शबे-क़द्र के आमाल
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मुश्तरक आमाल
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उन्नीसवीं रात
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- सौ बार اَستَغفِرُالله رَبّی و اَتوبُ اِلیه (अस्तग़फ़िरूल्लाहा रब्बी वा अतूबू इलैह) पढ़ना
- सौ बार اَلّلهمَّ العَن قَتَلَة اَمیرِالمُؤمِنینَ (अल्लाह हुम्मलअन क़ता-लता अमीरिल मोमेनीन) का विरद करना
- दुआ ए: اَللّهمَّ اْجْعَلْ فیما تَقْضی وَتُقَدِّرُ مِنَ الاَْمْرِ الْمَحْتُومِ (अल्ला हुम्मज्अल फ़ीमा तक़ज़ी वा तोक़द्देरो मिनल अमरिल महतूम)... पढ़ना
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इक्कीसवीं रात
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- रमज़ान के अंतिम दस दिनो से संबंधित दुआओ का पढ़ना
- दुआ ए:یا مُولِجَ اللَّیلِ فِی النَّهارِ (या मूलेजल लैले फ़िन्नहार...) ...पढ़ना
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तेइसवीं रात
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- रमज़ान के अंतिम दस दिनो से संबंधित दुआओ का पढ़ना
- सूरा ए अंकबूत، सूरा ए रूम और सूरा ए दुख़ान की तिलावत करना
- हज़ार बार सूरा ए क़द्र पढ़ना
- दुआ ए जोशन ए कबीर، [[दुआ ए मकारेमुल अख़लाक़] और दुआ ए इफ़्तेताह पढ़ना
- रात के शुरूआती और आखरी हिस्से मे ग़ुस्ल करना
- दुआ ए: اَللَّهمَّ امْدُدْ لِی فِی عُمُرِی وَ أَوْسِعْ لِی فِی رِزْقِی... (अल्लाह हुम्मम दुद ली फ़ी उमोरी वा औसे ली फ़ी रिज़्क़ी...) पढ़ना
- दुआ ए: اَللَّهمَّ اجْعَلْ فِیمَا تَقْضِی وَ فِیمَا تُقَدِّرُ مِنَ الْأَمْرِ الْمَحْتُومِ...(अल्ला हुम्मज्अल फ़ीमा तक़्ज़ी वा फ़ीमा तोक़द्देरो मिनल अम्रिल महतूमे...)पढ़ना
- दुआ ए: ...یا بَاطِنا فِی ظُهورِه وَ یا ظَاهرا فِی بُطُونِه (या बातेना फ़ी ज़ोहूरेहि वा या ज़ाहेरन फ़ी बोतूनेहि...) पढ़ना
- इमाम महदी (अ.त.) की सलामती के लिए दुआ ए फ़रज पढ़ना
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