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"हज़रत अब्बास अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर

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== हज़रत अब्बास (अ) के करामात ==
== हज़रत अब्बास (अ) के करामात ==
हज़रत अब्बास के करामात शियों के बीच प्रसिद्ध हैं, और हज़रत अब्बास से तवस्सुल करके रोगियों के ठीक होने या अन्य समस्याओं को हल करने के बारे में कई दास्तान हैं। "दर किनारे अलक़मा करामातुल अब्बासीया" नामक किताब मे करामात की 72 दास्तानो को एकत्र किया है।<ref>देखेः महमूदी, दर किनारे अलक़मा, 1379 शम्सी</ref> चेहरा ए दरख़शाने कमरे बनी हाशिम नामक किताब मे रब्बानी खलखली ने अब्बास (स) के लगभग आठ सौ करामात को एकत्रित करके प्रत्येक खंड में 250 से अधिक दास्ताने लिखी है। हालाँकि, इनमें से कुछ कहानियों को दोहराया गया है। इन स्रोतों के अनुसार, हज़रत अब्बास (अ) की करामात केवल शियाओं से मखसूस नही नहीं हैं बल्कि हज़रत अब्बास (अ) की करामात अन्य धर्मों और संप्रदायों, जैसे कि सुन्नियों, ईसाइयों, किलिमियों और पारसी लोगों के लिए भी बताए गए हैं।<ref>देखेः रब्बानी ख़लख़ाली, चेहरा ए दरखशान क़मरे बनी हाशिम, 1380 शम्सी</ref>
हज़रत अब्बास के करामात [[इमामिया|शियों]] के बीच प्रसिद्ध हैं, और हज़रत अब्बास से [[तवस्सुल]] करके रोगियों के ठीक होने या अन्य समस्याओं को हल करने के बारे में कई दास्तान हैं। "दर किनारे अलक़मा करामातुल अब्बासीया" नामक किताब मे करामात की 72 दास्तानो को एकत्र किया है।<ref>देखेः महमूदी, दर किनारे अलक़मा, 1379 शम्सी</ref> चेहरा ए दरख़शाने कमरे बनी हाशिम नामक किताब मे रब्बानी ख़लख़ाली ने अब्बास (स) के लगभग आठ सौ करामात को एकत्रित करके प्रत्येक खंड में 250 से अधिक दास्ताने लिखी है। हालाँकि, इनमें से कुछ कहानियों को दोहराया गया है। इन स्रोतों के अनुसार, हज़रत अब्बास (अ) की करामात केवल शियों से मखसूस नही नहीं हैं बल्कि हज़रत अब्बास (अ) की करामात अन्य धर्मों और संप्रदायों, जैसे कि सुन्नियों, ईसाइयों, किलिमियों और पारसी लोगों के लिए भी बताए गए हैं।<ref>देखेः रब्बानी ख़लख़ाली, चेहरा ए दरखशान क़मरे बनी हाशिम, 1380 शम्सी</ref>


== शिया संस्कृति मे हज़रत अब्बास (अ) ==
== शिया संस्कृति मे हज़रत अब्बास (अ) ==
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