wikishia:Good articles/2023/39

wikishia से
चौथी या पाँचवी सदी हिजरी में कूफ़ी लिपि में लिखा गया कुरआन
चौथी या पाँचवी सदी हिजरी में कूफ़ी लिपि में लिखा गया कुरआन

कुरआने करीम, या क़ुरआन इस्लाम की पवित्र पुस्तक है। मुसलमानों का मानना है कि क़ुरआन अल्लाह का कलाम है जिसे फ़रिश्ता ए वही (रहस्योद्घाटन के दूत) जिब्राईल द्वारा हज़रत मुहम्मद (स) पर नाज़िल किया गया है। मुसलमानों का मानना है कि क़ुरान के शब्द और अर्थ दोनों अल्लाह की ओर से नाज़िल किए गए हैं। पैगंबर (स) के समय क़ुरआन की आयतें जानवरों की खाल, खजूर की शाखाओ, काग़ज़ और कपड़े पर लिखी हुई थी, जिन्हें आपके पश्चात एकत्र करके एक पुस्तक का रूप दिया गया।

क़ुरआन के विभिन्न नामों का उल्लेख किया गया है, जिनमें क़ुरआन, फ़ुरक़ान, अल-किताब और मुस्हफ अधिक लोकप्रिय हैं। क़ुरआन 114 सूरों लगभग 6 हजार आयतों, 30 पारों और 120 अध्यायों में विभाजित है।

चौथी शताब्दी हिजरी तक, मुसलमानों के बीच क़ुरान के विभिन्न पाठ (क़राअतें) प्रचलित थे, जिसके मुख्य कारण क़ुरआन के विभिन्न संस्करणों का अस्तित्व, अरबी लिपि के प्रारंभिक चरण और विभिन्न पाठकों की व्यक्तिगत प्राथमिकताएं थीं। चौथी शताब्दी में विभिन्न पाठों में से केवल सात पाठ (सात क़ारियो) का चयन किया गया। इस समय मुसलमानों के बीच सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय पाठ (क़राअत) हफ्स की रिवायत के अनुसार क़िराअते आसिम है।

क़ुरआन को अरबी भाषा में उतारा गया है, जिसके कारण गैर-अरब मुसलमान इसे आसानी से नहीं समझ सकते हैं, इसलिए क़ुरआन का अनुवाद दुनिया की लगभग सभी जीवित भाषाओं में किया गया है ताकि हर मुसलमान इसे आसानी से समझ सके। क़ुरआन के अनुवाद का इतिहास पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि क़ुरआन के पहले अनुवादक सलमान फ़ारसी थे जिन्होंने चौथी शताब्दी में बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम का फारसी में अनुवाद किया और क़ुरआन का अनुवाद छठी शताब्दी में लैटिन भाषा में किया गया।

वर्तमान मे क़ुरआन से संबंधित विभिन्न विज्ञान मुसलमानों में प्रचलित हैं, जिनमें तफ़सीरे क़ुरआन, तारीख़े क़ुरआन, इल्मे लुग़ाते क़ुरआन (क़ुरआन शब्दकोश का ज्ञान), इल्मे एराब वा बलाग़ते क़ुरआन, क़िसासे क़ुरआन और एजाज़ उल-क़ुरआन आदि सम्मिलित है।

ख़त्मे क़ुरआन पैगंबर (स) के समय से मुसलमानों के बीच प्रचलित सुन्नतों में से एक है। यह काम व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों तरह से किया जाता है। सिर पर क़ुरआन उठाना शबे क़द्र के आमाल मे से है, जिसमें सिर पर क़ुरआन उठाकर, ख़ुदा, क़ुरआन और मासूमीन से मध्यस्थता करके ख़ुदा से गुनाहों की माफ़ी माँगी जाती है।

पूरा लेख ...

अन्य अच्छे लेख: लुआ त्रुटि Module:Wikishia में पंक्ति 25 पर: attempt to call global 'fgetGAlist' (a nil value)।
What are the good articles?