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"सफ़ाई आस्था का एक लक्षण है": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox Hadiths
|शीर्षक = स्वच्छता आस्था का एक भाग है
|चित्र =
|चित्र का विवरण = النَّظَافَةُ مِنَ الْإِيمَانِ
|अन्य नाम =
|विषय = स्वच्छता
|किस से नक़्ल हुई = [[हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलिहि व सल्लम|पैग़म्बर (अ)]]
|मुख्य वक्ता = कोई कथावाचक नहीं
|कथावाचक = कोई कथावाचक नहीं
|दस्तावेज़ की वैधता = हदीसे मुरसल
|शिया स्रोत = तिब अल-नबी (पुस्तक)
|सुन्नी स्रोत =
|कुरआन से प्रमाण = [[सूर ए बक़रा]], आयत 125
|कथा पुष्टि = الطُّهْرُ نِصْفُ الْإِيمَان
}}
'''स्वच्छता आस्था का एक भाग है''', यह [[हदीस]] [[इस्लाम के पैग़म्बर (स)]] से संबंधित है, जिसका अर्थ है कि स्वच्छता आस्था के लक्षणों में से एक है। इस हदीस का उल्लेख तिब्ब अल-नबी (स) पुस्तक में किया गया है, जिसका श्रेय अबू अल-अब्बास मुस्तग़फ़री (मृत्यु: 422 हिजरी) को दिया गया है।<ref>मुस्तग़फ़री, तिब्ब अल-नबी (स), 1362, पृ. 21</ref> पुस्तक तिब्बुल-नबी को [[अल्लामा मजलिसी]] की किताब बेहार अल अनवार के स्रोतों से लिखा गया है और यह वहां संपूर्णता के साथ उल्लेख की गई है।<ref> मजलेसी, बेहार अल-अनवार, 1404, खंड 59, पृष्ठ 290-301।</ref>
'''स्वच्छता आस्था का एक भाग है''', यह [[हदीस]] [[इस्लाम के पैग़म्बर (स)]] से संबंधित है, जिसका अर्थ है कि स्वच्छता आस्था के लक्षणों में से एक है। इस हदीस का उल्लेख तिब्ब अल-नबी (स) पुस्तक में किया गया है, जिसका श्रेय अबू अल-अब्बास मुस्तग़फ़री (मृत्यु: 422 हिजरी) को दिया गया है।<ref>मुस्तग़फ़री, तिब्ब अल-नबी (स), 1362, पृ. 21</ref> पुस्तक तिब्बुल-नबी को [[अल्लामा मजलिसी]] की किताब बेहार अल अनवार के स्रोतों से लिखा गया है और यह वहां संपूर्णता के साथ उल्लेख की गई है।<ref> मजलेसी, बेहार अल-अनवार, 1404, खंड 59, पृष्ठ 290-301।</ref>


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