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"हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलिहि व सल्लम": अवतरणों में अंतर

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[[हदीसे सक़लैन|सक़लैन की हदीस]] के अनुसार, पैगंबर (स) ने [[मुसलमानों]] को आदेश दिया कि वे उनके बाद [[क़ुरआन]] और उनके इतरत ([[अहले बैत (अ)]]) की शरण में रहें और उन दोनो से अलग न हों, और आप (स) ने [[ग़दीर की घटना]] सहित, विभिन्न अवसरों पर, [[इमाम अली (अ)]] को अपने उत्तराधिकारी के रूप में परिचित कराया।
[[हदीसे सक़लैन|सक़लैन की हदीस]] के अनुसार, पैगंबर (स) ने [[मुसलमानों]] को आदेश दिया कि वे उनके बाद [[क़ुरआन]] और उनके इतरत ([[अहले बैत (अ)]]) की शरण में रहें और उन दोनो से अलग न हों, और आप (स) ने [[ग़दीर की घटना]] सहित, विभिन्न अवसरों पर, [[इमाम अली (अ)]] को अपने उत्तराधिकारी के रूप में परिचित कराया।


पैगंबर (स) ने 25 साल की उम्र में हज़रत [[ख़दीजतुल कुबरा|ख़दीजा]] से शादी की और क़रीब 25 साल तक उनके साथ रहे। हज़रत ख़दीजा की वफ़ात के बाद, पैगंबर ने दूसरी पत्नियों से शादी की। पैगंबर (स) के बच्चे हज़रत ख़दीजा और [[मारिया क़िबतिया]] से थे, और उनमें से [[हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (अ)|फ़ातिमा (स)]] को छोड़कर सभी का देहांत उनके जीवनकाल में ही हो गया।
पैगंबर (स) ने 25 साल की उम्र में हज़रत [[ख़दीजतुल कुबरा|ख़दीजा]] से [[शादी]] की और क़रीब 25 साल तक उनके साथ रहे। हज़रत ख़दीजा की वफ़ात के बाद, पैगंबर ने दूसरी पत्नियों से शादी की। पैगंबर (स) के बच्चे हज़रत ख़दीजा और [[मारिया क़िबतिया]] से थे, और उनमें से [[हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (अ)|फ़ातिमा (स)]] को छोड़कर सभी का देहांत उनके जीवनकाल में ही हो गया।


==वंश, उपनाम और उपाधियां==
==वंश, उपनाम और उपाधियां==
confirmed, movedable
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