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"हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलिहि व सल्लम": अवतरणों में अंतर

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ऐतिहासिक स्रोतों ने इस्लाम के पैगंबर (स) के जन्म की रात की घटनाओं का वर्णन किया है, जिन्हें [[इरहासात]] के नाम से जाना जाता है। [29] इनमें से कुछ घटनाएं यह हैं: कसरा के महल का हिलना और इसकी 14 बुर्जियों का गिरना, [[फ़ार्स का आतिशकदा|फ़ार्स के अग्नि मंदिर]] में 1000 वर्षों के बाद आग का बुझना, सावेह झील का सूखना और इसी तरह से ज्योतिषियों और सासानी राजा का अजीब सपना देखना। [30]
ऐतिहासिक स्रोतों ने इस्लाम के पैगंबर (स) के जन्म की रात की घटनाओं का वर्णन किया है, जिन्हें [[इरहासात]] के नाम से जाना जाता है। [29] इनमें से कुछ घटनाएं यह हैं: कसरा के महल का हिलना और इसकी 14 बुर्जियों का गिरना, [[फ़ार्स का आतिशकदा|फ़ार्स के अग्नि मंदिर]] में 1000 वर्षों के बाद आग का बुझना, सावेह झील का सूखना और इसी तरह से ज्योतिषियों और सासानी राजा का अजीब सपना देखना। [30]
{{कुरान मे नबीयो का उल्लेख}}
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