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"इमाम अली (अ) की ख़ामोशी के 25 साल": अवतरणों में अंतर

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===नबियों के रास्ते पर चलना===
===नबियों के रास्ते पर चलना===


[[इमाम अली (अ.स.)]] से वर्णित एक [[हदीस]] के अनुसार, [35] इस सवाल के जवाब में कि उन्होने आयशा, तल्हा और ज़ुबैर के खिलाफ़ लड़ाई क्यों लड़ी, लेकिन तीन ख़लीफाओं के खिलाफ़ चुप क्यों रहे, उन्होने अपनी चुप्पी का कारण  छह पैग़म्बर, यानी [[इब्राहीम (अ)]], [[लूत (अ)]], [[यूसुफ़ (अ)]], [[मूसा (अ)]], [[हारून (अ)]] और [[मुहम्मद (स)]] की पद्धति का पालन करना बताया। क्यों कि उन्हें भी अपने लोगों के सामने कुछ समय के लिए चुप रहने के लिए मजबूर होना पड़ा था। [36]
[[इमाम अली (अ.स.)]] से वर्णित एक [[हदीस]] के अनुसार,<ref> शेख़ सदूक़, इललुश शरायेअ, 1385, खंड 1, पृष्ठ 149।</ref> इस सवाल के जवाब में कि उन्होने आयशा, तल्हा और ज़ुबैर के खिलाफ़ लड़ाई क्यों लड़ी, लेकिन तीन ख़लीफाओं के खिलाफ़ चुप क्यों रहे, उन्होने अपनी चुप्पी का कारण  छह पैग़म्बर, यानी [[इब्राहीम (अ)]], [[लूत (अ)]], [[यूसुफ़ (अ)]], [[मूसा (अ)]], [[हारून (अ)]] और [[मुहम्मद (स)]] की पद्धति का पालन करना बताया। क्यों कि उन्हें भी अपने लोगों के सामने कुछ समय के लिए चुप रहने के लिए मजबूर होना पड़ा था।<ref> आले-क़तीत, वक्फ़ा मअ अलदुकतूर अलबूती फ़ी मसायेलेही, 1417 एएच, पृष्ठ 112-114।</ref>


==25 साल की घटनाएँ और इमाम अली (अ) का दृष्टिकोण==
==25 साल की घटनाएँ और इमाम अली (अ) का दृष्टिकोण==
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