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"इमाम महदी (अ.त.) का आंदोलन": अवतरणों में अंतर
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इस संदर्भ की अधिकांश हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ.त.) का आंदोलन मक्का से होगा।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> उनमे से कुछ हदीसो को कुलैनी ने अल-काफ़ी और नोमानी ने अल-गैय्बा मे लिखा है।<ref>कुलैनी, अल-काफ़ी, भाग 1, पेज 231, हदीस 3; नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 313-315</ref> शेक सदूक़ ने अपनी किताब ओयून ए अख़्बार अल-रज़ा मे एक हदीस के अंदर तहामा नामक स्थान को इमाम ज़माना (अ.त.) के ज़हूर का स्थान बताया है।<ref>शेख सुदूक़, ओयून अख़बार अल-रज़ा, भाग 1, पेज 62-63</ref> लेकिन कहा गया है कि मक्का तहामा ही का भाग है इसलिए इसे भी तहामा कहा जाता है।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> | इस संदर्भ की अधिकांश हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ.त.) का आंदोलन मक्का से होगा।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> उनमे से कुछ हदीसो को कुलैनी ने [[अल-काफ़ी]] और नोमानी ने [[अल-गैय्बा]] मे लिखा है।<ref>कुलैनी, अल-काफ़ी, भाग 1, पेज 231, हदीस 3; नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 313-315</ref> शेक सदूक़ ने अपनी किताब [[ओयून ए अख़्बार अल-रज़ा]] मे एक हदीस के अंदर तहामा नामक स्थान को इमाम ज़माना (अ.त.) के ज़हूर का स्थान बताया है।<ref>शेख सुदूक़, ओयून अख़बार अल-रज़ा, भाग 1, पेज 62-63</ref> लेकिन कहा गया है कि मक्का तहामा ही का भाग है इसलिए इसे भी तहामा कहा जाता है।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> | ||
एक दूसारी हदीस में, यमन में कुरआ नाम के एक गाँव को आंदोलन के शुरू होने का स्थान वर्णित किया गया है,<ref>इरबिली, कश्फ़ उल-ग़ुम्मा, भाग 2, पेज 469; फ़ैज़ काशानी, किताब अल-वाफ़ी, भाग 2, पेज 467</ref> लेकिन इमाम महदी (अ.त.) के विश्वकोश के लेखकों ने इस हदीस को अविश्वसनीय मानते हुए कहते है कि इस हदीस मे इमाम ज़माना के आंदोलन को यमानि के खुरूज से मिलाया गया है।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> या इन हदीसो को फातिमयो के शासन की पुष्टि या उत्तरी अफ़ीक़ा और इस्लामी जगत के पश्चिम मे महदवियत के झूठे दावेदारो के लिए बनाया गया है।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> | एक दूसारी हदीस में, यमन में कुरआ नाम के एक गाँव को आंदोलन के शुरू होने का स्थान वर्णित किया गया है,<ref>इरबिली, कश्फ़ उल-ग़ुम्मा, भाग 2, पेज 469; फ़ैज़ काशानी, किताब अल-वाफ़ी, भाग 2, पेज 467</ref> लेकिन इमाम महदी (अ.त.) के विश्वकोश के लेखकों ने इस हदीस को अविश्वसनीय मानते हुए कहते है कि इस हदीस मे इमाम ज़माना के आंदोलन को [[यमानि के खुरूज]] से मिलाया गया है।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> या इन हदीसो को फातिमयो के शासन की पुष्टि या उत्तरी अफ़ीक़ा और इस्लामी जगत के पश्चिम मे महदवियत के झूठे दावेदारो के लिए बनाया गया है।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> | ||
अतः "इमाम महदी (अ.त.) विश्वकोश" पुस्तक में यह उल्लेख किया गया है कि हदीसों के अनुसार मक्का मे 10 हजार लोग इमाम ज़माना (अ.त.) के प्रति निष्ठा की शपथ लेंगे वहा से आप मदीना सेना भेजेंगे या एक और हदीस के अनुसार स्वंम इमाम ज़माना (अ.त.) मदीना जाएंगे तत्पश्चात सूफ़यान को दबाने के लिए इराक जाएंगे, जो आपके आंदोलन का मुख्य केंद्र होगा।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 201</ref> | अतः "इमाम महदी (अ.त.) विश्वकोश" पुस्तक में यह उल्लेख किया गया है कि हदीसों के अनुसार मक्का मे 10 हजार लोग इमाम ज़माना (अ.त.) के प्रति निष्ठा की शपथ लेंगे वहा से आप मदीना सेना भेजेंगे या एक और हदीस के अनुसार स्वंम इमाम ज़माना (अ.त.) मदीना जाएंगे तत्पश्चात सूफ़यान को दबाने के लिए इराक जाएंगे, जो आपके आंदोलन का मुख्य केंद्र होगा।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 201</ref> | ||
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==शुरुआती गुणवत्ता== | ==शुरुआती गुणवत्ता== | ||
हदीस के अनुसार इमाम ज़माना (अ.त.) नमाज़े इशा मस्जिद अल-हराम मे अदा करेंगे उसके बाद ख़ाना ए काबा को अपना निवास स्थान घोषित करेंगे।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 200-201</ref> आप पैगंबर की मीरास मे से तलवार, कवच, अम्मामा, काठी, असा, रिदा और परचम साथ लाएंगेर<ref>नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 270</ref> और रुक्न एंव मक़ाम के बीच अपने साथियों से निष्ठा की शपथ लेंगे।<ref>शेख़ तूसी, अल-ग़ैय्बा, पेज 454; मुफ़ीद, इरशाद, भाग 2, पेज 389</ref> | हदीस के अनुसार इमाम ज़माना (अ.त.) नमाज़े इशा [[मस्जिद अल-हराम]] मे अदा करेंगे उसके बाद [[ख़ाना ए काबा]] को अपना निवास स्थान घोषित करेंगे।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 200-201</ref> आप पैगंबर की मीरास मे से तलवार, कवच, अम्मामा, काठी, असा, रिदा और परचम साथ लाएंगेर<ref>नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 270</ref> और रुक्न एंव मक़ाम के बीच अपने साथियों से निष्ठा की शपथ लेंगे।<ref>शेख़ तूसी, अल-ग़ैय्बा, पेज 454; मुफ़ीद, इरशाद, भाग 2, पेज 389</ref> | ||
शेख सादुक के अनुसार, इमाम ज़माना (अ.त.) अपने 313 विशेष साथियों के साथ मस्जिद अल-हराम में हाज़िर होकर इस आयत "بَقِيَّتُ اللَّهِ خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ مُؤْمِنِينَ बक़ीयातुल्लाहे ख़ैर उल-लकुम इन कुन्तुम मोमेनीना" से अपनी बात शुरू करेंगे, उसके पश्चात इन शब्दो मे "أَنَا بَقِيَّةُ اللَّهِ فِي أَرْضِهِ وَ خَلِيفَتُهُ وَ حُجَّتُهُ عَلَيْكُمْ अना बक़ीयातुल्लाहे फ़ी अरज़ेहि वा ख़लीफ़ातोहू वा हुज्जतुन अलैकुम" अपना परिचय देंगे और जब आपके साथियों की संख्या 10 हजार तक पहुंच जाएगी तो अपने आंदोलन का आरम्भ करेंगे।<ref> शेख सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 321</ref> | शेख सादुक के अनुसार, इमाम ज़माना (अ.त.) अपने 313 विशेष साथियों के साथ मस्जिद अल-हराम में हाज़िर होकर इस आयत "بَقِيَّتُ اللَّهِ خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ مُؤْمِنِينَ बक़ीयातुल्लाहे ख़ैर उल-लकुम इन कुन्तुम मोमेनीना" से अपनी बात शुरू करेंगे, उसके पश्चात इन शब्दो मे "أَنَا بَقِيَّةُ اللَّهِ فِي أَرْضِهِ وَ خَلِيفَتُهُ وَ حُجَّتُهُ عَلَيْكُمْ अना बक़ीयातुल्लाहे फ़ी अरज़ेहि वा ख़लीफ़ातोहू वा हुज्जतुन अलैकुम" अपना परिचय देंगे और जब आपके साथियों की संख्या 10 हजार तक पहुंच जाएगी तो अपने आंदोलन का आरम्भ करेंगे।<ref> शेख सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 321</ref> | ||
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===प्रसिद्ध पात्र=== | ===प्रसिद्ध पात्र=== | ||
हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ.त.) के आंदोलन मे शामिल प्रसिद्ध पात्रो मे से एक हज़रत ईसा है जो इस आंदोलन मे आपका समर्थन करेंगे।<ref>सय्यद इब्ने ताऊस, अल-मलाहिम वल फ़ितन, पेज 83 </ref> इसी प्रकार औलिया ए इलाही मे से एक समूह जो इस दुनिया से जा चुके होंगे वापसी (रज्अत) करेंगे। उनमे से कुछ लोग जिनके नामो का हदीस मे उल्लेख है जैसेः अस्हाबे कहफ़, हज़रत यूशा बिन नून, मोमिने आले फ़िरऔन, सलमान फ़ारसी, अबू दुजाना अंसारी और मालिक अश्तर है।<ref>हुर्रे आमोली, इस्बात उल-हुदात, भाग 5, पेज 173</ref> | हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ.त.) के आंदोलन मे शामिल प्रसिद्ध पात्रो मे से एक हज़रत ईसा (अ) है जो इस आंदोलन मे आपका समर्थन करेंगे।<ref>सय्यद इब्ने ताऊस, अल-मलाहिम वल फ़ितन, पेज 83 </ref> इसी प्रकार औलिया ए इलाही मे से एक समूह जो इस दुनिया से जा चुके होंगे वापसी [[(रज्अत)]] करेंगे। उनमे से कुछ लोग जिनके नामो का हदीस मे उल्लेख है जैसेः अस्हाबे कहफ़, हज़रत यूशा बिन नून, मोमिने आले फ़िरऔन, सलमान फ़ारसी, अबू दुजाना अंसारी और मालिक अश्तर है।<ref>हुर्रे आमोली, इस्बात उल-हुदात, भाग 5, पेज 173</ref> | ||
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