अमेरिकी इस्लाम

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जेदाल दो इस्लाम किताब की जिल्द

अमेरिकी इस्लाम (फ़ारसीः اسلام آمریکایی) एक टर्म है जिसका इस्तेमाल इमाम खुमैनी (मृत्यु: 1989 ई) ने खालिस मुहम्मदी इस्लाम के विपरीत एक प्रकार के विचलित इस्लाम को पेश करने के लिए किया था[१] 3 अप्रैल, 1988 ई के अवसर पर ईरानी राष्ट्र को एक संदेश में संसद के चुनावों में, उन्होंने ख़ालिस मुहम्मदी इस्लाम के विपरीत अमेरिकी इस्लाम शब्द का इस्तेमाल किया।[२] ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने इन व्याख्याओं का इस्तेमाल ज्यादातर अपने जीवन के अंत में किया।[३]

इमाम खुमैनी ने अपने भाषणों, संदेशों और पत्रों में अमेरिका द्वारा शुरू किये गये इस्लाम की मुख्य विशेषता धर्म को राजनीति और संस्कृति से अलग करना[४] और अहंकारियों के खिलाफ समझौता करना[५] माना। उन्होंने पूंजीवादी इस्लाम, अहंकारी इस्लाम, दर्द रहित धनवान इस्लाम, पाखंडी इस्लाम, आरामदायक इस्लाम और अवसरवादी इस्लाम जैसे शीर्षकों के साथ अमेरिकी इस्लाम का उल्लेख किया।[६]वह इस उल्टे इस्लाम के मुख्य समर्थकों को वे लोग मानते हैं जो इस्लाम की वास्तविकता से ध्यान भटकाना चाहते है ।[७] इन लोगों में अहंकार पर निर्भर शासक,[८] पाखंडी,[९] उदार राष्ट्रवादी,[१०] अंजुमन हुज्जतिया[११] अध्यात्मवादियों और सच्चे इस्लाम से दूर पवित्र स्थानों का नाम लिया।[१२]

इमाम खुमैनी का मानना है कि उपनिवेशवादियों के भौतिक हितों के साथ सच्चे इस्लाम के टकराव, उनके लक्ष्यों का मुकाबला करने के लिए इस्लाम की क्षमता की मान्यता, अन्य देशों में इस्लाम के प्रभाव के डर के कारण अमेरिकी इस्लाम के समर्थक इस्लाम से दुश्मनी रखते हैं। और सच्चे इस्लाम से उन्हें जो आघात मिले हैं।[१३] अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, ख़ालिस इस्लाम के दुश्मन राष्ट्रों को धोखा देना और अपमानित करना, धर्म के निशान मिटाना, पादरी वर्ग का विरोध करना और प्रतिक्रियावादी तरीके से इस्लाम का परिचय देना जैसे तरीकों का उपयोग करते हैं।[१४]

इमाम ख़ुमैनी के दृष्टिकोण से, अमेरिका के पास इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए अन्य अहंकारी शक्तियों के साथ समान लक्ष्य हैं, और इस मुद्दे पर उनके साथ एकजुट है[१५] अमेरिका और खालिस मुहम्मदी इस्लाम विरोधी महाशक्तियाँ अपने आश्रितों को पेश करने की कोशिश कर रही हैं अधूरे इस्लाम, सच्चे इस्लाम के समर्थकों को आतंकित करना और नष्ट करना और मुसलमानों में फूट डालना, सच्चे इस्लाम को नुकसान पहुँचाते हैं।[१६]

इमाम खुमैनी के बाद, ईरानी इस्लामी गणराज्य के अगले नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने भी कई मामलों में इस शब्द का इस्तेमाल किया है[१७] उन्होंने अमेरिकी इस्लाम को दो शाखाओं में विभाजित किया है, धर्मनिरपेक्ष इस्लाम और मुस्लिम इस्लाम[१८] आयतुल्लाह खामेनेई के अनुसार, ख़ालिस इस्लाम पवित्रता, आध्यात्मिकता, पवित्रता और लोकतंत्र का प्रतीक है और यह मुसलमानों के बीच सह-अस्तित्व और सहयोग का धर्म है। लेकिन अमेरिकी इस्लाम एक प्रकार के विदेशी प्रभाव और दासता को संदर्भित करता है जो मुसलमानों के बीच विभाजन का कारण बनता है और दुश्मनों में विश्वास को बढ़ावा देता है। इस प्रकार का इस्लाम अहंकार और यहूदीवाद से लड़ने के बजाय मुस्लिम भाइयों के साथ संघर्ष और युद्ध की सिफारिश करता है। इस कारण से, सभी मुसलमानों को इसके खिलाफ लड़ना होगा।[१९]

जेदाल दो इस्लाम नामक किताब में अमेरिकी इस्लाम और ख़ालिस इस्लाम के साथ इसके विरोधाभास के बारे में लेख और सहीफ़ा इमाम के भाग 21 का सारांश शामिल है, जिसे 2014 में शहीद बेहरूज़ मोहम्मदी के सांस्कृतिक और कलात्मक संघ के प्रयासों से तैयार किया गया था और नशरे मआरिफ क़ुम द्वारा प्रकाशित किया गया था।[२०]

संबंधित लेख

फ़ुटनोट

  1. देखेः इमाम ख़ुमैनी, सहीफ़ा इमाम, 1378 शम्सी, भाग 21, पेज 120, 137, 143, 180, 240
  2. इमाम ख़ुमैनी, सहीफ़ा इमाम, 1378 शम्सी, भाग 21, पेज 11
  3. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 6
  4. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 353-370
  5. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 371-386
  6. इमाम ख़ुमैनी, सहीफ़ा इमाम, 1378 शम्सी, भाग 21, पेज 11
  7. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 411-415
  8. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 416-423
  9. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 423-439
  10. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 3439-447
  11. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 447-453
  12. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 453-477
  13. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 4821-521
  14. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 522-541
  15. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 549-550
  16. इमाम ख़ुमैनी, इस्लाम नाब दक कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी, पेज 551-602
  17. इस्लाम अमेरिकाई, पाएगाह दफ्तर हिफ़्ज व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनई
  18. ख़ामेनई, बयानात दर मरासिम बीस्त व हफ्तुमीन सालगरद रेहलत इमाम ख़ुमैनी (र), पाएगाह दफ्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनई
  19. ख़ामेनई, पयाम बे हुज्जाज बैतुल्लाहिल हराम, पाएगाह दफ्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनई
  20. इमाम ख़ुमैनी, जदाल दो इस्लाम, 1393 शम्सी, शनासनामा किताब


स्रोत

  • इमाम ख़ुमैनी, सय्यद रुहुल्लाह, जदाल वो इस्लाम, क़ुम, नशर मआरिफ़, 1393 शम्सी
  • इमाम ख़ुमैनी, सय्यद रुहुल्लाह, सहीफ़ा इमाम, मोअस्सेसा तंज़ीम व नशर आसार इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी
  • इमाम ख़ुमैनी, सय्यद रुहुल्लाह, इस्लाम नाब दर कलाम व पयाम इमाम ख़ुमैनी, तेहरान, मोअस्सेसा तंज़ीम व नशर आसार इमाम ख़ुमैनी, 1378 शम्सी
  • इस्लाम अमेरिकाई, पाएगाह दफ़्तर हिफ्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनई, वीजिट की तारीख 5 आबान, 1403 शम्सी
  • ख़ामेनई, सय्यद अली, पयाम बे हुज्जाज बैतुल्लाहिल हराम, पाएगाह दफ्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनई, प्रविष्ट की तारीख 7 मेहेर 1393 शम्सी, वीजिट की तारीख 5 आबान 1403 शम्सी
  • ख़ामेनई, सय्यद अली, बयानात दर मरासिम बीस्त व हफ्तुमीन सालगरद रेहलत इमाम ख़ुमैनी (र) पाएगाह दफ्तर हिफ़्ज़ व नशर आसार आयतुल्लाह ख़ामेनई, प्रविष्ट की तारीख 14 खुरदाद 1395 शम्सी, वीजिट की तारीख 5 आबान 1403 शम्सी