मूकिब
मूकिब (अरबी: موکب) या शिविर एक सर्विस स्टेशन है जहां शिया धार्मिक स्थलों या अवसरों पर तीर्थयात्रियों और लोगों को मुफ्त भोजन, चाय और शरबत वितरित किया जाता है। अरबईन पैदल मार्ग पर, आवास, स्वास्थ्य और उपचार सेवाओं, शरीर और पैरों की मालिश, और उपकरण की मरम्मत के लिए मूकिब होते हैं। मूकिब शब्द इराकी शिया संस्कृति में आम था और ईरानी कैलेंडर के 90 के दशक में इसे ईरान में स्थानांतरित कर दिया गया। इससे पहले, ईरान में मूकिब के समान अर्थ वाला शब्द "ईस्तगाहे सलावाती" अर्थात निशुल्क सेवा का प्रयोग होता था।
मूकिब शब्द का उपयोग अरब शिया संस्कृति में "शोक जुलूस" को संदर्भित करने के लिए भी किया जाता है। इराक़ मे़ दो शब्द "मूकिबे अज़ा अर्थात शोक शिविर" और "मूकिबे ख़िदमी अर्थात सेवा शिविर" का प्रयोग होता है। भारत और पाकिस्तान मे भी मूकिब लगाने का रिवाज है। शिविर अर्थात मूकिब के बजट का प्रबंध आमतौर पर लोगो और लाभार्थियो (ख़य्येरीन) द्वारा किया जाता है।
शब्दार्थ और इतिहास
शिविर या मूकिब ऐसे सर्विस स्टेशन को कहा जाता है[१] जहां शिया धार्मिक स्थलों[२] या अवसरों[३] पर तीर्थयात्रियों और लोगों को मुफ्त भोजन, चाय और शरबत वितरित किया जाता है। मूकिब कपड़े से बने तंबूओ या इमारतों में आयोजित किए जाते हैं।[४]
पृष्ठभूमि
मूकिब शब्द अरब शिया संस्कृति में डैलीगेशन[५] शोक दल[६] और अन्य समूह आंदोलनों को संदर्भित करने के लिए उपयोग किया जाता है जो शोक और मार्च के रूप में किया जाता है।[७][नोट १] 1347 शम्सी अर्थात 1968 के आसपास लिखी गई किताब अदबुत-तफ में मूकिब (शोक दलो) के संबंध मे सूचना दी गई है[८] कि अरबाईन के करीब के दिनों में कर्बला के आस-पास के विभिन्न क्षेत्रों से आते थे तंबू लगाते थे और तीर्थयात्रियों का स्वागत और सत्कार करते थे।[९]
1395 शम्सी (2016 ई) में इराक से प्रकाशित होने वाली किताब "फरहंगे सोग शीई" के अनुसार, अरबाईन के दिनों मे तीर्थयात्रियों का स्वागत और सत्कार करने वाले टेंट और स्थानों को भी मूकिब कहा जाता है।[१०] इस देश मे मूकिब जहां अज़ादारी होती है या जहा सेवाए प्रदान की जाती है उनके बीच अंतर करने के लिए दो शब्दो "मूकिबे अज़ा अर्थात शोक शिविर" और " मूकिबे ख़िदमी अर्थात सेवा शिविर" का उपयोग किया जाता है।[११]
मूकिब शब्द ईरानी कैलेंडर के 90 के दशक में इराक़ से ईरान स्थानांतरित कर दिया गया;[१२] इससे पहले, ईरान में मूकिब के समान अर्थ वाला शब्द "ईस्तगाहे सलावाती" अर्थात निशुल्क सेवा[नोट २] का प्रयोग होता था।[१३] दो शब्द "मूकिब" और "स्टेशन" " ईस्तगाहे सलावाती" अर्थात निशुल्क सेवा ईरान के फ़ारसी बोलने वालों के बीच एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किया जाता है।[१४]
सेवाएं
शिविरो, सेवा केंद्रो मे प्रदान की जाने वाली सेवाए निशुल्क होती है जिनमे भोजन, चाय, शरबत[१५] जूता पॉलिश[१६] इत्यादि का वितरण सम्मिलित है। अरबाईन वॉक मे मूकिबो मे भोजन, आवास, स्वास्थ्य और उपचार सेवाओं के अलावा, शरीर और पैरों की मालिश और उपकरणों की मरम्मत भी की जाती है।[१७]
कुछ मूकिब अप्रत्याशित घटनाओं जैसे बाढ़ और भूकंप में भोजन, टेंट, कंबल और पानी जैसी आवश्यक वस्तुओं का वितरण करते हैं।[१८] मूकिब के बजट का प्रबंध और इसमें प्रदान की जाने वाली सेवाएं सार्वजनिक दान[१९] और कभी-कभी सरकार के माध्यम से किया जाता है।[२०]
मूकिब का समय और स्थान
शिया धार्मिक अवसरों जिनमें अरबाईन वॉक[२१], मुहर्रम[२२], 15 शाबान[२३], और मासूमों की शहादत और जन्म दिवस पर[२४] शिया निवासी स्थानो मे मूकिब लगाए जाते है। इसी प्रकार शिया धार्मिक स्थानों, जैसे आइम्मा (अ) की दरगाहो अर्थात हरम में तीर्थयात्रीयो को सेवा प्रदान करने के लिए मूकिब लगाए जाते हैं।[२५]
15 शाबान वॉक में भी जोकि हर साल 15 शाबान के दिनों में नजफ़ से कर्बला तक के मार्ग पर मूकिब लगाए जाते है।[२६] इसके अलावा ईद ग़दीर 2022 में "मेहमानी ए दह किलो मितरी" नामक उत्सव में लगभग 350 मूकिब तेहरान में लगाकर लोगों का स्वागत सत्कार किया गया।[२७]
अरबाईन वॉक पर मूकिब
- मुख़्य लेख: अरबाईन वॉक
अरबाईन वॉक पर इराक के धार्मिक समुदायों, क्षेत्र के स्थानीय खानाबदोशों और प्रत्येक मार्ग के आसपास के गांवों के निवासियों द्वारा मूकिब लगाए जाते हैं[२८] और उनका प्रबंधन इराकी सरकार की ओर से स्वतंत्र है।[२९]
इमाम हुसैन (अ) और हज़रत अब्बास (अ) के हरम की देखरेख में काम करने वाले "एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ राइट्स, प्रोसेशंस एंड श्राइन्स इन इराक़" की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के अरबाईन मे पूरे इराक़ देश में 32 हज़ार मूकिब लगाए गए थे।[३०] हज़रत अब्बास (अ) के हरम की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के अरबाईन के दौरान कर्बला और इसकी ओर जाने वाली सड़कों पर 14500 मूकिब सक्रिय थे, जिनमें से 300 मूकिब ईरान सहित अन्य देशों के थे।[३१] हज़रत अब्बास (अ) के हरम ने 2022 के अरबाईन मे कर्बला और इसकी ओर आने वाली सड़को पर वितरित भोजन की संख्या चार मिलियन से अधिक बताई है।[३२]
शिया देशों मे मूकिब
इराक़ और ईरान को छोड़कर, कुछ अन्य शिया निवासी देशों में मूकिब लगाए जाते हैं।[३३] पाकिस्तान और भारत में इन स्थानो पर जब वे पेय वितरित करते हैं तो "सबील" कहते है[३४] और जब भोजन वितरित करते है तो "नियाज़े- हुसैन" कहते हैं।[३५][नोट ३] पाकिस्तान में सुन्नी मुस्लमान भी मुहर्रम के महीने मे सबील और नियाज़े हुसैन का प्रबंध करते हैं।[३६] पाकिस्तान मे इन दिनो हलीम और बिरयानी वितरित की जाती हैं।[३७]
नोट
- ↑ चौथी और पांचवीं चंद्र शताब्दी की कुछ शब्दकोश पुस्तकों मे मूकिब का अर्थ "घुड़सवार अथवा पैदल चलने वाला समूह" माना जाता है। (इब्ने दुरैद, जमहरा तुल लुगत, वकब शब्द के अंतर्गत, 1988 ई, भाग 1, पेज 378; इब्ने सय्यदेह, अल-मोहकम वल मोहीत अल-आज़म, 1421 हिजरी, भाग 7, पेज 153) कुछ लोग इमाम हुसैन (अ) के कारवां का उल्लेख "अल-मूकिब अल-हुसैनी" को भी कहते हैं। (नकदी, ज़ैनब अल-कुबरा, मंशूराते मकतबतुल मुफ़ीद, पेज 93) हर साल आठ मोहर्रम को जो जुलूसे अज़ा ज़नजान के हुसैनिया ए आज़म से निकलता है, मूकिबे अज़ादारान हुसैने आज़म ज़नजान कहते है। दूसरी रिवायत मे योम ए अब्बास पर ज़नजान मे प्यार और स्नेह का वर्णन, खबर गुज़ारी जमहूरी इस्लामी
- ↑ सलावाती स्टेशन: धार्मिक पहलू का एक विशेष स्थान, जहाँ वे बिना भुगतान के सलवात का पाठ करने पर भोजन प्राप्त करते हैं। (मोईन, फ़रहंगे फ़ारसी मोईन, भाग 1 (आ-हा),1384 शम्सी ईस्तगाह शब्द के अंतर्गत)
- ↑ पाकिस्तान मे जहा भोजन का वितरण होता है लंगरे हुसैनी कहा जाता है। («Ashura observed peacefully in Khyber Pakhtunkhwa»، DAWN.)
फ़ुटनोट
- ↑ हमए चीज़ दर मोरिदे मूकिब हाए अरबाईन, बिलीत ईंजा
- ↑ देखेः मूकिब दारान सरासरे किश्वर अज़ ज़ाएरान दर जवारे हरमे मुताहरे इमाम रज़ा (अ) पज़ीराई मी कुनंद, खबर गुज़ारी ए तसनीम, मवाकेबुल खिदमतुल हुसैनीया तफततेहो मवाईदहा अल-रमज़ानियाता लेइफ़्तारिज़ जाएरीन, शबकतुल कफ़ीलुल आलमीया
- ↑ देखेः बरनामेहाए मोहर्रम व सफ़र दर मनतक़े 14, हमशहरी ऑन लाइन, (साइते ख़बरी रोज़नामे हमशहरी), 200 मूकिब मरदुमी अय्यामे नीमे शाबान दर क़ुम बे ज़ाएरान खिदमत रसानी मी कुनंद, खबर गुज़ारी तसनीम
- ↑ इस्हाक़ी, प्यादारवी अरबाईन, पेज 100
- ↑ इस्हाक़ी, मूकिब, पेज 481
- ↑ देखेः बेमुशारेकते अकसर मिन 200 मूकिबे अज़ा ... अतबाते कर्बला, अल-अतबतुल हुसैनीया अल-मुकद्देसा
- ↑ मोहद्देसी, फ़रहंगे आशूरा, 1376 शम्सी, पेज 175
- ↑ इस्फ़ंदयारी, किताब शनासी तारीखे इमाम हुसैन (अ), 1380 शम्सी, पेज 178
- ↑ शब्बर, अदबुत-तफ़, 1409 हिजरी, भाग 1, पेज 42
- ↑ इस्हाक़ी, प्यादारवी अरबाईन, पेज 100
- ↑ देखेः अल-अतबतुल अब्बासीया अल-मुकद्देसा तरफ़दा मवाक़िब अल-ख़िदमतुल हुसैनीया बे मवाद्दे ग़िज़ाइय्या, शबकतुल कफ़ीलुल आलमीया
- ↑ देखेः राह अंदाज़ी 100 मूकिब पज़ीराई हैअतहाए मज़हबी ऐलाम दर अरबईन 1396, ख़बर गुज़ारी जमहूरी इस्लामी (इरना), हज़ीने 60 मिलयारद तूमानी मूकिब दाराने ख़ूज़िस्तानी दर अय्यामे अरबाईन, खबर ग़ुज़ारी मेहेर
- ↑ देखेः दर सालरोज़े रहलते इमाम खुमैनी, पेज 199
- ↑ देखेः इन मूकिब 60 रोज़ मेज़बान बि ख़ानूमानहा अस्त, साइत रोज़ नामा हमशहरी, लीस्त ईस्तगाहाए सलवाती हमदान, ख़बरग़ुज़ारी फ़ार्स
- ↑ मूकिब हाए सरव ग़िज़ा दर प्यादारुए अरबाईन, अल-कौसर
- ↑ देखेः कफ़्फ़ाशाने मूकिब दर इंतेज़ार कफ्शहाए इमामे ज़मान (अ.त.), खबर गुज़ारी रस्मी हौज़ा
- ↑ इस्हाक़ी, प्यादारवी अरबाईन, पेज 100
- ↑ देखेः मूकिब हाए उस्ताने मरकज़ी दर नुक़ाते सेल जद़े फ़आल शुद, सुताद बाज़साज़ी अत्बाते आलियात, बरपाए मूकिब 1000 नफ़री दर मनातिक़े ज़लजले ज़दे ग़रबे किश्वर, खबर गुज़ारी तस्नीम, इस्तिक़रारे 6 मूकिबे अरबाईन दर मनातिक़े ज़लज़ले ज़दे अनदीका, खबर गुज़ारी जमहूरी इस्लामी (इर्ना)
- ↑ मिन ऐना तहसिलो अल-मवाकिब अल-हुसैनीया अला तमवील, अल-सूमरया
- ↑ देखेः इस्तिक़रारे मूकिबहाए जिहादे किशावर्ज़ी उस्तान दर मर्ज़ मीर जावा बराय अरबाईन, खबर गुज़ारी दानिश जूयाने ईरान (इर्ना), इराए ख़िदमात बे ज़ायेराने हुसैनी दर 43 मूकिबे दाखेली वा ख़ारेजी दर कुर्दिस्तान, खबर गुज़ारी कुर्द प्रेस
- ↑ इस्हाक़ी, प्यादारवी अरबाईन, पेज 100
- ↑ देखेः बरनामा हाए मोहर्रम वा सफ़र दर मनतक़े 14, हमशहरी ऑनलाइन (साइट खबरी रोज़नामा हमशहरी)
- ↑ देखेः 200 मुकिबे मरदुमी अय्यामे नीमे शाबान दर क़ुम बे जायराने ख़िदमत रसानी मी कुनंद, खबर गुज़ारी तस्नीम
- ↑ देखेः पज़ीराई बीश अज 20 नफ़र दर अय्यामे शहादत इमाम सादिक़ (अ), खबर गुज़ारी रस्मी हौज़ा, बरपाए मूकिब इमामे रजा (अ) दर दहे करामत, खबर गुज़ारी रज़वी
- ↑ देखेः मूकिब दारान सरासरे किश्वर अज़ ज़ायराने दर जवारे हरमे मुताहर इमाम रज़ा (अ) पज़ीराई मी कुनंद, खबर गुज़ारी तस्नीम, मवाकिबुल ख़िदमा अल-हुसैनीया तफततेहो मवाईदहा अल-रमज़ानीयाते लिल इफ्तारिज-ज़ायरीन, शबकतुल कफ़ील अल-आलमीया
- ↑ देखेः जुज़्ईयाते मेज़बानी मूकिबे ईरानी खुद्दामुल हुसैन अज़ जाय़रान प्यादारवी नीमा ए शाबान, खबर गुज़ारी दानिशजूयाने ईरान (इर्ना)
- ↑ दर महमूनी 10 किलीमित्री ख़याबाने वली अस्र चे गुज़्श्त, खबर गुज़ारी दानिशजू
- ↑ इस्हाक़ी, प्यादारवी अरबाईन, पेज 100
- ↑ इस्हाक़ी, प्यादारवी अरबाईन, पेज 100
- ↑ एहसाइयाते हौला अददिल मवाकिब अल-खदमिया वल अज़ाइया वा वजबातित तआम वल ख़िदमात अल-तिब्बी वा अददिल मत्तूईन बिल अरबाईनीया, खबर गुज़ारी शफ़क़्ना
- ↑ ज़ुज्इयात ख़िदमात एराय शुदे अज सूए आस्ताने क़ुद्से अब्बासी दर अरबाईने हुसैनी, शबका ए जहानी अल-कफ़ील
- ↑ ज़ुज्इयात ख़िदमात एराय शुदे अज सूए आस्ताने क़ुद्से अब्बासी दर अरबाईने हुसैनी, शबका ए जहानी अल-कफ़ील
- ↑ देखेः Holding on to the tradition of setting up sabeels DAWN.
- ↑ देखेः Holding on to the tradition of setting up sabeels DAWN. इमाम हुसैन के यौमे विलादत पर शहर मे जगह जगह हुआ सबीलो का एहतेमाम, अखबार आप का
- ↑ Trend of ‘Niaz’ distribution on Ashura still alive across country»، Daily Pakistan Ashura observed peacefully in Khyber Pakhtunkhwa» DAWN.
- ↑ SWAT organized a Sabeel on the 10th of Muharram»، Daily Azb.
- ↑ Trend of ‘Niaz’ distribution on Ashura still alive across country»، Daily Pakistan.
स्रोत्र
- 1800 मूकिबे ईरानी बे ज़ायरान अरबाईन दर इराक खिदमत रसानी मी कुनंद, खबर गुज़ारी तस्नीम, 12 शहरीवर 1401 शम्सी, तारीखे वीजीट 31 शहरीवर 1401 शम्सी
- 200 मुकिब मरदुमी अय्यामे नीमा ए शाबान दर क़ुम बे ज़ायरान खिदमत रसानी मी कुनंद, खबर गुज़ारी तस्नीम, तारीखे दर्ज मतलब 25 इस्फ़ंद 1400 शम्सी, तारीख वीजीट 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- इब्ने दुरैद, मुहम्मद बिन जमहरातुल लुग़त, बैरूत, दार उल इल्म लिल मलाईन, 1988 ई
- इब्ने सय्यादेह, अली बिन इस्माईल, अल-मोहकम वल मोहीत अल-आज़म, बैरूत, दार उल कुतुब अल-इल्मीया, बे तस्हीह वा तहक़ीक अब्दुल हमीद हिंदावी, 1421 हिजरी
- एहसाइयाते हौला अददिल मवाकिब अल-खदमिया वल अज़ाइया वा वजबातित तआम वल ख़िदमात अल-तिब्बी वा अददिल मत्तूईन बिल अरबाईनीया, खबर गुज़ारी शफ़क़्ना, तारीखे दर्जे मतलब 10 अक्टूबर 2020 ईर, तारीखे वीजीट 21 शहरीवर 1401 शम्सी
- एराए खिदमात बे ज़ायराने हुसैनी दर 43 मूकिबे दाखली वल ख़ारजी दर कुर्दिस्तान, खबर गुज़ारी कुर्द प्रेस, तारीखे दर्जे मतलब, 14 शहरीवर 1401 शम्सी, तारीखे वीजीट 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- इस्तिक़रार 6 मूकिब अरबाईन दर मनातिक़े ज़लज़ले ज़दे अंदीका, खबर गुज़ारी जमहूरी इस्लामी (इर्ना), तारीखे दर्जे मतलब 28 मेहेर 1400 शम्सी, तारीखे वीजीट 29 शहरीवर 1400 शम्सी
- इस्फ़ंदयारी, मुहम्मद, किताब शनाशी तारीखे इमाम हुसैन (बे ज़मीमे इमाम हुसैन दर ज़रिया), तेहरान, वज़ारते फ़रहंग वा इरशादे इस्लामी, 1380 शम्सी
- इस्तिक़रारे मूकिब हाए जिहादे किशावर्ज़ी उस्ताने दर मर्जे मीरजावा बराए जव्वारे अरबाईन, खबर गुज़ारी दानिशजूयाने ईरान (इर्ना), तारीखे दर्जे मतलब 7 शहरीवर 1401 शम्सी, तारीखे वीजीट 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- इमाम हुसैन के यौमे विलादत पर शहर मे जगह जगह हुआ सबीलो का एहतेमाम, अखबार आप का, तारीखे दर्जे मतलब 10 अप्रैल 2019 ई, तारीखे वीजीट 22 शहरीवर 1401 शम्सी
- इन मूकिब 60 रोज़ मेज़बाने बीख़ानुमहा अस्त, साइट रोज़नामा हमशहरी, तारीखे दर्जे मतलब, 12 मेहेर 1400 शम्सी, तारीखे वीजीट 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- बरपाई मूकिबे इमाम रज़ा (अ) दर दहे करामत, खबर गुज़ारी ऱजवी, तारीखे दर्जे मतलब 13 तीर 1397 शम्सी, तारीखे वीजीट 16 शहरीवर 1401 शम्सी
- बरनामा हाए मोहर्रम वा सफ़र दर मनतक़े 14, हमशहरी ऑनलाइन, (हमशहरी समाचार पत्र की साइट) तारीखे दर्जे मतलब 18 मुरदाद 1401 शम्सी, तारीखे वीजीट 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- बेमुशारेकते अकसर मिन 200 मूकिबे अज़ा... अतबाते कर्बला, अल-अतबतुल हुसैनीया अल-मुकद्देसा, तारीखे दर्जे मतलब 26 जून 2022 ई
- पज़ीराई बीश अज़ 20 नफर दर अय्यामे शहादत इमाम सादिक़ (अ), खबर गुज़ारी रस्मी हौज़ा, तारीखे दर्जे मतलब, 9 तीर 1398 शम्सी, तारीखे वीजीट 6 मेहेर 1401 शम्सी
- जुज़ईयाते खिदमात एराए शुदे अज सूए आस्ताने कुद्से अब्बासी दर अरबाईन हुसैनी, शबका ए जहानी अल-कफ़ील, तारीखे दर्जे मतलब 17 सितम्बर 2022 ई. तारीखे वीजीट 31 शहरीवर 1401 शम्सी
- जुज़ईयाते मेज़बानी मूकिब ईरानी खुद्दामुल हुसैन अज़ ज़ायराने पयादारवी नीमा ए शाबान, खबर गुजारी दानिशजूयाने ईरान (इर्ना), तारीखे दर्जे मतलब 31 अरदीबहिश्त 1395 शम्सी, तारीख वीजीट 6 मेहेर 1401 शम्सी
- दर सालरोज़े रहलते इमाम खुमैनी, दर मजल्ले मिश्कात, क्रमांक 27, ताबिस्तान 1369 शम्सी
- दर मेहमूनी 10 किलोमितरि खयाबान वली अस्र चे गुज़श्त, खबर गुज़ारी दानिशजू, तारीखे दर्जे मतलब 28 तीर 1401 शम्सी
- राहअंदाज़ी 100 मूकिब पज़ीराई हैयआत मज़हबी इलाम दर अरबाईन 96, खबर गुज़ारी इस्लामी (इर्ना), तारीखे दर्जे मतलब 19 मेहेर 1396 शम्सी, तारीखे वीजीट 21 शहरीवर 1401 शम्सी
- रिवायती दिगर अज़ इश्क़ वा दिलदादगी ज़नजानी दर यौमे अब्बास, खबर गुज़ारी जुमहूरी इस्लामी, तारीखे दर्जे मतलब 15 मुरदाद 1401 शम्सी, तारीखे वीजीट 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- शब्बर, जवाद, अदबुत तफ़ ओ शाअरल हुसैन, दार उल मुर्तज़ा, 1409 हिजरी
- अल-अतबतुल अब्बसीया अल-मुकद्देसा तुरफ़ेदो मवाकिबिल ख़िदमा अल-हुसैनीया बे मवाद्दे ग़िज़ाईया, शबकतुल कफील अल-आलमीया, तारीखे दर्जे मतलब 15 अगस्त 2021 ई, तारीखे वीजीट 21 शहरीवर 1401 शम्सी
- कफ़्फ़ाशाने मूकिब दर इंतेज़ार कफ़्श हाए इमाम ज़मान (अ.त.), खबर गुजारी रस्मी हौजा, तारीखे दर्जे मतलब 14 शहरीवर 1401 शम्सी, तारीख वीजीट 18 शहरीवर 1401 शम्सी
लीस्ट ईस्तगाहे सलवाती हमादान, खबर गुज़ारी फार्स, तारीखे दर्जे मतलब 14 शहरीवर 1401 शम्सी, तारीखे वीजीट 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- मेअतल मवाकिब अल-हुसैनी तोशारेको फ़ी तक़्दीमिल ख़िदमात ले ज़व्वारे अरबाईन, खबर गुज़ारी शफ़क़्ना, तारीखे दर्जे मतलब 9 सितम्बर 2022 ई, तारीखे वीजीज 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- मोहद्दिसी, जवाद, फ़रहंगे आशूरा, क़ुम, नश्रे मआरिफ, 1376 शम्सी
- मूकिब हाए उस्ताने मरकजी दर नुक़ाते सैल ज़दे फ़आल शुद, सुतादे बाज साजी अतबाते आलीया, तारीखे दर्जे मतलब, 1 बहमन 1398 शम्सी, तारीखे वीजीज 18 शहरीवर 1401 शम्सी
- इस्हाकी, पैमान, पयादे रूई अरबाईन, दर फ़रहंगे सोगे शिई, मुदीरे वा सरे वीस्तार मोहसिन हिसाम मज़ाहेरी, तेहरान, खैमा, 1395 शम्सी
- इस्हाकी, पैमान, मूकिब दर फ़रहंगे सोगे शीई, मुदीरे वा सरे वीस्तार मोहसिन हिसाम मज़ाहेरी, तेहरान, खैमा, 1395 शम्सी
- मोईन, मुहम्मद, फ़रहंगे फ़ारसी मोईन (6 खंडी), तेहरान, नामन, 1384 शम्सी
- मिन ऐना तहसेलो मवाकिब अल-हुसैनीया अलत तमवील, अल-सूमरिया, तारीखे दर्जे मतलब 29 अग्स्त 2018 ई, तारीखे वीजीट 17 शहरीवर 1401 शम्सी
- मवाकिब अल-खिदमा अल-हुसैनीया तफततेहो मवाईदहा अल-रमज़ानीया लिल इफ़्तार इज़ जाएरीन, शबकतुल कफील उल-आलमीया, ताऱीखे दर्जे मतलब 14 अप्रैल 2022 ई, तारीखे वीजीज 21 शहरीवर 1401 शम्सी
- मूकिब दारान सरा सरे किश्वर अज ज़ाएरान दर जवारे हरमे मुताहर इमाम रज़ा (अ) पज़ीराई मी कुनंद, खबर गुज़ारी तस्नीम, तारीखे दर्जे मतलब 19 खुरदाद 1401 शम्सी, तारीखे वीजीट 21 शहरीवर 1401 शम्सी
- मूकिबहाए सर्वे ग़िज़ा दर पयादरवी अरबाईन, अलकौसर, तारीखे दर्जे मतलब, 12 आबान 1396 शम्सी, तारीखे वीजीट 18 शहरिवार 1401 शम्सी
- मूकिबहाए मरदुमी जश्ने ईद-गदीरे ख़ुम दर शीराज़, खबर गुज़ारी मेहेर, तारीखे दर्जे मतलब 27 तीर 1401 शम्सी, तारीखे वीजीट 21 शहरीवर 1401 शम्सी
- नक़दी जाफ़र, जैनब अल-कुबरा, मंशूराते मकतबतुल मुफ़ीद,
- हज़ीना 60 मिलयार्द तूमानी मूकिब दारान खूज़िस्तानी दर अय्यामे अरबाईन, खबर गुज़ारी मेहेर, तारीखे दर्जे मतलब 22 आज़र 1396 शम्सी, तारीखे वीजीट 21 शहरीवर 1401 शम्सी
- हमए चीज़ दर मूकिबहाए अरबाईन, बिलीट ईंजा, तारीखे दर्जे मतलब, 20 शहरीवर 1398 शम्सी, तारीखे वीजीट 21 शहरीवर 1401 शम्सी
- Ashura observed peacefully in Khyber Pakhtunkhwa، DAWN तारीखे दर्ज मतलब 11 अग्सत 2022, तारीखे वीजीट 23 शहरीवर 1401 शम्सी
- Holding on to the tradition of setting up sabeels، DAWN، तारीखे दर्जे मतलाब 30 अगस्त 2020 ई, तारीखे वीजीट 30 अगस्त 2020 ई, तारीखे वीजीट 22 शहरीवर 1401 शम्सी
- SWAT organized a Sabeel on the 10th of Muharram، Daily Azb، तारीखे दर्जे मतलब 29 सित्मबर 2019 ई, तारीखे वीजीट 22 शहरीवर 1401 शम्सी
- Trend of ‘Niaz’ distribution on Ashura still alive across country، Daily Pakistan، तारीखे दर्जे मतलब 10 सितम्बर 2019 ई, तारीखे वीजीट 22 शहरीवर 1401 शम्सी