गुमनाम सदस्य
"इमाम अली और हज़रत फ़ातिमा की शादी": अवतरणों में अंतर
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==निकाह का ख़ुत्बा== | ==निकाह का ख़ुत्बा== | ||
इब्ने शहर आशोब ने मनाक़िब ए आले अबी तालिब मे लिखा है अली (अ.) और फ़ातिमा (स.) की शादी के समय पैगंबर मिंम्बर पर जाकर खुत्बा पढ़ा उसके पश्चात लोगो को संबोधित करते हुए फ़रमायाः अल्लाह ने मुझे आदेश दिया है कि मै फ़ातिमा की शादी अली के साथ कर दूं अगर अली राज़ी हो तो चार सौ मिसक़ाल चांदी हक़ मेहर के साथ मै फ़ातिमा का निकाह अली के साथ कर दूं। अली (अ.) ने इस पर फ़रमायाः मै राज़ी हूं। [4] | [[इब्ने शहर आशोब]] ने मनाक़िब ए आले अबी तालिब मे लिखा है अली (अ.) और फ़ातिमा (स.) की शादी के समय पैगंबर मिंम्बर पर जाकर खुत्बा पढ़ा उसके पश्चात लोगो को संबोधित करते हुए फ़रमायाः अल्लाह ने मुझे आदेश दिया है कि मै फ़ातिमा की शादी अली के साथ कर दूं अगर अली राज़ी हो तो चार सौ मिसक़ाल चांदी हक़ मेहर के साथ मै फ़ातिमा का निकाह अली के साथ कर दूं। अली (अ.) ने इस पर फ़रमायाः मै राज़ी हूं। [4] | ||
कुछ रिवायतों में हज़रत फ़ातिमा के जीवित रहते हुए अल्लाह ने हज़रत अली (अ.स.) के लिए दूसरी महिलाओ के साथ शादी हराम क़रार दी थी। [5] इसीलिए आपने हज़रत फ़ातिमा के जीवन काल मे दूसरी शादी नही की। | कुछ रिवायतों में हज़रत फ़ातिमा के जीवित रहते हुए अल्लाह ने हज़रत अली (अ.स.) के लिए दूसरी महिलाओ के साथ शादी हराम क़रार दी थी। [5] इसीलिए आपने हज़रत फ़ातिमा के जीवन काल मे दूसरी शादी नही की। |