़ुम्मह, 2013, खंड 2, पृष्ठ 375।</ref> इब्ने शहर आशोब (मृत्यु: 588 हिजरी) का मानना ​​है कि वह मोअतमिद (शासनकाल: 278-256 हिजरी) के शासनकाल के अंत में शहीद हुए और उन्होने [[इब्ने बाबवैह]] के हवाले से लिखा है कि मोअतमिद ने उन्हें जहर दिया था। <ref> इब्न शहर आशोब, मनाकिब अल अबी तालिब, 1379 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 401।</ref>


कुछ स्रोतों ने उनकी [[शहादत]] के दिन को 3 रजब बताया है <ref> नौबख्ती, फ़ेर्क़ अल-शिया, दार अल-अज़वा, पृष्ठ 92; इब्न शहर आशोब, मनाकिब अल अबी तालिब, 1379 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 401।</ref> और अन्य ने 25 या 26 जमादी अल-सानी बताया है। <ref> अर्बेली, कश्फ़ अल-ग़ुम्मह, 2013, खंड 2, पृष्ठ 375</ref> ईरान के इस्लामी गणराज्य के आधिकारिक कैलेंडर में, 3 रजब को उनकी शहादत के दिन के रूप में दर्ज किया गया है।
कुछ स्रोतों ने उनकी [[शहादत]] के दिन को [[3 रजब]] बताया है <ref> नौबख्ती, फ़ेर्क़ अल-शिया, दार अल-अज़वा, पृष्ठ 92; इब्न शहर आशोब, मनाकिब अल अबी तालिब, 1379 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 401।</ref> और अन्य ने 25 या [[26 जमादी अल सानी]] बताया है। <ref> अर्बेली, कश्फ़ अल-ग़ुम्मह, 2013, खंड 2, पृष्ठ 375</ref> ईरान के इस्लामी गणराज्य के आधिकारिक कैलेंडर में, 3 रजब को उनकी शहादत के दिन के रूप में दर्ज किया गया है।


चौथी चंद्र शताब्दी के इतिहासकार मसऊदी के अनुसार, [[इमाम हसन अस्करी (अ)]] ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लिया था। इमाम (अ) के शव को मूसा बिन बग़ा के घर के सामने वाली सड़क पर रखा गया था, और अब्बासी ख़लीफ़ा के अंतिम संस्कार में भाग लेने से पहले, इमाम अस्करी ने अपने पिता के पार्थिव शरीर पर प्रार्थना ([[नमाज़े जनाज़ा]]) की। मसऊदी ने इमाम हादी के अंतिम संस्कार में भारी भीड़ की सूचना दी है। <ref> मसऊदी, इसबातुल वसीयत, 1426 हिजरी, पृष्ठ 243।</ref>
चौथी चंद्र शताब्दी के इतिहासकार मसऊदी के अनुसार, [[इमाम हसन अस्करी (अ)]] ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लिया था। इमाम (अ) के शव को मूसा बिन बग़ा के घर के सामने वाली सड़क पर रखा गया था, और अब्बासी ख़लीफ़ा के अंतिम संस्कार में भाग लेने से पहले, इमाम अस्करी ने अपने पिता के पार्थिव शरीर पर प्रार्थना ([[नमाज़े जनाज़ा]]) की। मसऊदी ने इमाम हादी के अंतिम संस्कार में भारी भीड़ की सूचना दी है। <ref> मसऊदी, इसबातुल वसीयत, 1426 हिजरी, पृष्ठ 243।</ref>
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