गुमनाम सदस्य
"शियो के इमाम": अवतरणों में अंतर
→शिया संप्रदाय मे इमामो का स्थान और विशेषताए
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बारह इमामों की इमामत का अक़ीदा अर्थात विश्वास [[शिया धर्म के सिद्धांत|शिया इसना अशरी संप्रदाय के मूल सिद्धांतों]] में से एक है।<ref>मुहम्मदी, शरह कश्फ़ उल मुराद, 1378 शम्सी, पेज 403; मूसवी ज़िन्जानी, अक़ाएद उल-इमामिया अल-इस्ना अशारिया, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 178</ref> शियों के दृष्टिकोण से इमाम अल्लाह द्वारा इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.व.) के माध्यम से निर्धारित होता है।<ref>मुहम्मदी, शरह कश्फ़ उल मुराद, 1378 शम्सी, पेज 425; मूसवी ज़िन्जानी, अक़ाएद उल-इमामिया अल-इस्ना अशारिया, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 181-182</ref> | बारह इमामों की इमामत का अक़ीदा अर्थात विश्वास [[शिया धर्म के सिद्धांत|शिया इसना अशरी संप्रदाय के मूल सिद्धांतों]] में से एक है।<ref>मुहम्मदी, शरह कश्फ़ उल मुराद, 1378 शम्सी, पेज 403; मूसवी ज़िन्जानी, अक़ाएद उल-इमामिया अल-इस्ना अशारिया, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 178</ref> [[शिया इसना अशरी|शियों]] के दृष्टिकोण से इमाम अल्लाह द्वारा इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.व.) के माध्यम से निर्धारित होता है।<ref>मुहम्मदी, शरह कश्फ़ उल मुराद, 1378 शम्सी, पेज 425; मूसवी ज़िन्जानी, अक़ाएद उल-इमामिया अल-इस्ना अशारिया, 1413 हिजरी, भाग 3, पेज 181-182</ref> | ||
शियों का मानना है कि [[कुरआन]] में इमामों के नामों का उल्लेख नहीं हुआ है; लेकिन कुरआन की आयतों जैसे [[आय ए ऊलिल अम्र]], [[आय ए तत्हीर]], [[आय ए विलायत]], [[आय ए इकमाल]], [[आयत ए तब्लीग़]] और [[आय ए सादेक़ीन]] मे इमामों की इमामत की ओर इशारा किया गया है।<ref>देखे, मकारिम शिराज़ी, प्याम ए-क़ुरआन, 1386 शम्सी, भाग 9, पेज 170-172 और 369-370</ref> जबकि रिवायतो मे नामों और संख्या का उल्लेख है।<ref>देखे, हकीम, अल-इमामतो वल अहले-बैत (अ.स.), 1424 हिजरी, पेज 305 व 338</ref> | शियों का मानना है कि [[कुरआन]] में इमामों के नामों का उल्लेख नहीं हुआ है; लेकिन कुरआन की आयतों जैसे [[आय ए ऊलिल अम्र]], [[आय ए तत्हीर]], [[आय ए विलायत]], [[आय ए इकमाल]], [[आयत ए तब्लीग़]] और [[आय ए सादेक़ीन]] मे इमामों की इमामत की ओर इशारा किया गया है।<ref>देखे, मकारिम शिराज़ी, प्याम ए-क़ुरआन, 1386 शम्सी, भाग 9, पेज 170-172 और 369-370</ref> जबकि रिवायतो मे नामों और संख्या का उल्लेख है।<ref>देखे, हकीम, अल-इमामतो वल अहले-बैत (अ.स.), 1424 हिजरी, पेज 305 व 338</ref> | ||