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"हज़रत अब्बास अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर

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== मक्का मे धर्मोपदेश देना ==
== मक्का मे धर्मोपदेश देना ==
ख़तीबे काबा किताब के लेखक ने हज़रत अब्बास (अ) से एक खुत्बा मंसूब किया है।<ref>यूनिसयान, खतीबे काबा, 1386 शम्सी, पेज 46</ref> उन्होने इस ख़ुत्बे को मनाक़िबे सादातुल किराम नामक किताब के एक नोट का हवाला देते हुए लिखा है कि  इस किताब को नही देखा है।<ref>यूनिसयान, खतीबे काबा, 1386 शम्सी, पेज 46</ref> इस रिपोर्ट के अनुसार हज़रत अब्बास (अ) ने इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने [[ज़िल हिज्जा की 8 वीं तारीख़]] को [[काबा]] की छत से जनता को संबोधित किया जिसमे [[इमाम हुसैन (अ)]] की स्थिति का हवाला देकर यज़ीद को शराबी के रूप मे पेश करके यज़ीद के प्रति लोगो की निष्ठा की आलोचना की। और अपने भाषण मे उन्होने कहा कि जब तक वो जीवित है, वो इमाम हुसैन (अ) को [[शहीद]] नही होने देंगे और इमाम हुसैन (अ) को शहीद करने का एकमात्र तरीका अब्बास को मारना है।<ref> यूनिसयान, खतीबे काबा, 1386 शम्सी, पेज 46-48</ref> धर्मोपदेश के पाठ की साहित्यिक आलोचना, लेखक और मूल किताब की गुमनामी पर आधारित एक लेख मे जोया जहांबख्श ने इसे अस्वीकार कर दिया और कहा कि यह घटना दूसरे किसी स्रोत मे नही मिलती।<ref>जहान बख्श, गंजी नौयाफ्ते या वहमी बर बाफते, पेज 28-56</ref>
ख़तीबे काबा किताब के लेखक ने हज़रत अब्बास (अ) से एक खुत्बा मंसूब किया है।<ref>यूनिसयान, खतीबे काबा, 1386 शम्सी, पेज 46</ref> उन्होने इस ख़ुत्बे को मनाक़िबे सादातुल किराम नामक किताब के एक नोट का हवाला देते हुए लिखा है कि  इस किताब को नही देखा है।<ref>यूनिसयान, खतीबे काबा, 1386 शम्सी, पेज 46</ref> इस रिपोर्ट के अनुसार हज़रत अब्बास (अ) ने इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने [[8 ज़िल हिज्जा|ज़िल हिज्जा की 8 वीं तारीख़]] को [[काबा]] की छत से जनता को संबोधित किया जिसमे [[इमाम हुसैन (अ)]] की स्थिति का हवाला देकर यज़ीद को शराबी के रूप मे पेश करके यज़ीद के प्रति लोगो की निष्ठा की आलोचना की। और अपने भाषण मे उन्होने कहा कि जब तक वो जीवित है, वो इमाम हुसैन (अ) को [[शहीद]] नही होने देंगे और इमाम हुसैन (अ) को शहीद करने का एकमात्र तरीका अब्बास को मारना है।<ref> यूनिसयान, खतीबे काबा, 1386 शम्सी, पेज 46-48</ref> धर्मोपदेश के पाठ की साहित्यिक आलोचना, लेखक और मूल किताब की गुमनामी पर आधारित एक लेख मे जोया जहांबख्श ने इसे अस्वीकार कर दिया और कहा कि यह घटना दूसरे किसी स्रोत मे नही मिलती।<ref>जहान बख्श, गंजी नौयाफ्ते या वहमी बर बाफते, पेज 28-56</ref>


== आशूरा के दिन परचमदारी ==
== आशूरा के दिन परचमदारी ==
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