मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा (किताब)

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न्यायविदों के वर्गों का विश्वकोष अर्थात मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा (अरबीः موسوعة طبقات الفقهاء), अरबी भाषा में न्यायशास्त्रियों के वर्गो का विश्वकोश है जिसमें 14वीं शताब्दी हिजरी के अंत तक 5976 इस्लामी स्कूलों के न्यायविदों का परिचय शामिल है। यह पुस्तक ईरान के इस्लामिक गणराज्य के वार्षिक पुस्तक समारोह में चयनित कार्यों में से एक है जिसे शिया मरज ए तक़लीद जाफ़र सुब्हानी (जन्म 308) और लेखकों के एक समूह द्वारा संयुक्त रूप से संकलित किया गया है।

प्रत्येक फ़क़ीह के जीवनवृत्त, वैज्ञानिक गतिविधियों के साथ-साथ युग की ऐतिहासिक घटनाओं को प्रस्तुत करना, न्यायशास्त्रियों के बीच सामान्य नामों और उपाधियों के बीच अंतर करना, सरल अभिव्यक्ति और अतिशयोक्ति से बचना पुस्तक की विशेषताओं में से हैं। पुस्तक में दो खंडों पर आधारित प्रस्तावना शामिल है और पुस्तक की मुख्य सामग्री में चौदह भाग शामिल हैं, पहला भाग पैगंबर (स) के समय के न्यायविदों और ताबेईन के विषयों से संबंधित है। उसके बाद दूसरे से चौदहवें भाग तक उन्होंने दूसरे से चौदहवीं शताब्दी के न्यायविदों का परिचय दिया और प्रत्येक भाग में एक शताब्दी के न्यायविदों का परिचय दिया गया है।

स्थान और महत्व

1999 ई में इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की पुस्तक के 17वें संस्करण में तबकात अल-फ़ुक़्हा विश्वकोश को धर्म के विषय पर एक चयनित आधिकारिक कार्य के रूप में मान्यता दी गई।[१] यह पुस्तक शिया मरजा ए तक़लीद जाफ़र सुब्हानी और लेखको के एक समूह के सहयोग द्वारा संकलित की गई थी।[२]

जाफ़र सुब्हानी के अनुसार, मुस्लिम न्यायविदों और विद्वानों को प्रस्तुत करने वाले अन्य कार्यों के विपरीत, जो केवल कुछ संप्रदायों के विद्वानों के जीवन से संबंधित हैं,[३] इस कार्य में सभी इस्लामी संप्रदायों के न्यायविदों की जीवनी और जानकारी शामिल है।[४] और समय के हिसाब से इसमें इस्लाम की शुरुआत से चौदहवी शताब्दी तक के न्यायविद भी शामिल हैं। किताब चौदह भागो में लिखी गई है और प्रत्येक भाग एक सदी के न्यायविदों को समर्पित है।[५]

लेखक

न्यायविदों के वर्गों का विश्वकोश इमाम सादिक़ (अ) संस्थान के वैज्ञानिक समूह के लेखकों के एक समूह द्वारा क़ुम मे लिखा गया था,[६] जिनमें सैयद मुहम्मद हुसैन मुदर्रेसी यज़्दी, सय्यद मुहम्मद काज़िम मुदर्रेसी यज़्दी, सय्यद मुहम्मद काज़िम हकीम ज़ादे, हैदर मुहम्मद बग़दादी, सय्यद अहमद फ़ाज़ेली बियाराजमंदी, यहया सादेक़ी, कासिम शीरज़ादेह और मुहम्मद अल-शवैली[७] शामिल है। इस पुस्तक की विस्तृत प्रस्तावना जाफ़र सुब्हानी द्वारा लिखी गई है और वह पुस्तक के लेखन के प्रभारी भी रहे है।[८]

विशेषताएं

  1. पुस्तक की कुछ विशेषताएं हैं:
  2. इसमें सभी इस्लामी मजहबो के न्यायविद शामिल हैं, यहाँ तक कि किसी मज़हब के कुछ न्यायविद जो कुछ समय बाद गायब हो गए उनको भी शामिल करती हैं।
  3. साझा नाम और उपनाम में अंतर किया गया है और अनुवाद तथा रेजाल की पुस्तकों के रचयिताओं द्वारा अनेक त्रुटियों को कारण सहित इंगित किया गया है।
  4. न्यायशास्त्रियों की जीवनी, उनकी वैज्ञानिक गतिविधियों का वर्णन तथा न्यायशास्त्रियों के युग की ऐतिहासिक घटनाओं की विवेचना की गई है।
  5. प्रत्येक भाग मे "वर्णमाला" के अक्षरों पर न्यायविदो की जीवनी आधारित है तथा प्रत्येक भाग के अन्त में वर्णानुक्रम सूची के अतिरिक्त मृत्यु वर्ष पर केन्द्रित न्यायविदो के नामों की सूची भी व्यवस्थित है। .
  6. यह सरल अभिव्यक्ति और अतिशयोक्ति से दूर लिखा गया है।[९]

कंटेंट

पुस्तक में प्रस्तावन के दो भाग[१०] और चौदह भाग[११] शामिल हैं, जिसमें चौदहवीं शताब्दी के अंत तक[१२] 5976 इस्लामी न्यायविदों की जीवनी का वर्णन किया गया है। प्रस्तावना जाफ़र सुब्हानी[१३] द्वारा लिखी गई है और इसमें उठाए गए विषय निम्नलिखित हैं:

  • पहला भाग, प्रस्तावना जिसमें छह अध्याय हैं:
  1. पहला अध्याय: इस्लामी कानून के प्रामाणिक स्रोत, जिसमें कुरआन, सुन्नत, इज्मा, अक़ल, उर्फ़ (जनता) और सीरत पर चर्चा की गई है।
  2. दूसार अध्याय: सुन्नियों के बीच क़ानून के स्रोत
  3. तीसरा अध्याय: शरई अहकाम को प्राप्त करने में समय और स्थान का प्रभाव
  4. चौथा अध्याय: शिया और सुन्नियों की हदीसी धरोहर
  5. पांचवा अध्याय: शियो और सुन्नियों के बीच न्यायशास्त्रीय विरासत
  6. छठा अध्याय: शिया और सुन्नी में न्यायशास्त्र के सिद्धांतों का इतिहास[१४]
  • दूसरा भाग, जिसमे प्रस्तावना के अलावा, शियो और सुन्नियों के बीच न्यायशास्त्र के पाठ्यक्रम शामिल हैं।[१५]

पहले भाग की मुख्य सामग्री सहाबा और ताबेइन के युग के न्यायविदों के बारे में है।[१६] दूसरे से चौदहवें भाग तक, प्रत्येक भाग में, एक शताब्दी के न्यायविदों को पेश किया गया है; अर्थात्, दूसरी से चौदहवीं शताब्दी तक के न्यायविदों का परिचय दिया गया है।[१७]

मुद्रण और प्रकाशन

यह पुस्तक 1418 हिजरी में क़ुम में इमाम सादिक़ (अ) संस्थान द्वारा प्रकाशित की गई।[१८] यह पुस्तक दार अल-अज़्वा पब्लिशिंग हाउस द्वारा 1420 हिजरी में लेबनान में भी प्रकाशित हुई है।[१९]

फ़ुटनोट

  1. मोअर्रफ़ी ए बरगुज़ीदेगान हीफ़दहूमीन दौरा ए किताबे साल व हफ़्तुमीन दौरा ए एताए जाएज़ा जहानी किताबे साल जम्हूरी इस्लामी ईरान, पेज 19-20
  2. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, पेज 1, मुक़द्दमा
  3. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, पेज 1, मुक़द्दमा
  4. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, पेज 1, मुक़द्दमा
  5. मुदर्रेसी यज़्दी, सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, पेज 85-86
  6. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, पेज 1, मुक़द्दमा
  7. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, पेज 1, मुक़द्दमा
  8. गंजी, मुसाहेबा बा आयतुल्लाह जाफ़र सुब्हानी दर बारा ए मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, पेज 19
  9. मुदर्रेसी यज़्दी, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, पेज 85-86
  10. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, मुक़द्दमा, भाग 1-2
  11. सुब्हानी वा हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक्हा, 1418 हिजरी, भाग 14, शनास नामा किताब
  12. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, भाग 14, पेज 1110-1111
  13. गंजी, मुसाहेबा बा आयतुल्लाह जाफ़र सुब्हानी दर बारा ए मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, पेज 19
  14. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, मुक़द्दमा, भाग 1, पेज 469-480
  15. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, मुक़द्दमा, भाग 1, पेज 489-505
  16. सुब्हानी व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, 1418 हिजरी, भाग 1, पेज 3
  17. मुदर्रेसी यज़्दी, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, पेज 85
  18. सुब्हानी वा हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक्हा, 1418 हिजरी, भाग 1, शनास नामा किताब
  19. सुब्हानी वा हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक्हा, 1420 हिजरी, भाग 1, शनास नामा किताब == स्रोत ==
  • सुब्हानी, जाफ़र व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, बैरूत, दार अल अज़्वा, 1420 हिजरी
  • सुब्हानी, जाफ़र व हमकारान, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, क़ुम, मोअस्सेसा इमाम सादिक़ (अ), 1418 हिजरी
  • गंजी, अली रज़ा, मुसाहेबा बा आयतुल्लाह सुब्हानी दर बारा ए मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, दर मजल्ले किताब माह दीन, क्रमांक 49-50, आबान व आज़र 1380 शम्सी
  • मुदर्रेसी यज़्दी, सय्यद मुहम्मद काज़िम, मौसूआ तबक़ात अल फ़ुक़्हा, दर मजल्ले पुज़ूहिश व हौज़ा, क्रमांक 2, ताबिस्तान, 1379 शम्सी
  • मोअर्रफ़ी बरगुजीदगान हीफ़दहूमीन दौरा ए किताबे साल व हफ़्तुमीन दौरा ए एताए जाएज़ा जहानी किताबे साल जम्हूरी इस्लामी ईरान, दर माहनामा किताब माह कुल्लीयात, क्रमांक 27-28, इस्फ़ंद 1378 व फ़रवरदीन 1379 शम्सी