"इमाम अली और हज़रत फ़ातिमा की शादी": अवतरणों में अंतर
→दूल्हा और दूल्हन के लिए पैंगबर की दुआ
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==दूल्हा और दूल्हन के लिए पैंगबर की दुआ== | ==दूल्हा और दूल्हन के लिए पैंगबर की दुआ== | ||
इमाम अली (अ) ने फ़रमायाः पैगंबर (स) ने मुझे फ़ातिमा (स) के पास बिठाया और फ़रमायाः खुदाया। ये मेरे लिए सबसे प्यारे लोग है। बस इन्हे दोस्त रख, इनके वंशजो को ख़ैर ओ बरकत अता कर, इन्हे हर प्रकार के नुक़सान से बचा, मै इन्हे और इनके वंशजो को धोखेबाज़ शैतान की बुराईयो से तुझे सौपता हूं।<ref>ज़िंदगानी हज़रत ज़हरा (स), (तरजुमा और तहक़ीक़ अज़ जिल्द 43 बिहार उल अनवार), रूहानी अली आबादी, पेज 417 </ref> | इमाम अली (अ) ने फ़रमायाः [[पैगंबर (स)]] ने मुझे फ़ातिमा (स) के पास बिठाया और फ़रमायाः खुदाया। ये मेरे लिए सबसे प्यारे लोग है। बस इन्हे दोस्त रख, इनके वंशजो को ख़ैर ओ बरकत अता कर, इन्हे हर प्रकार के नुक़सान से बचा, मै इन्हे और इनके वंशजो को धोखेबाज़ शैतान की बुराईयो से तुझे सौपता हूं।<ref>ज़िंदगानी हज़रत ज़हरा (स), (तरजुमा और तहक़ीक़ अज़ जिल्द 43 बिहार उल अनवार), रूहानी अली आबादी, पेज 417 </ref> | ||
==शादी का फल== | ==शादी का फल== |