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"ग़ज़्वा बनी मुस्तलिक़": अवतरणों में अंतर

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इस्लाम के पैग़म्बर (स) ने शुरू में बनी मुस्तलिक जनजाति को [[इस्लाम]] में आमंत्रित किया; लेकिन इस्लाम स्वीकार करने से इनकार करने और मुस्लिम सेना पर तीरअंदानी करने के बाद, उन्होंने हमले का आदेश दिया।
इस्लाम के पैग़म्बर (स) ने शुरू में बनी मुस्तलिक जनजाति को [[इस्लाम]] में आमंत्रित किया; लेकिन इस्लाम स्वीकार करने से इनकार करने और मुस्लिम सेना पर तीरअंदानी करने के बाद, उन्होंने हमले का आदेश दिया।


ऐतिहासिक सूत्रों के अनुसार इस युद्ध में शत्रु की पराजय के बाद मुसलमानों ने दो सौ [[बंदी]], दो हजार ऊँट और पाँच हजार भेड़ें माले ग़नीमत मे मिली। बंदियों और माले [[ग़नीमत]] को मुसलमानों के बीच बांट दिया गया, और बंदियों की रिहाई की शर्त [[फ़िदया|फ़िदये]] (फ़िरौती) का भुगतान थी, जिसे पैग़म्बर (स) ने निर्धारित किया था।
ऐतिहासिक सूत्रों के अनुसार इस युद्ध में शत्रु की पराजय के बाद [[मुसलमान|मुसलमानों]] ने दो सौ [[बंदी]], दो हजार ऊँट और पाँच हजार भेड़ें माले ग़नीमत मे मिली। बंदियों और माले [[ग़नीमत]] को मुसलमानों के बीच बांट दिया गया, और बंदियों की रिहाई की शर्त [[फ़िदया|फ़िदये]] (फ़िरौती) का भुगतान थी, जिसे पैग़म्बर (स) ने निर्धारित किया था।


इस युद्ध में बनी मुस्तलिक जनजाति के मुखिया [[हारिस की बेटी जुवैरिया]] को भी बंदी बना लिया गया और पैग़म्बर (स) ने फ़िदया लेकर उसे रिहा कर दिया। मुक्त होने के बाद, जुवैरिया ने इस्लाम स्वीकार कर [[हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलिहि व सल्लम|पैग़म्बर (स)]] से [[विवाह]] कर लिया।
इस युद्ध में बनी मुस्तलिक जनजाति के मुखिया [[हारिस की बेटी जुवैरिया]] को भी बंदी बना लिया गया और पैग़म्बर (स) ने फ़िदया लेकर उसे रिहा कर दिया। मुक्त होने के बाद, जुवैरिया ने इस्लाम स्वीकार कर [[हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलिहि व सल्लम|पैग़म्बर (स)]] से [[विवाह]] कर लिया।


कुछ तफसीर की पुस्तकों की रिपोर्टों के अनुसार, इस युद्ध के दौरान पाखंडियों, विशेषकर [[अब्दुल्लाह बिन उबैय]] के व्यवहार के बारे में [[सूर ए मुनाफ़ेक़ून]] की पहली से आठवीं आयतें नाजलि हुई। यह भी कहा जाता है कि इस अभियान से लौटने के बाद [[इफ़्क की घटना|इफ़िक की घटना]] घटी।
कुछ तफसीर की पुस्तकों की रिपोर्टों के अनुसार, इस युद्ध के दौरान पाखंडियों, विशेषकर [[अब्दुल्लाह बिन उबैय]] के व्यवहार के बारे में [[सूर ए मुनाफ़ेक़ून]] की पहली से आठवीं आयतें नाजलि हुई। यह भी कहा जाता है कि इस अभियान से लौटने के बाद [[इफ़्क की घटना|इफ़िक की घटना]] घटी।
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