गुमनाम सदस्य
"हज़रत अब्बास अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर
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|title = शोहदा की ज़ियारत: | |||
|quote = अस्सलामो अलल अब्बास बिन अमीरिल मोमेनीन अल मवासी अख़ाहो बेनफ़्सेही, अल आख़ेज़े ले ग़देही मिन अमसेही, अल फ़ादी लहू अल वाक़ी, अस साई एलैह बे माऐही अल मक़तूऐही यदाहो। | |||
<small>''अनुवाद:अब्बास बिन [[अमीरुल मोमिनीन (उपनाम)|अमीरूल मोमिनीन]] को सलाम, जिन्होंने अपनी जान देकर [[इमाम हुसैन अलैहिस सलाम|भाई]] की मदद की, और उनके लिए ख़ुद मर गए, क़यामत के दिन लिए अपनी दुनिया से फायदा उठाया, अपने भाई के लिए खुद को कुर्बान कर दिया, और उनके लिए एक निस्वार्थ रक्षक और सैनिक थे, भले ही वह खुद प्यासे थे, और कोशिश की जो पानी उसके पास है हुसैन के पास पहुंचाए, लेकिन उसके दोनों हाथ कट गए।''</small> | |||
|source = <small>सय्यद इब्ने ताऊस, इक़बालुल आमाल, 1409 हिजरी, खंड 2, पृष्ठ 574</small> | |||
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हजरत अब्बास (अ) के विभिन्न उपनामो का उल्लेख किया गया है उनमे से कुछ उपनाम पुराने और कुछ नए है जनता उनको सिफात और फ़ज़ाइल के माध्यम से बुलाती है।<ref>देखेः मुज़फ़्फ़र, मोसूअतो बत्लिल अलक़मी, 1429 हिजरी, भाग 2, पेज 14-20; बहिश्ती, क़हरमान अल-कमे, 1374 शम्सी, पेज 45-50; हादी मनिश, कुन्नियेहा वा लक़ब्हा ए हज़रत अब्बास (अ), पेज 106</ref> कुछ उपनाम निम्मलिखित हैः | हजरत अब्बास (अ) के विभिन्न उपनामो का उल्लेख किया गया है उनमे से कुछ उपनाम पुराने और कुछ नए है जनता उनको सिफात और फ़ज़ाइल के माध्यम से बुलाती है।<ref>देखेः मुज़फ़्फ़र, मोसूअतो बत्लिल अलक़मी, 1429 हिजरी, भाग 2, पेज 14-20; बहिश्ती, क़हरमान अल-कमे, 1374 शम्सी, पेज 45-50; हादी मनिश, कुन्नियेहा वा लक़ब्हा ए हज़रत अब्बास (अ), पेज 106</ref> कुछ उपनाम निम्मलिखित हैः | ||
* '''क़मर बनी हाशिम'''<ref>अबुल फ़रज अल-इस्फ़हानी, मक़ातेलुत तालिबयीन, 1408 हिजरी, पेज 90; इब्ने निमाए हिल्ली, मसीर उल-एहज़ान, 1380 शम्सी, पेज 254</ref> | * '''क़मर बनी हाशिम'''<ref>अबुल फ़रज अल-इस्फ़हानी, मक़ातेलुत तालिबयीन, 1408 हिजरी, पेज 90; इब्ने निमाए हिल्ली, मसीर उल-एहज़ान, 1380 शम्सी, पेज 254</ref> |