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"हज़रत अब्बास अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर

 
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=== क़दम गाह, सक़्क़ा खाने और सक़्का निफ़ार ===
=== क़दम गाह, सक़्क़ा खाने और सक़्का निफ़ार ===
[[चित्र:سقاخانه حضرت ابوالفضل شهرضا.jpg|अंगूठाकार|शहरेज़ा में एक सक़्क़ा खाने की दीवार पर हज़रत अब्बास के बारे में एक रिवायत अंकित है]]
* क़दम गाहः हज़रत अब्बास के नाम पर ईरान में कई क़दम गाह हैं कि लोग हमेशा इन जगहों पर अपनी मन्नत मांगने और अपनी ज़रूरतें पूरी करने और अपनी धार्मिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए जाते हैं।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 267-274</ref> इन क़दमगाहो मे सिमनान, हुवैज़ा, बुशहर और शिराज का उल्लेखित है।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 267-274</ref> खलखली के अनुसार, लार शहर मे एक वेधशाला है जहां उस क्षेत्र के सुन्नी हर मंगलवार को अपने परिवारों के साथ अपनी मन्नतें पूरी होने पर नज़र और नियाज़ करते हैं।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 267</ref>  
* क़दम गाहः हज़रत अब्बास के नाम पर ईरान में कई क़दम गाह हैं कि लोग हमेशा इन जगहों पर अपनी मन्नत मांगने और अपनी ज़रूरतें पूरी करने और अपनी धार्मिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए जाते हैं।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 267-274</ref> इन क़दमगाहो मे सिमनान, हुवैज़ा, बुशहर और शिराज का उल्लेखित है।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 267-274</ref> खलखली के अनुसार, लार शहर मे एक वेधशाला है जहां उस क्षेत्र के सुन्नी हर मंगलवार को अपने परिवारों के साथ अपनी मन्नतें पूरी होने पर नज़र और नियाज़ करते हैं।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 267</ref>  
* सक़्क़ा खाना (प्याऊ): यह शियों के धार्मिक प्रतीकों में से एक है। रास्ता चलने वाले मुसाफ़िरो को पानी पिलाने और सवाब हासिल करने के उद्देश्य से सार्वजनिक सड़को पर छोटे छोटे प्याऊ बनाए जाते है। शिया संस्कृति में प्याऊ हज़रत अब्बास (अ) का [[कर्बला की घटना]] में पानी पिलाने की याद मे बनाए जाते है, और [[इमाम हुसैन अलैहिस सलाम|इमाम हुसैन (अ)]] तथा हज़रत अब्बास (अ) के नाम से सजाए जाते है।<ref>चालस्की, अब्बास जवान मर्द दिलैर, पेज 374</ref> कुछ लोग मन्नते पूरी होने के लिए वहां मोमबत्तियां जलाते हैं या धागे बांधते है।<ref>अत्याबी, सक़्क़ाखाने हाए इस्फ़हान, पेज 55-59</ref> दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हज़रत अब्बास (अ) के नाम पर बहुत से प्याऊ बनाए गए हैं।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 240-241</ref>
* सक़्क़ा खाना (प्याऊ): यह शियों के धार्मिक प्रतीकों में से एक है। रास्ता चलने वाले मुसाफ़िरो को पानी पिलाने और सवाब हासिल करने के उद्देश्य से सार्वजनिक सड़को पर छोटे छोटे प्याऊ बनाए जाते है। शिया संस्कृति में प्याऊ हज़रत अब्बास (अ) का [[कर्बला की घटना]] में पानी पिलाने की याद मे बनाए जाते है, और [[इमाम हुसैन अलैहिस सलाम|इमाम हुसैन (अ)]] तथा हज़रत अब्बास (अ) के नाम से सजाए जाते है।<ref>चालस्की, अब्बास जवान मर्द दिलैर, पेज 374</ref> कुछ लोग मन्नते पूरी होने के लिए वहां मोमबत्तियां जलाते हैं या धागे बांधते है।<ref>अत्याबी, सक़्क़ाखाने हाए इस्फ़हान, पेज 55-59</ref> दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हज़रत अब्बास (अ) के नाम पर बहुत से प्याऊ बनाए गए हैं।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 240-241</ref>
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