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"शियो के इमाम": अवतरणों में अंतर

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'''विस्तृत लेखः इमाम रज़ा (अ.स.)'''  
'''विस्तृत लेखः इमाम रज़ा (अ.स.)'''  


अली बिन मूसा बिन जाफ़र, इमाम रज़ा (अ.स.) के नाम से मशहूर शियाओं के आठवें इमाम है, इमाम काज़िम (अ.स.) और [[नज्मा ख़ातून]] के बेटे मदीना में 148 हिजरी में पैदा हुए और 203 हिजरी में 55 साल की उम्र में तूस (मशहद) में शहादत हुई।<ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 247; तबरसी, आलाम उल-वरा, पेज 313-314</ref>  
अली बिन मूसा बिन जाफ़र, इमाम रज़ा (अ.स.) के नाम से मशहूर शियाओं के आठवें इमाम है, इमाम काज़िम (अ.स.) और [[नज्मा ख़ातून]] के बेटे मदीना में 148 हिजरी में पैदा हुए और 203 हिजरी में 55 साल की उम्र में [[तूस]] (मशहद) में शहादत हुई।<ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 247; तबरसी, आलाम उल-वरा, पेज 313-314</ref>  


अपने पिता के बाद इमाम रज़ा (अ.स.) अल्लाह के हुक्म और इमाम काज़िम (अ.स.) की वसीयत से इमामत के पद पर पहुंचे और आपकी इमामत की अवधि 20 साल (183-203) थी। आपकी इमामत मे हारून और उसके दो बेटे अमीन और मामून खलीफ़ा थे।<ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 247  </ref>
अपने पिता के बाद इमाम रज़ा (अ.स.) अल्लाह के हुक्म और इमाम काज़िम (अ.स.) की वसीयत से इमामत के पद पर पहुंचे और आपकी इमामत की अवधि 20 साल (183-203) थी। आपकी इमामत मे हारून और उसके दो बेटे अमीन और मामून खलीफ़ा थे।<ref>मुफ़ीद, अल-इरशाद, भाग 2, पेज 247  </ref>
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