परमाणु हथियारों के निर्माण और उपयोग के हराम होने का फ़तवा
परमाणु हथियारों के निर्माण और उपयोग के हराम होने का फ़तवा (अरबीःفتوى تحريم صناعة واستخدام الأسلحة النووية), इस्लामी गणराज्य ईरान के शिया धार्मिक नेता सय्यद अली ख़ामेनेई का एक न्यायशास्त्रीय दृष्टिकोण है, जो ईरान के परमाणु हथियार बनाने के निर्णय पर लगे आरोपों के जवाब में जारी किया गया था। सय्यद अली ख़ामेनेई सामूहिक विनाश के हथियारों को मानवता के लिए ख़तरा और हराम मानते हैं।
कुछ शोधकर्ताओं ने इस प्रतिबंध की व्याख्या करने के लिए क़ुरआन की आयतो और हदीसों का हवाला दिया है, जिनमें नागरिकों पर हमले हराम हैं। अबुल क़ासिम अलीदोस्त के अनुसार, शिया न्यायविदों के बीच सामूहिक विनाश के हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले इस फ़तवे का इतिहास कम से कम दस शताब्दियों पुराना है।
यह फ़तवा राजनीतिक विश्लेषण केंद्रों और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंकों में प्रकाशित हुआ था और कहा जाता है कि इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक आधिकारिक दस्तावेज़ के रूप में पंजीकृत किया गया था। लेखकों के एक समूह द्वारा लिखित पुस्तक "फ़िक्ह हस्तेई" और जाबिर सिवानिज़ाद द्वारा लिखित पुस्तक "फ़तवाए हस्तेई अज़ मंज़रे हुक़ूक़ बैनुल मिलल" ने परमाणु हथियारों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध के प्रमाणों और आयामों की जाँच की है।
महत्व
ईरान पर परमाणु हथियार विकसित करने के आरोपों के जवाब में, शिया धार्मिक नेता और इस्लामी गणराज्य ईरान के नेता सय्यद अली ख़ामेनेई ने परमाणु हथियारों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला फ़तवा जारी किया था।[१] यह फ़तवा वर्ष 2010 ई में ईरान में आयोजित पहले "परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण और अप्रसार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन" में आधिकारिक रूप से पढ़ा गया था।[२]
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के तत्कालीन प्रमुख अली अकबर सालेही ने इस्लामी गणराज्य ईरान के परमाणु बम बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में, ईरान के लिए अपनी गरिमा बनाए रखना और परमाणु हथियारों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले फ़तवे का पालन करना उचित समझा।[३] तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी फ़रवरी 2012 में ईरान के साथ अमेरिकी वार्ता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए ईरानी नेता के इस न्यायशास्त्रीय दृष्टिकोण का उल्लेख किया था।[४] तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने भी 24 सितम्बर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र में इस फ़तवे का हवाला दिया था।[५]
प्रतिक्रिया
कहा जाता है कि सय्यद अली ख़ामेनेई के फतवे को दुनिया भर में स्वीकार किया गया[६] और राजनीतिक विश्लेषण केंद्रों और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंकों में इसका व्यापक प्रभाव पड़ा।[७] इसके अलावा, कैहान अखबार की वेबसाइट के अनुसार, परमाणु निरस्त्रीकरण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सय्यद अली ख़ामेनेई का संदेश, जिसमें परमाणु हथियारों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला फतवा शामिल था, संयुक्त राष्ट्र में एक आधिकारिक दस्तावेज़ के रूप में पंजीकृत किया गया।[८] एक साक्षात्कार में, संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्लोबल सिक्योरिटी इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष जोनाथन ग्रैनॉफ़ ने ईरानी नेता से अनुरोध किया कि वे दुनिया के धार्मिक नेताओं को एक पत्र लिखकर किसी भी परिस्थिति में परमाणु हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करें ताकि वे उनके साथ जुड़ें।[९]
2013 में, छह अमेरिकी ईसाई पादरियो और विशेषज्ञों के एक समूह ने इस न्यायशास्त्रीय राय की वैधता का आकलन करने के लिए क़ुम में शिया न्यायविदों से मुलाकात की और चर्चा की। उन्होंने शिया न्यायशास्त्र में परमाणु हथियारों के निषेध और अपनी यात्रा के परिणामों की रिपोर्ट अमेरिकी सरकार को दी ताकि ईरान के साथ पश्चिम की परमाणु वार्ता में इसे ध्यान में रखा जा सके।[१०] 2021 ई में ही, बीबीसी फ़ारसी टेलीविज़न ने "एक परमाणु फ़तवा" नामक एक वृत्तचित्र प्रसारित किया और सय्यद अली ख़ामेनेई के फ़तवे के बदलने और अस्थायी होने की संभावना के बारे में बात की;[११] लेकिन न्यायशास्त्र के शोधकर्ताओं ने इस संभावना और इस फ़तवे के निर्माण में समय और स्थान के हस्तक्षेप को खारिज कर दिया।[१२]
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
परमाणु हथियारों को सामूहिक विनाश के हथियारों के उदाहरण माना जाता रहा है।[१३] अबुल क़ासिम अलीदोस्त के अनुसार, कम से कम दस शताब्दियों से, शिया न्यायविदों ने ऐसे हथियारों और औज़ारों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाले फ़तवे जारी किए हैं जो व्यापक मानव हत्या, जीवों के विनाश और पर्यावरण विनाश का कारण बनते हैं।[१४] सय्यद अली ख़ामेनेई ने 19 फ़रवरी 2010 ई से परमाणु हथियारों के उत्पादन और उपयोग के विरोध में बार-बार फ़तवे जारी किए हैं और अपनी राय व्यक्त की है।[१५]
फ़तवे का पाठ और दूसरे न्यायविदो के साथ सहमति

इस्लामी गणराज्य ईरान के सर्वोच्च नेता सय्यद अली ख़ामेनेई के फ़तवे का पाठ अली अकबर विलयाती ने 17 अप्रैल 2010 को "परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार पर प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन" में अपने आधिकारिक संदेश में पढ़ा।[१६] संदेश में कहा गया है:
“परमाणु हथियारों के अलावा, सामूहिक विनाश के अन्य प्रकार के हथियार, जैसे रासायनिक हथियार और जैविक हथियार, भी मानवता के लिए एक गंभीर खतरा माने जाते हैं... हम इन हथियारों के इस्तेमाल को हराम मानते हैं...।”[१७]
कहा गया है कि 2010 के दशक के पूर्वार्ध में, नासिर मकारिम शिराज़ी, हुसैन नूरी हमदानी, जाफ़र सुब्हानी और अब्दुल्लाह जवादी आमोली जैसे मराज ए ऐज़ाम के विचारों और फतवों ने भी सय्यद अली ख़ामेनेई के न्यायशास्त्रीय दृष्टिकोण की पुष्टि की और उस पर ज़ोर दिया।[१८] इसके अलावा, शिया न्यायविद और राष्ट्रीय परमाणु न्यायशास्त्र सम्मेलन के सचिव अबुल क़ासिम अलीदूस्त, और शिया न्यायविद और विशेषज्ञों की सभा के सदस्य अहमद मुबल्लेग़ी ने, इसके प्रमाणों के आधार पर, इस सिद्धांत को एक दैवीय और शाश्वत आदेश माना है जिसे बदला नहीं जा सकता।[१९]
दलीले
परमाणु हथियारों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध के लिए विभिन्न फ़िक़्ही दलीले दी गई हैं; सय्यद अली ख़ामेनेई परमाणु हथियारों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध का कारण इस्लामी मूल मान्यताओं द्वारा सामूहिक विनाश के हथियारों के उपयोग का विरोध मानते हैं। उनके अनुसार, ऐसे हथियार का उपयोग करना कृषि योग्य भूमि (कृषि) और सूरा ए बक़रा की आयत 205 में वर्णित संतानों को नष्ट करने के समान है।[२०] इस संबंध में, एक शिया न्यायविद, अबुल क़ासिम अलीदोस्त ने अल्लाह के साथ और एक-दूसरे के साथ अपने संबंधों में बंदों की स्थिति में सुधार को शरिया के उद्देश्यों में से एक माना और उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार और सामूहिक विनाश के हथियारों के उपयोग से कभी भी सुधार प्राप्त नहीं किया जा सकता।[२१] इस संबंध में प्रस्तुत दलीलो की व्याख्या निम्नलिखित है:
क़ुरआन की आयतें
शिया फ़क़ीह अहमद मुबल्लेग़ी इस दृष्टिकोण के अनेक फ़िक़्ही दलीले मानते हैं और क़ुरआन के तीन नियमों की ओर संकेत करते हैं;[२२]
- क़ाएदा ए विज़्र, के अतंर्गत सूर ए इसरा की आयत 15 ولا تَزِرُ وازرةٌ وزرَ أُخری वला तज़ेरो वाज़ेरतन विज़्रा उख़्रा में मुजरिमो की सज़ा मे किसी निर्दोष को शामिल ना किया जाए। और परमाणु हथियारो के प्रयोग से सामूहिक विनाश होता है और निर्दोष लोगों को सज़ा मिलती है, और यहाँ तक कि आने वाली पीढ़ियों को भी नुकसान पहुँचता है।
- फ़साद फ़ैलाने के हराम होने का क़ाएदा, सूरा ए बक़रा की आयत 205 से व्युत्पन्न भ्रष्टाचार की तलाश के निषेध के सिद्धांत के आधार पर, कोई भी कार्य जो धरती पर फ़साद फैलाना और फसलों, पशुओं और संतानों का विनाश करना हराम है।
- क़ाएदा ए इस्म, सूरा ए बक़रा की आयत 219 में إثمُهُما اَکْبَرُ مِنْ نَفْعِهِما इस्मोहा अकबरो मिन नफ़ऐहेमा, उसका पाप उसके लाभ से बड़ा है" वाक्यांश से लिया गया क़ाएदा ए इस्म (पाप का नियम) किसी भी ऐसे कार्य को हराम मानता है जिसकी कुरूपता और भ्रष्टाचार उसके लाभों से अधिक हो। एक उपदेशक के अनुसार, परमाणु हथियारों का भ्रष्टाचार निस्संदेह उनके संभावित लाभों से अधिक है।
नासिर क़ुरबाननिया सूर ए बक़रा की आयत 190 और 205 तथा सूरा ए मायदा की आयत 8 और 32 को परमाणु हथियारों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध मानते हैं।[२३]

हदीसे
सामूहिक विनाश के हथियारों के उदाहरण के रूप में परमाणु हथियारों के निषेध के न्यायशास्त्रीय अध्ययन में, हदीसो के आधार पर तर्क दिए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- अबुल क़ासिम अलीदोस्त और मुहम्मद जवाद फ़ाज़िल लंकरानी ने हदीसो का हवाला दिया है जिनमे दुश्मन के पानी में ज़हर डालना हराम है।[२४]
- कुछ शोधकर्ताओं ने उन हदीसो का हवाला दिया है जिनमे नागरिकों (बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, पागलों और जानवरों) को नुक़सान पहुचाने से रोका गया है।[२५]
मोनोग्राफ़ी
परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले फतवे पर लिखी गई पुस्तकें:
- किताब "फ़तवा ए हस्तेई अज़ मंज़रे हुक़ूक़ बैनुल" जाबर सिवानि ज़ाद की रचना अमेरिकी प्रकाशन संस्था "सुप्रीम सेंचुरी" द्वारा प्रकाशित हुई। कहा गया है कि इस किताब मे आयतुल्लाह ख़ामेनेई के फ़तवा के महत्व और अंतर्राष्ट्रीय कानून के परिप्रेक्ष्य से आयामो का निर्धारण किया है।[२६]
- किताब "फ़िक़्ह हस्तेई" अबुल क़ासिम अलीदोस्त की रचना 10 फ़िक्ही लेखो पर आधारित है जो परमाणु हथियारों के उत्पादन और उपयोग तथा सामूहिक विनाश पर प्रकाशित हुई थी। यह किताब फ़िक़्ह हस्तेई के नाम से आयोजित होने वाली कांफ़्रेंस मे दिए गए लेखो का संग्रह है। यह कांफ़्रेंस 2013 मे क़ुम और तेहरान मे आयोजित हुई थी।[२७]
- माइकल आइज़ेनस्टेड और मेहदी ख़ल्जी ने "फ़तवा हस्तेई; सियासत व मज़हब दर स्ट्राटेज़ी मन्अ तकसीर ईरान" के शीर्षक से किताब लिखी जो वाशिंगटन इंस्टीट्यूट नियर ईस्ट अफेयर्स द्वारा प्रकाशि हुई। इस किताब मे परमाणु फ़त्वा की तहक़ीक हुई है।[२८]
फ़ुटनोट
- ↑ सब्त पयाम ए रहबर इंक़ेलाब बे उनवान सनद दर साज़मान मिलल, दफ्तर हिफ़्ज़ व नश्र आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई
- ↑ आशनाई बा कांफ़्रेंस बैनुल मिल्ली खुल्अ सिलाह व अदम इशाआ सिलाहाए हस्तेई, हमशहरी ऑनलाइन साइट
- ↑ सालेहीः तन्हा रहबरे इंक़ेलाब मी तवानंद दर बारा ए साख़्त सेलाह हस्तेई नज़र साइब बेदहंद, फ़ार्स न्यूज़
- ↑ फ़तवाई के बाद अज़ 10 साल बे साज़मान मिलल रसीद, मेहेर न्यूज़ एजेंसी
- ↑ फ़तवाई के बाद अज़ 10 साल बे साज़मान मिलल रसीद, मेहेर न्यूज़ एजेंसी
- ↑ बाज़निगाही बर सुदूर फ़तवा ए हुरमत सिलाहाए हस्तेई अज़ सूए रहबरे मोअज़्ज़म इंक़ेलाब, बसीरत साइट
- ↑ मुहम्मद पुर, फ़तवा बे मसाबे यक मनबआ हुक़ूक़ बैनुल मिलल, पेज 134
- ↑ पयाम ए रहबर इंक़ेलाब बे कांफ़्रेंस तेहरान बे उनवान सनद रस्मी साज़मान मिलल सब्त शुद, केहान समाचार पत्र
- ↑ रहबरान मज़हबी जहान बे आयतुल्लाह ख़ामेनेई बेपेवंदंद, दफ़्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई
- ↑ बे क़ुम रफ़तीम ता फ़तवा हस्तेई आयतुल्लाह ख़ामेनेई रा बर्ररसी कुनीम / गुजारिश सफ़रमान रा बे काख़े सफ़ेद इरसाल करदीम / मुसल्लेमन दौलत आमरीका ईन गुज़ारिश रा मद्दे नज़र क़रार मी दहद, मशरिक साइट
- ↑ यक फ़तवा हस्तेई -बैने सुतूर, बीबीसी फ़ारसी न्यूज़
- ↑ आया हुर्रमत सेलाह हस्तेई काबिले तगईर अस्त, फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी
- ↑ तौलीद व इस्तेफ़ादा अज़ सेलाह हाए कुश्तार जमई अज़ दीदगाह फ़िक़्ह इस्लामी, मरकज फ़िक्ही आइम्मा अत्हार साइट
- ↑ बर्रसी तहरीम सेलाह कुश्तार जमई दर तारीख तशय्योअ, वेबगाह इत्तेलारसानी आयतुल्लाह अली दोस्त
- ↑ देखेः बयानात दर दीदार दस्त अंदरकारान साख़्त नावकुश जमारान, दफ़्तर हिफ़्ज व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई, बयानात रहबर मोअज़्ज़म इंक़ेलाब इस्लामी दर दीदार मसऊलान व कार गुज़ारान नेज़ाम, दफ़्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई, फ़तवाई के बाद अज़ 10 साल बे साज़मान मिलल रसीद, मेहेर न्यूज़ एजेंसी
- ↑ पयाम बे नुखुस्तीन कांफ़्रेंस बैनुल मिल्ली खुल्अ सेलाह हस्तेई व अदम इशाआ, दफ़तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई
- ↑ पयाम बे नुखुस्तीन कांफ़्रेंस बैनुल मिल्ली खुल्अ सेलाह हस्तेई व अदम इशाआ, दफ़तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई
- ↑ तहरीम सेलाह कुश्तार जमई दर तारीख तशय्यो, ईसना न्यूज़ एजेसी
- ↑ लवाज़िम ए चहारगाने फ़तवा रहबरे इंक़ेलाब दर बारा ए हुर्मत दाश्तन सेलाह हस्तेई, तसनीम साइट, आया हुरमत सेलाह हस्तेई क़ाबिले तग़ईर अस्त? फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी
- ↑ बयानाच दर दीदार दस्तअंदरकारान साख़्त नावकुश जमारान, दफ़्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई
- ↑ जमई अज़ नवीसंदेगान, फ़िक्ह हस्तेई, 1397 शम्सी, पेज 113
- ↑ दलाइल फ़िक़्ही तहरीम सेलाह हाए ऐटमी, दफ़्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई
- ↑ जमई अज़ नवीसंदेगान, फ़िक्ह हस्तेई, 1397 शम्सी, पेज 182-184
- ↑ जमई अज़ नवीसंदेगान, फ़िक्ह हस्तेई, 1397 शम्सी, पेज 87 और 112
- ↑ जमई अज़ नवीसंदेगान, फ़िक्ह हस्तेई, 1397 शम्सी, पेज 85-87, 185, 231, 343
- ↑ किताब फ़तवा हस्तेई रहबरे इंक़ेलाब अज़ मंज़रे हुक़ूक़ बैनुल मिलल दर आमरीका मुंतशिर शुद, फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी
- ↑ अर्ज़े किताब फ़िक़्ह हस्तेई दर नुमाइशगाह किताब सीयोदोव्वुम, पुजूहिशगाह फ़रहंग व अंदीशे इस्लामी साइट
- ↑ मुहम्मद पुर, फ़तवा बे मसाबे यक मंबाअ हुक़ूक़ बैनुल मिलल, पेज 133-134
स्रोत
- आशनाई बा क़ांफ़्रेंस बैनुल मिल्ली खुल्अ सेलाह व अदम इशाआ सेलाहाए हस्तेई, हमशहरी ऑनलाइन साइट, प्रविष्ट की तारीख 3 उरदीबहिश्त 1389 शम्सी, वीज़िट की तारीख 25 दय 1402 शम्सी
- आया हुरमत सेलाह हस्तेई क़ाबिल तग़ईर अस्त? फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी, प्रविष्ट की तारीख 16 बहमन 1400 शम्सी, वीज़िट की तारीख 27 दय 1402 शम्सी
- बाज़निगाही बर सुदूर फ़तवा हुरमत सेलाह हाए हस्तेई अज़ सूए रहबर मोअज़्ज़म इंक़ेलाब, बसीरत साइट, प्रविष्ट की तारीख 25 फ़रवरदीन 1399 शम्सी, वीज़िट की तारीख 23 दय 1402 शम्सी
- बर्रसी तहरीम सेलाह कुश्तार जमई दर तारीख तशय्योअ, पाएगाह इत्तेलारसानी आयतुल्लाह अली दोस्त, प्रविष्ट की तारीख 9 मेहेर 1393 शम्सी, वीज़िट की तारीख 25 दय 1402 शम्सी
- बे क़ुम रफ़तीम ता फ़तवा हस्तेई आयतुल्लाह ख़ामेनेई रा बर्रसी कुनीम/ गुजारिश सफरमान रा बे काख़े सफ़ेद इरसाल करदीम / मुसल्लेमन दौलत आमरीक ईन गुज़ारिश रा मद्दे नज़र क़रार मी दहद, मश्रिक साइट, प्रविष्ट की तारीख 18 आबान 1393 शम्सी, वीज़िट की तारीख 25 दय 1402 शम्सी
- बयानात दर दीदार दस्तअंदरकारान साख़्त नावकुश जमारान, दफ़तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई, प्रविष्ट की तारीख 30 बहमन 1388 शम्सी, वीज़िट की तारीख 26 दय 1402 शम्सी
- बयानात रहबर मोअज़्ज़म इंक़ेलाब इस्लामी दर दीदार मसऊलान व कारगुज़ारान नेज़ाम, दफ़्तर हिफ़्ज व नशर आयतुल्लाह ख़ामेनेई, प्रकाशन की तारीख 11 आबान 1382 शम्सी, वीज़िट की तारीख 25 दय 1402 शम्सी
- पयाम बे नुखुस्तीन कांफ्रेंस बैनुल मिल्ली खुल्अ सेलाह हस्तेई व अदम इशाआ, दफ़्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई, प्रविष्ट की तारीख 28 फ़रवरदीन 1389 शम्सी, वीज़िट की तारीख 20 दय 1402 शम्सी
- पयाम रहबर इंक़ेलाब बे कांफ़्रेंस तेहरान, बे उनवान सनद रस्मी साज़मान सब्त शुद, केहान समाचार पत्र, प्रकाशन की तारीख 4 उरदिबहिश्त 1389 शम्सी, वीज़िट की तारीख 30 दय 1402 शम्सी
- तहरीम सेलाह कुश्तार जमई दर तारीख तशय्यो, ईस्ना न्यूज़ एजेंसी, प्रकाशन की तारीख 27 खुरदाद 1393 शम्सी, वीज़िट की तारीख 20 दय 1402 शम्सी
- तौलीद व इस्तेफ़ादा अज़ सेलाहाए कुश्तार जमई अज़ दीदगाह फ़िक़्ह इस्लामी, मरकज़ फ़िक़्ही आइम्मा अत्हार साइट, वीज़िट की तारीख 26 दय 1402 शम्सी
- सब्त पयाम रहबर इंक़ेलाब बे उनवान सनद दर साज़मान मिलल, दफ़्तर हिफ़्ज व नशर आसार आयतुल्लाह खामेनेई, प्रकाशन की तारीख 28 फ़रवरदीन 1389 शम्सी, वीज़िट की तारीख 24 दय 1402 शम्सी
- जमई अज़ नवीसंदेगान, फ़िक्ह हस्तेई, बे कोशिश अबुल क़ासिम अली दोस्त, तेहरान, पुजूहिशगाह फ़रहंग व अंदीशे इस्लामी, पहला संस्करण 1397 शम्सी
- दलाइल फ़िक़्ही तहरीम सेलाहाए ऐटमी, दफ़तर हिफ़्ज व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनेई, प्रकाशन की तारीख 1 उरदिबहिश्त 1389 शम्सी, वीज़िट की तारीख 26 दय 1402 शम्सी
- सालेहीः तंहा रहबर इंक़ेलाब मी तवानंद दर बारा ए सेलाह हस्तेई नज़र साइब बेदहंद, फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी, प्राकशन की तारीख 26 मेहेर 1401 शम्सी, वीज़िट की तारीख 30 दय 1402 शम्सी
- अर्ज़े किताब फ़िक़्ह हस्तेई दर नुमाइशगाह किताब सीयोदोव्वुमीन, साइट पुजूहिशगाह फ़रहंग व अंदीशे इस्लामी, प्रकाशन की तारीख 8 उरदिबहिश्त 1398 शम्सी, वीज़िट की तारीख 1 बहमन, 1402 शम्सी
- फ़तवा के बाद अज़ 10 साल बे साज़मान मिलल रसीद, मेहेर न्यूज़ एजेंसी, प्रकाशन की तारीख 3 मेहेर 1392 शम्सी, वीज़िट की तारीख 27 दय 1402 शम्सी
- किताब फ़तवा हस्तेई रहबर इंक़ेलाब अज़ मंज़रे हुक़ूक़ बैनुल मिलल दर आमरीका मुंतशिर शुद, फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी, प्रकाशन की तारीख 25 बहमन 1395 शम्सी, वीज़िट की तारीख 27 दय 1402 शम्सी
- लवाज़िम चहारगाने फ़तवा रहबरे इंक़ेलाब दरबारा ए हुरमत दाशतन सेलाह हस्तेई, तस्नीम साइट, प्रकाशन की तारीख 30 बहमन 1392 शम्सी, वीज़िट की तारीख 26 दय 1402 शम्सी
- मुहम्मद पुर, मुहम्मद, फ़तवा बे मसाबे यक मनबाअ हुक़ूक बैनुल मिलल, दर फसलनामा शहर क़ानून, क्रमांक 13, बहार 1394 शम्सी
- यक फ़तवा हस्तेई-बैनल सुतूर, बीबीसी न्यूज़ की फ़ारसी साइट, प्रकाशन की तारीख 9 बहमन 1400 शम्सी, वीज़िट की तारीख 15 बहमन 1402 शम्सी