गुमनाम सदस्य
"शियो के इमाम": अवतरणों में अंतर
→इमाम बाक़िर (अ.स.)
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इमाम सज्जाद (अ.स.) की [[दुआ]] और [[मुनाजात]] का संग्रह जिसमें कई धार्मिक शिक्षाएं शामिल हैं [[सहिफ़ा ए सज्जादिया]] पुस्तक में एकत्र किया गया है।<ref>सहीफ़ा ए सज्जादिया, तरजुमा और शरह फैज़ उल-इस्लाम, पेज 3</ref> | इमाम सज्जाद (अ.स.) की [[दुआ]] और [[मुनाजात]] का संग्रह जिसमें कई धार्मिक शिक्षाएं शामिल हैं [[सहिफ़ा ए सज्जादिया]] पुस्तक में एकत्र किया गया है।<ref>सहीफ़ा ए सज्जादिया, तरजुमा और शरह फैज़ उल-इस्लाम, पेज 3</ref> | ||
===इमाम बाक़िर (अ.स.)=== | ===इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.स.)=== | ||
[[चित्र:بقیع10.jpg|35٪|अंगूठाकार|जन्नत उल-बक़ीअ मे इमाम बाक़िर (अ.स.) का मरक़द ]] | [[चित्र:بقیع10.jpg|35٪|अंगूठाकार|जन्नत उल-बक़ीअ मे इमाम बाक़िर (अ.स.) का मरक़द ]] | ||
'''विस्तृत लेखः इमाम बाक़िर (अ | '''विस्तृत लेखः इमाम बाक़िर (अ)''' | ||
मुहम्मद बिन अली, इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ | मुहम्मद बिन अली, इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) और शियो के पांचवें इमाम है, इमाम सज्जाद (अ) और इमाम हसन (अ) की बेटी [[फ़ातिमा]] <ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 155</ref> के बेटे है आपका जन्म 57 हिजरी को मदीना मे हुआ। <ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 157-158; इब्ने शहर आशोब, मनाक़िब ए आले अबि तालिब, भग 4, पेज 210</ref> उन्होने अपने पिता के पश्चात अल्लाह के हुक्म, पैगंबर (स) और अपने से पहले इमामों द्वारा परिचय से इमामत के पद तक पहुंचे।<ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 158-159</ref> उमवी ख़लीफ़ा हेशाम के भतीजे इब्राहिम बिन वलीद बिन अब्दुल मलिक द्वारा 114 हिजरी<ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 157-158; तबरसी, आलाम उल-वरा, पेज 264</ref> ने आपको जहर देकर शहीद कर दिया।<ref>इब्ने शहर आशोब, मनाक़िब ए आले अबि तालिब, भग 4, पेज 210</ref> इमाम बाक़िर को उनके पिता इमाम सज्जाद के बगल में मदीने के प्रसिद्ध [[कब्रिस्तान बक़ीअ]] में दफनाया गया।<ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 157-158; तबरसी, आलाम उल-वरा, पेज 264</ref> इमाम बाक़िर (अ) कर्बला में मौजूद थे, उस समय उनकी आयु मात्र चार थी।<ref>याक़ूबी, तारीख ए याक़ूबी, दार ए सादिर, भाग 2, पेज 320</ref> | ||
पाँचवें इमाम की इमामत का दौर 18 या 19 साल तक चला,<ref>तबरसी, आलाम उल-वरा, पेज 265; इब्ने शहर आशोब, मनाक़िब ए आले अबि तालिब, भग 4, पेज 210</ref> दूसरी ओर बनी उमय्या के अत्याचारों के कारण, हर दिन क्रांतियाँ और युद्ध हुए, और इन समस्याओं ने खिलाफत व्यवस्था को व्यस्त और अहलेबैत को दूर रखा। <ref>तबातबाई, शिया दर इस्लाम, पेज 217</ref> दूसरी ओर कर्बला की घटना और अहले-बैत के उत्पीड़न ने मुसलमानों को उस पर मोहित कर दिया और उसके लिए इस्लामी सच्चाई और अहले-बैत की शिक्षाओं को फैलाने के अवसर पैदा किए। जो पहले वाले इमामों में से किसी के लिए संभव नहीं थे, इसलिए इमाम बाक़िर (अ) से अनगिनत हदीसें आई है।<ref>तबातबाई, शिया दर इस्लाम, पेज 217-218</ref> शेख मुफ़ीद के अनुसार, धार्मिक शिक्षा में इमाम बाक़िर की हदीस इतनी अधिक है कि इमाम हसन (अ) और [[इमाम हुसैन (अ)]] के बच्चों में से किसी ने इतनी मात्रा मे हदीसे नही छोड़ी।<ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 157</ref> | |||
===इमाम जाफ़र सादिक़ (अ)=== | ===इमाम जाफ़र सादिक़ (अ)=== |