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"हज़रत अब्बास अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर

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== इमाम हुसैन (अ) के सम्मान मे पानी ना पीना ==
== इमाम हुसैन (अ) के सम्मान मे पानी ना पीना ==
11वीं शताब्दी के विद्वान फख्रुद्दीन तुरैही के अनुसार, अल-मुंतख़ब किताब मे जब हज़रत अब्बास (अ) शरीया ए फ़ुरात पर पहुंचे तो उन्होने पानी चुल्लू मे लेकर पीना चाहा, लेकिन जब पानी चेहरे के करीब लाए तो उन्होंने हुसैन (अ) की प्यास को याद किया और पानी फेक दिया और अपने प्यासे होठों के साथ मशक भरके [[फ़ुरात]] से बाहर आ गए।<ref>तुरैही, अलमुंतख़ब, 2003 ई, पेज 307</ref> [[अल्लामा मजलिसी]] ने भी मुख्य स्रोत के नाम का उल्लेख किए बिना बिहार उल-अनवर में इसी बात का उल्लेख किया है।<ref>मजलिसी, बिहार उल अनवार, 1403 हिजरी, भाग 45, पेज 41</ref>
11वीं शताब्दी के विद्वान फख्रुद्दीन तुरैही के अनुसार, अल-मुंतख़ब किताब मे जब हज़रत अब्बास (अ) फ़ुरात के किनारे पर पहुंचे तो उन्होने पानी चुल्लू मे लेकर पीना चाहा, लेकिन जब पानी चेहरे के करीब लाए तो उन्होंने हुसैन (अ) की प्यास को याद किया और पानी फेक दिया और अपने प्यासे होठों के साथ मशक भरके [[फ़ुरात]] से बाहर आ गए।<ref>तुरैही, अलमुंतख़ब, 2003 ई, पेज 307</ref> [[अल्लामा मजलिसी]] ने भी मुख्य स्रोत के नाम का उल्लेख किए बिना बिहार उल-अनवार में इसी बात का उल्लेख किया है।<ref>मजलिसी, बिहार उल अनवार, 1403 हिजरी, भाग 45, पेज 41</ref>


उर्दूबादी ने कुछ अशआर और [[ज़ियारते नाहिया]] के कुछ हिस्से का विश्लेषण करके यह साबित करने की कोशिश की है कि यह घटना हुई है।<ref>उर्दूबादी, हयात अबलि फज़्लिल अब्बास, 1436 हिजरी, पेज 222-225</ref> शोधकर्ता जोया जहांबख्श ने एक नोट में कहा है कि इस घटना का इतिहास के पुराने स्रोत मे उल्लेख नहीं है। मक़ातिल अल-तालिबयीन के एक पुराने शोकगीत में हैं, जिसमें कहा गया है कि "अबुल फ़ज़ल ने अपनी प्यास को हुसैन (अ) पर नियोछावर कर दिया"।<ref>आया हिकायते ईसार हज़रत अबुल फज़लिल (अ) रीशा ए तारीखी नादारद, साइट पादगारिस्तान, मुरूर 8 मुर्दाद 1401 शम्सी</ref>{{नोट|و من واساه لا يثنيه شي‌ء * و جاد له على عطش بماء* वा मिन वासाहो ला यस्नीहे शैउन *वा जादा लहू अली अत्शुन बेमाइन * अल-इस्फहानी, मक़ातिलुत तालिबयीन, भाग 1, पेज 89}}  
उर्दूबादी ने कुछ अशआर और [[ज़ियारते नाहिया]] के कुछ हिस्से का विश्लेषण करके यह साबित करने की कोशिश की है कि यह घटना हुई है।<ref>उर्दूबादी, हयात अबलि फज़्लिल अब्बास, 1436 हिजरी, पेज 222-225</ref> शोधकर्ता जोया जहांबख्श ने एक नोट में कहा है कि इस घटना का इतिहास के पुराने स्रोत मे उल्लेख नहीं है। मक़ातिल अल-तालिबयीन के एक पुराने शोकगीत में हैं, जिसमें कहा गया है कि "अबुल फ़ज़ल ने अपनी प्यास को हुसैन (अ) पर नियोछावर कर दिया"।<ref>आया हिकायते ईसार हज़रत अबुल फज़लिल (अ) रीशा ए तारीखी नादारद, साइट पादगारिस्तान, मुरूर 8 मुर्दाद 1401 शम्सी</ref>{{नोट|و من واساه لا يثنيه شي‌ء * و جاد له على عطش بماء* वा मिन वासाहो ला यस्नीहे शैउन *वा जादा लहू अली अत्शुन बेमाइन * अल-इस्फहानी, मक़ातिलुत तालिबयीन, भाग 1, पेज 89}}


== फ़ज़ाइल और विशेषताएँ ==  
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