गुमनाम सदस्य
"हज़रत इब्राहीम अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर
→इब्राहीम के पिता
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</ref> के रूप में दर्ज है, जिसका मुस्लिम ऐतिहासिक स्रोतों में तारुख़<ref>तबरी, तारीख अल-उमम वल-मुलूक, 1967, खंड 1, पृष्ठ 233 | </ref> के रूप में दर्ज है, जिसका मुस्लिम ऐतिहासिक स्रोतों में तारुख़<ref>तबरी, तारीख अल-उमम वल-मुलूक, 1967, खंड 1, पृष्ठ 233 | ||
</ref> या तारेह <ref>इब्ने कसीर, अल-बिदाया वन-निहाया, 1986, खंड 1, पृष्ठ 142; इब्न हिशाम, अल-सिराह अल-नबविया, दार अल-मारेफा, खंड 1, पृष्ठ 2 | </ref> या तारेह <ref>इब्ने कसीर, अल-बिदाया वन-निहाया, 1986, खंड 1, पृष्ठ 142; इब्न हिशाम, अल-सिराह अल-नबविया, दार अल-मारेफा, खंड 1, पृष्ठ 2 | ||
</ref> के रूप में उल्लेख किया गया है। | </ref> के रूप में उल्लेख किया गया है। [[क़ुरआन]] में कहा गया है: '''«وَ إِذْ قالَ إِبْراهِیمُ لِأَبِیهِ آزَرَ»''' "और जब इब्राहीम ने अपने पिता आज़र से कहा"।<ref>सूरह अनआम, आयत 74 | ||
</ref> इस आयत के अनुसार क़ुरआन की व्याख्या करने वाले कुछ [[अहले सुन्नत]] विद्धान आज़र को हज़रत इब्राहीम का पिता मानते है।<ref>फख्रे राज़ी, मिफ़ताह अल-ग़ैब, 1420 हिजरी, खंड 13, पृष्ठ 31। | </ref> इस आयत के अनुसार क़ुरआन की व्याख्या करने वाले कुछ [[अहले सुन्नत]] विद्धान आज़र को हज़रत इब्राहीम का पिता मानते है।<ref>फख्रे राज़ी, मिफ़ताह अल-ग़ैब, 1420 हिजरी, खंड 13, पृष्ठ 31। | ||
</ref> जबकि [[शिया इसना अशरी|शिया]] मुफ़स्सेरीन इस आयत में उल्लेख वाक्य अब को पिता के अर्थ में नहीं मानते हैं।<ref>अबुल फुतुह राज़ी, रौज़ अल-जिन्नान और रौह अल-जिन्नान, 1408 हिजरी, खंड 7, पीपी. 340 और 341; मकारिम शिराज़ी, तफ़सीर अल-नमूना, 1374, खंड 5, पृष्ठ 303। | </ref> जबकि [[शिया इसना अशरी|शिया]] मुफ़स्सेरीन इस आयत में उल्लेख वाक्य अब को पिता के अर्थ में नहीं मानते हैं।<ref>अबुल फुतुह राज़ी, रौज़ अल-जिन्नान और रौह अल-जिन्नान, 1408 हिजरी, खंड 7, पीपी. 340 और 341; मकारिम शिराज़ी, तफ़सीर अल-नमूना, 1374, खंड 5, पृष्ठ 303। |