गुमनाम सदस्य
"हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा": अवतरणों में अंतर
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[[सूर ए कौसर]], [[आय ए ततहीर]], आय ए मवद्दत, आय ए इत्आम और [[हदीसे बिज़्आ]] आप की शान और फ़ज़ीलत के उल्लेख मे आई है। रिवायत में आया है कि पैगंबर (स) ने फ़ातिमा ज़हरा (स) का परिचय सय्यदतुन निसा अल-आलमीन के रूप मे कराया और उनकी खुशी और नाराज़गी को अल्लाह की खुशी और नाराज़गी के रूप में वर्णित किया। | [[सूर ए कौसर]], [[आय ए ततहीर]], आय ए मवद्दत, आय ए इत्आम और [[हदीसे बिज़्आ]] आप की शान और फ़ज़ीलत के उल्लेख मे आई है। रिवायत में आया है कि पैगंबर (स) ने फ़ातिमा ज़हरा (स) का परिचय सय्यदतुन निसा अल-आलमीन के रूप मे कराया और उनकी खुशी और नाराज़गी को अल्लाह की खुशी और नाराज़गी के रूप में वर्णित किया। | ||
आपने [[सक़ीफ़ा बनी साएदा की घटना]] के विरोध के साथ [[अबू-बक्र]] द्वारा ख़िलाफ़त हड़पने और उसके प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा न करने की घोषणा की। आपने फ़िदक हड़पने की घटना में [[अमीरुल मोमिनीन (अ)]] की प्रतिरक्षा में एक धर्मोपदेश दिया, जो [[खुतबा ए फ़दकिया]] के नाम से प्रसिद्ध है। पैगंबर (स) के स्वर्गवास के तुरंत बाद अबू-बक्र के गुर्गो द्वारा उनके घर पर हुए हमले के परिणामस्वरूप हज़रत फ़ातिमा (स) घायल हो गईं और बीमार पड़ गईं थोड़े समय पश्चात 3 जमादी उस-सानी 11 हिजरी (जमादी उस-सानी इस्लामी कैलेंडर का छठा महीना) को मदीना में शहीद हो गई। पैगंबर (स) की बेटी की वसीयत के अनुसार रात के अंधेरे में दफ़नाया गया और उनकी कब्र आज भी अज्ञात है। | आपने [[सक़ीफ़ा बनी साएदा की घटना]] के विरोध के साथ [[अबू-बक्र]] द्वारा ख़िलाफ़त हड़पने और उसके प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा न करने की घोषणा की। आपने फ़िदक हड़पने की घटना में [[अमीरुल मोमिनीन (अ)]] की प्रतिरक्षा में एक धर्मोपदेश दिया, जो [[खुतबा ए फ़दकिया]] के नाम से प्रसिद्ध है। पैगंबर (स) के स्वर्गवास के तुरंत बाद अबू-बक्र के गुर्गो द्वारा उनके घर पर हुए हमले के परिणामस्वरूप हज़रत फ़ातिमा (स) घायल हो गईं और बीमार पड़ गईं थोड़े समय पश्चात 3 जमादी उस-सानी 11 हिजरी (जमादी उस-सानी इस्लामी कैलेंडर का छठा महीना) को मदीना में [[शहीद]] हो गई। पैगंबर (स) की बेटी की वसीयत के अनुसार रात के अंधेरे में दफ़नाया गया और उनकी कब्र आज भी अज्ञात है। | ||
हज़रत ज़हरा (स) की तस्बीह, [[मुस्हफ़े फ़ातिमा (स)]] और ख़ुतबा ए फ़दकिया आपकी आध्यात्मिक धरोहर का हिस्सा हैं। मुस्हफ़े फ़ातिमा एक किताब है जिसमें दिव्य दूत (फ़रिश्ते) द्वारा आप पर नाज़िल होने वाले इलहाम भी सम्मिलित है जिन्हे इमाम अली (अ) द्वारा लिखित रूप मे लाया गया हैं। रिवायतो के अनुसार [[सहीफ़ा ए फ़ातिमा (स)]] इमामों से मुंतक़िल होते होते वर्तमान में [[इमाम ज़माना (अ.त.)]] के पास है। | हज़रत ज़हरा (स) की तस्बीह, [[मुस्हफ़े फ़ातिमा (स)]] और ख़ुतबा ए फ़दकिया आपकी आध्यात्मिक धरोहर का हिस्सा हैं। मुस्हफ़े फ़ातिमा एक किताब है जिसमें दिव्य दूत ([[फ़रिश्ते]]) द्वारा आप पर नाज़िल होने वाले इलहाम भी सम्मिलित है जिन्हे इमाम अली (अ) द्वारा लिखित रूप मे लाया गया हैं। रिवायतो के अनुसार [[सहीफ़ा ए फ़ातिमा (स)]] इमामों से मुंतक़िल होते होते वर्तमान में [[इमाम ज़माना (अ.त.)]] के पास है। | ||
[[शिया इसना अशरी|शिया]] उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनकी शहादत के दिनों में उनका शोक मनाते हैं जिन्हें [[फ़ातेमिया]] के नाम से जाना जाता है। ईरान में आपके जन्म दिन (20 जमादी उस-सानी) को मदर-डे और वूमैन-डे घोषित किया गया है, और फ़ातिमा और [[ज़हरा]] लड़कियों के सबसे अधिक रखे जाने वाले नाम हैं। | [[शिया इसना अशरी|शिया]] उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनकी [[शहादत]] के दिनों में उनका शोक मनाते हैं जिन्हें [[फ़ातेमिया]] के नाम से जाना जाता है। ईरान में आपके जन्म दिन (20 जमादी उस-सानी) को मदर-डे और वूमैन-डे घोषित किया गया है, और फ़ातिमा और [[ज़हरा]] लड़कियों के सबसे अधिक रखे जाने वाले नाम हैं। | ||
== नाम और वंशावली == | == नाम और वंशावली == |