"इमाम अली नक़ी अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर
→इमामत काल
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इब्न शहर आशोब के अनुसार, शिया पिछले इमामों के कथनों के माध्यम से इमाम अली बिन मुहम्मद की इमामत से आगाह हुए; ऐसी हदीसों के ज़रिये से जो इस्माइल बिन मेहरान और [[अबू जाफ़र अशअरी]] जैसे रावियों द्वारा उल्लेख की गई हैं। [49] | इब्न शहर आशोब के अनुसार, शिया पिछले इमामों के कथनों के माध्यम से इमाम अली बिन मुहम्मद की इमामत से आगाह हुए; ऐसी हदीसों के ज़रिये से जो इस्माइल बिन मेहरान और [[अबू जाफ़र अशअरी]] जैसे रावियों द्वारा उल्लेख की गई हैं। [49] | ||
*'''समकालीन ख़लीफ़ा''' | |||
इमाम हादी (अ.स.) 33 वर्षों तक इमामत के प्रभारी रहे (220-254 हिजरी) [50] इस अवधि के दौरान, कई अब्बासी ख़लीफ़ा सत्ता में आए। उनकी इमामत की शुरुआत मोअतसिम की खिलाफ़त के साथ हुई और इसका अंत मोअतज़ की खिलाफ़त के साथ हुआ। [51] लेकिन, इब्न शहर आशोब ने उनकी इमामत के अंत का समय मोअतमिद के ज़माने में माना है। [52] | |||
शियों के 10वें इमाम ने अब्बासी ख़लीफा मोअतसिम की ख़िलाफ़त के दौरान अपनी इमामत के सात साल बिताए। [53] तारीख़े सियासी ग़ैबत इमामे दवाज़दहुम (अ) पुस्तक के लेखक जासिम हुसैन के अनुसार, मोतसिम इमाम अली नक़ी के समय में इमाम मुहम्मद तक़ी के समय की तुलना में शियों पर कम सख्त था। और वह अलवियों के प्रति अधिक सहिष्णु हो गया था, और उसेके दृष्टिकोण में यह बदलाव आर्थिक स्थिति में सुधार और अलवियों की बग़ावत में कमी के कारण हुआ था। [54] इसके अलावा, 10वें इमाम की इमामत के समय से लगभग पांच साल, वासिक़ की खिलाफ़त के साथ, चौदह साल [[मुतवक्किल]] की खिलाफ़त के साथ, छह महीने मुस्तनसर की खिलाफ़त के साथ, दो साल नौ महीने मुस्तईन की खिलाफ़त के साथ, और आठ साल से अधिक समय तक मोअतज़ की ख़िलाफ़त के साथ रहे। [55] |