मीर शम्सुद्दीन इराक़ी

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मीर शम्सुद्दीन इराक़ी
मीर शम्सुद्दीन इराक़ी की ज़रीह
मीर शम्सुद्दीन इराक़ी की ज़रीह
पूरा नामसय्यद मुहम्मद
वंशइमाम काज़िम (अ)
जन्म तिथिवर्ष 845 हिजरी
जन्म स्थानअराक (ईरान)
मृत्यु तिथिवर्ष 932 हिजरी
समाधि स्थलख़ानेक़ाह (मठ) जादीबाल, कश्मीर
गुरूसय्यद मुहम्मद नूरबख़्श
सामाजिकलद्दाख़, कश्मीर और बल्तिस्तान में शिया धर्म की स्थापना, ज़ादी बेल में मठ का निर्माण


मीर शम्सुद्दीन इराक़ी (अरबी: مير شمس الدين العراقي) (845-932 हिजरी) इमाम मूसा काज़िम (अ) के वंशज थे और कश्मीर और बल्तिस्तान में शियावाद (तशई) के प्रवर्तकों में से एक थे।

मीर शम्सुद्दीन ने कश्मीर में शिया धर्म का प्रचार किया और तदनुसार, इस क्षेत्र के कई निवासी शिया बन गये। उन्होंने कश्मीर की जामा मस्जिद में बारह शिया इमामों के नाम पर उपदेश देने का अवसर भी प्रदान किया। कश्मीर क्षेत्र में मस्जिद और मठ (ख़ानक़ाह) का निर्माण और मूर्ति घर (मंदिरों) को नष्ट करना उनकी अन्य गतिविधियों में से एक था।

मुहम्मद अली कश्मीरी ने मीर शम्सुद्दीन इराक़ी के बारे में फ़ारसी भाषा में तोहफ़ा अल अहबाब पुस्तक लिखी और पुस्तक में उनकी जीवनी और गतिविधि रिपोर्ट का वर्णन किया गया है।

जीवनी

मीर शम्सुद्दीन इराक़ी का जन्म वर्ष 845 हिजरी में अराक (ईरान का एक शहर) के एक गांव में हुआ था।[१] उनका मूल नाम सय्यद मुहम्मद था, और वह शियों के सातवें इमाम, इमाम मूसा काज़िम (अ) के वंशज थे।[२] उनके पिता सय्यद इब्राहीम और उनकी मां क़ज़वीन के सादात में से थीं।[३] इराक़े अजम, (ईरान के कुछ शहर) से मंसूब होने के कारण उन्हें इराक़ी कहा जाता है।[४] जिसे आज अराक के नाम से जाना जाता है।[५] इसलिए, कुछ लोगों ने उसका उल्लेख अराकी प्रत्यय के साथ किया गया।[६]

एक वंशावली के अनुसार, मीर शम्सुद्दीन इराक़ी की मृत्यु का वर्ष 932 हिजरी है।[७] हालाँकि, कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, बहारिस्तान शाही, तोहफ़ा अल अहबाब व तारीख़ मलिक हैदर चादुरा जैसे प्राचीन स्रोतों में इसके बारे में कुछ भी नहीं है।[८] इसके अलावा, इस बारे में मतभेद है कि मीर शमसुद्दीन की स्वाभाविक मृत्यु हुई या उनकी हत्या हुई।[९] मुहम्मद बाक़िर मजलिसी के भांजे मुल्ला सईद अशरफ़ के मरसिये में, उनकी हत्या होने की ओर इशारा किया गया है।[१०] कश्मीर के कुछ लेखकों का भी यही मानना है।[११]

मीर शम्सुद्दीन को कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के पास जदीबल में एक मठ में दफ़नाया गया है।[१२]

सांस्कृति गतिविधियां

मीर शम्सुद्दीन ने कश्मीर में सांस्कृतिक गतिविधियाँ चलायीं; ऐसा कहा गया है कि शाह मीरी राजवंश (876-889 हिजरी) के शाह हसन के काल में, उन्हें शेख़-उल-इस्लामी का पद प्राप्त हुआ[१३] और उन्होंने कश्मीर की जामा मस्जिद और वहां की कुछ अन्य मस्जिदों में शिया इमामों के नाम के साथ उपदेश देने का आधार प्रदान किया।[१४] कश्मीर में उनकी कुछ सांस्कृतिक गतिविधियाँ इस प्रकार हैं:

कश्मीर में शिया धर्म का प्रचार

मीर शम्सुद्दीन वर्ष 882 हिजरी में खोरासान के तैमूरी शासक सुल्तान हुसैन बैकारा (शासनकाल: 911-875 हिजरी) के राजदूत के रूप में कश्मीर गए और आठ साल तक वहां रहने के बाद, वह खोरासान लौट आए।[१५]

उन्होंने वर्ष 902 ईस्वी में शाह क़ासिम नूरबख्श के अनुरोध पर कश्मीर में प्रवेश किया और लोगों को शिया धर्म की ओर आमंत्रित किया।[१६] मीर शम्सुद्दीन ने सार्वजनिक और आमने-सामने तब्लीग़ करने के बजाए क़बीले के प्रमुखों और राजनीति में प्रभावशाली लोगों पर ध्यान दिया।[१७]

बाबा अली नज्जार, उस काल के एक प्रसिद्ध सूफ़ी, उनके प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा करने वाले पहले व्यक्ति थे।[१८] उसके बाद प्रधानमंत्री, मूसा रैना, और काजी चक और गाजी चक (962-971 हिजरी), सरकार में प्रभावशाली लोग, ने शिया धर्म स्वीकार कर लिया;[१९] इसलिए, सूत्रों ने चकों के शिया धर्मांतरण के बारे में बात की है, जो इमामी धर्म के राजवंश थे और वर्ष 962-994 हिजरी में कश्मीर में इनका शासन था इनके शिया धर्म के अपनाने में भी मीर शम्सुद्दीन का हाथ था।[२०] इसी तरह यह भी कहा गया है कि उन्होंने कश्मीर के प्रधानमंत्री मूसा रैना की सहायता से, 24 हज़ार हिन्दू परिवार को शिया धर्म की ओर आमंत्रित किया[२१] और बल्तिस्तान क्षेत्र में लद्दाख़ के कई बौद्ध निवासियों को शिया धर्म में परिवर्तित किया।[२२]

मस्जिद और मठ का निर्माण

मीर शम्सुद्दीन ने मूर्ति घरों (मंदिरों) को नष्ट कर दिया और उनके स्थान पर मस्जिद और मठ का निर्माण किया; सूत्रों ने 3,943 मूर्ति घरों (मंदिरों) का उल्लेख किया है जो उनके द्वारा नष्ट किये गए थे।[२३] इसलिए, उनका उपनाम मोकस्सिर अल अस्नाम (मूर्ति तोड़ने वाला) रखा गया था।[२४] मीर शम्सुद्दीन द्वारा निर्मित मठों में से, ज़दी बेल में श्रीनगर, कश्मीर की राजधानी से 8 किमी दूर स्थित एक मठ है।[२५] उन्होंने मीर सय्यद अली हमदानी के लिए सुल्तान सिकंदर बुत शिकन (796 हिजरी) द्वारा निर्मित मठ का पुनर्निर्माण भी किया था।[२६]

दूरदराज़ के इलाकों मोबल्लिग़ को भेजना[२७] और जिहाद संस्कृति को पुनर्जीवित करना मीर शम्सुद्दीन की अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में से एक है।[२८]

वैज्ञानिक गतिविधि

मीर शम्सुद्दीन ने सय्यद मुहम्मद नूरबख़्श के पास शिक्षा प्राप्त की।[२९] उन्होंने शम्सुद्दीन लाहिजी और शाह क़ासिम नूरबख्श जैसे लोगों की संगति में भी कुछ समय बिताया।[३०] उनके कई छात्र थे[३१] जिनमें से कुछ का उल्लेख बहारिस्तान शाही पुस्तक के परिचय में किया गया है।[३२]

मोनोग्राफ़ी

मुहम्मद अली कश्मीरी द्वारा लिखित पुस्तक तोहफ़ा अल अहबाब, मीर शम्सुद्दीन इराकी की जीवनी और गतिविधियों का विवरण है।[३३] यह पुस्तक सुल्तान हुसैन शाह चक (शासनकाल: 971-978 हिजरी) के शासनकाल के दौरान लिखी गई थी।[३४] इस पुस्तक का उर्दू में भी अनुवाद किया गया है।[३५]

फ़ुटनोट

  1. रियाही, "नक़्श व तासीर शख़्सियतहा ए ईरानी दर कश्मीर...", पृष्ठ 9।
  2. मट्टू, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 170।
  3. सहरुदी, तारीख़े बल्तिस्तान, पृष्ठ 88, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 170।
  4. मट्टू, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 169।
  5. देखें: सअदी, "अराक", खंड 7, पृष्ठ 417।
  6. देखें: रियाही, "नक़्श व तासीर शख़्सियतहा ए ईरानी दर कश्मीर...", पृष्ठ 9।
  7. बहारिस्तान शाही, परिचय, पृष्ठ 84; हमदानी, तारीख़े शिअयाने कश्मीर, पृष्ठ 21; रिज़वी, शिया दर हिन्द, पृष्ठ 279, मट्टू, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 179।
  8. मट्टू, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 179।
  9. मट्टू, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 179।
  10. मट्टू, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 179।
  11. काज़ेमी, चांद मिरी ज़मीन फूल मेरा वतन, पृष्ठ 18; मूसवी, कहल अल-जवाहिर, पृष्ठ 7, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 179-180।
  12. रियाही, "नक़्श व तासीर शख़्सियतहा ए ईरानी दर कश्मीर...", पृष्ठ 10।
  13. रियाही, "नक़्श व तासीर शख़्सियतहा ए ईरानी दर कश्मीर...", पृष्ठ 10।
  14. बहारिस्तान शाही, पृष्ठ 358, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 176।
  15. क़ाज़ी ज़हूर अल-हसन, निगारिस्तान कश्मीर, पृष्ठ 240; हसन शाह, तारीख़े हसन, पृष्ठ 122।
  16. दद्दमरी, वाक़ेईयाते कश्मीर, पृष्ठ 121, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 173।
  17. हमदानी, तारीख़े शिअयाने कश्मीर, पृष्ठ 19, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 173।
  18. हमदानी, तारीख़े शिअयाने कश्मीर, पृष्ठ 19, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 173।
  19. हमदानी, तारीख़े शिअयाने कश्मीर, पृष्ठ 19, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 173।
  20. मोईनी निया, "ज़ुहूर व सुकूते चकान", पृष्ठ 137-138।
  21. तारीख़े मलिक हैदर, पृष्ठ 117, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 171।
  22. ज़ाबित, "तशई दर शिब्हे क़ार्रा हिन्द", पृष्ठ 87।
  23. मीर शम्सुद्दीन इराक़ी बुतशिकन, पृष्ठ 14, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 176।
  24. बहारिस्तान शाही, पृष्ठ 46 मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 176।
  25. बहारिस्तान शाही, पृष्ठ 72; मूसवी, अख्तर दरख्शां, पृष्ठ 28, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 174।
  26. बहारिस्तान शाही, पृष्ठ 61, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 175।
  27. बहारिस्तान शाही, पृष्ठ 130, 258 मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 177।
  28. देखें बहारिस्तान शाही, पृष्ठ 56, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 175।
  29. सहरुदी, तारीख़े बल्तिस्तान, पृष्ठ 88, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 171।
  30. मट्टू, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 169।
  31. मट्टू, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 178।
  32. बहारिस्तान शाही, परिचय, पृष्ठ 80, मट्टू द्वारा उद्धृत, "नक़्शे मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर तरवीजे तशई दर कश्मीर", पृष्ठ 178।
  33. अताई, "नक़्श व जाएगाह मीर शम्सुद्दीन इराकी...", पृष्ठ 230।
  34. अताई, "नक्श व जाएगाह मीर शम्सुद्दीन इराक़ी दर गुस्तरिश तशई दर कश्मीर बर असास तोहफ़ा अल अहबाब", पृष्ठ 229।
  35. अताई, "नक्श व जाएगाह मीर शम्सुद्दीन...", पृष्ठ 237।

स्रोत