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"इस्माईल हनिया": अवतरणों में अंतर

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31 जुलाई 2024 की सुबह ईरान की राजधानी तेहरान स्थित उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी गई, जिस पर राजनीतिक और धार्मिक नेताओं की ओर से कई प्रतिक्रियाएं देखने में आईं। [[आयतुल्लाह ख़ामेनेई]] और आयतुल्लाह नूरी हमदानी जैसे मराजेए तक़लीद ने हनिया की [[शहादत]] पर शोक व्यक्त किया और निंदा की। लेबनान के [[हिज़्बुल्लाह]], यमन के [[अंसारुल्लाह आंदोलन]], फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन, लेबनान के प्रधान मंत्री, चीन, तुर्की, रूस और क़तर जैसे देशों के विदेश मंत्रियों, फिलिस्तीनी प्राधिकरण, फ़तह आंदोलन और इराक़ की राष्ट्रीय पार्टी हिकमत जैसे इस्लामी प्रतिरोध समूह आंदोलनों ने हनिया की हत्या की निंदा की।
31 जुलाई 2024 की सुबह ईरान की राजधानी तेहरान स्थित उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी गई, जिस पर राजनीतिक और धार्मिक नेताओं की ओर से कई प्रतिक्रियाएं देखने में आईं। [[आयतुल्लाह ख़ामेनेई]] और आयतुल्लाह नूरी हमदानी जैसे मराजेए तक़लीद ने हनिया की [[शहादत]] पर शोक व्यक्त किया और निंदा की। लेबनान के [[हिज़्बुल्लाह]], यमन के [[अंसारुल्लाह आंदोलन]], फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन, लेबनान के प्रधान मंत्री, चीन, तुर्की, रूस और क़तर जैसे देशों के विदेश मंत्रियों, फिलिस्तीनी प्राधिकरण, फ़तह आंदोलन और इराक़ की राष्ट्रीय पार्टी हिकमत जैसे इस्लामी प्रतिरोध समूह आंदोलनों ने हनिया की हत्या की निंदा की।
ईरान, [[यमन]] और फ़िलिस्तीन में सार्वजनिक शोक की भी घोषणा की गई।

२०:०१, ३१ जुलाई २०२४ का अवतरण

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इस्माईल हनिया, (अरबी: اسماعیل هنیه) 2017 से 2024 तक हमास के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख रहे। उन्होंने फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रधान मंत्री, ग़ज़्ज़ा के इस्लामिक विश्वविद्यालय के कुलपति, ग़ज़्ज़ा के इस्लामी विश्वविद्यालय के न्यासी बोर्ड के पूर्व सचिव और शेख़ अहमद यासीन के आफ़िस के प्रमुख जैसे अन्य पदों पर कार्य किया।

31 जुलाई 2024 की सुबह ईरान की राजधानी तेहरान स्थित उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी गई, जिस पर राजनीतिक और धार्मिक नेताओं की ओर से कई प्रतिक्रियाएं देखने में आईं। आयतुल्लाह ख़ामेनेई और आयतुल्लाह नूरी हमदानी जैसे मराजेए तक़लीद ने हनिया की शहादत पर शोक व्यक्त किया और निंदा की। लेबनान के हिज़्बुल्लाह, यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन, फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन, लेबनान के प्रधान मंत्री, चीन, तुर्की, रूस और क़तर जैसे देशों के विदेश मंत्रियों, फिलिस्तीनी प्राधिकरण, फ़तह आंदोलन और इराक़ की राष्ट्रीय पार्टी हिकमत जैसे इस्लामी प्रतिरोध समूह आंदोलनों ने हनिया की हत्या की निंदा की।

ईरान, यमन और फ़िलिस्तीन में सार्वजनिक शोक की भी घोषणा की गई।