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"हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा": अवतरणों में अंतर

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|उपनाम = [[उम्मे अबीहा]], उम्मुल आइम्मा, उम्मुल हसन, उम्मुल हुसैन, उम्मुल मोहसिन
|उपनाम = [[उम्मे अबीहा]], उम्मुल आइम्मा, उम्मुल हसन, उम्मुल हुसैन, उम्मुल मोहसिन
|उपाधि = [[ज़हरा]], सिद्दीक़ा, ताहेरा, राज़िया, मर्ज़िया, मुबारेका, [[बतूल]]
|उपाधि = [[ज़हरा]], सिद्दीक़ा, ताहेरा, राज़िया, मर्ज़िया, मुबारेका, [[बतूल]]
|जन्म = [[20 जमादि उस-सानी]], [[बेसत]] के पांचवे वर्ष
|जन्म = [[20 जमादी अल सानी]], [[बेसत]] के पांचवे वर्ष
|जन्म स्थान = [[मक्का]]
|जन्म स्थान = [[मक्का]]
|शहादत = [[3 जमादी अल सानी]], [[वर्ष 11 हिजरी]]
|शहादत = [[3 जमादी अल सानी]], [[वर्ष 11 हिजरी]]
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|माता = [[ख़दीजा तुल कुबरा (स)]]
|माता = [[ख़दीजा तुल कुबरा (स)]]
|जीवन साथी = [[इमाम अली अलैहिस सलाम|इमाम अली (अ)]]
|जीवन साथी = [[इमाम अली अलैहिस सलाम|इमाम अली (अ)]]
|संतान = [[इमाम हसन मुज्तबा अलैहिस सलाम|इमाम हसन (अ)]], [[इमाम हुसैन अलैहिस सलाम|इमाम हुसैन (अ)]], [[हज़रत ज़ैनब |हज़रत ज़ैनब (स)]] और [[उम्मे कुल्सूम]], [[मोहसिन बिन अली]]
|संतान = [[इमाम हसन मुज्तबा अलैहिस सलाम|इमाम हसन (अ)]], [[इमाम हुसैन अलैहिस सलाम|इमाम हुसैन (अ)]], [[हज़रत ज़ैनब |हज़रत ज़ैनब (स)]] और [[उम्मे कुलसूम इमाम अली (अ) की बेटी
|उम्मे कुल्सूम]], [[मोहसिन बिन अली]]
|आयु = 18 से 28 वर्ष
|आयु = 18 से 28 वर्ष
}}
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'''हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा''' (अरबी: '''فاطمة الزهراء''') ([[5 बेअसत]]-[[11 हिजरी]]) [[पैगंबर (स)]] और [[हज़रत खदीज़ा]] की बेटी, [[इमाम अली (अ)]] की पत्नी, [[इमाम हसन मुज्तबा अलैहिस सलाम|इमाम हसन (अ)]], [[इमाम हुसैन अलैहिस सलाम|इमाम हुसैन (अ)]], हज़रत ज़ैनब (स) की मां हैं। आप असहाबे किसा या पंजेतन पाक में से हैं, जिन्हें शिया मासूम (निर्दोष) मानते हैं। ज़हरा, बतूल और सैय्यदतुन निसा अल-आलामीन आपके उपनाम हैं और उम्मे अबीहा आपकी प्रसिद्ध उपाधि है। हज़रत फ़ातिमा (स) एकमात्र ऐसी महिला हैं जो नजरान के ईसाइयों से [[मुबाहेला]] में पैगंबर (स) के साथ थीं।
'''हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा''' (अरबी: '''فاطمة الزهراء''') ([[5 बेअसत]]-[[11 हिजरी]]) [[पैगंबर (स)]] और [[हज़रत खदीज़ा]] की बेटी, [[इमाम अली (अ)]] की पत्नी, [[इमाम हसन मुज्तबा अलैहिस सलाम|इमाम हसन (अ)]], [[इमाम हुसैन अलैहिस सलाम|इमाम हुसैन (अ)]], हज़रत ज़ैनब (स) की मां हैं। आप असहाबे किसा या पंजेतन पाक में से हैं, जिन्हें शिया मासूम (निर्दोष) मानते हैं। ज़हरा, बतूल और सैय्यदतुन निसा अल-आलामीन आपके उपनाम हैं और उम्मे अबीहा आपकी प्रसिद्ध उपाधि है। हज़रत फ़ातिमा (स) एकमात्र ऐसी महिला हैं जो नजरान के ईसाइयों से [[मुबाहेला]] में पैग़म्बर (स) के साथ थीं।


[[सूर ए कौसर]], [[आय ए ततहीर]], आय ए मवद्दत, आय ए इत्आम और [[हदीसे बिज़्आ]] आप की शान और फ़ज़ीलत के उल्लेख मे आई है। रिवायत में आया है कि पैगंबर (स) ने फ़ातिमा ज़हरा (स) का परिचय सय्यदतुन निसा अल-आलमीन के रूप मे कराया और उनकी खुशी और नाराज़गी को अल्लाह की खुशी और नाराज़गी के रूप में वर्णित किया।
[[सूर ए कौसर]], [[आय ए ततहीर]], आय ए मवद्दत, आय ए इत्आम और [[हदीसे बिज़्आ]] आप की शान और फ़ज़ीलत के उल्लेख मे आई है। रिवायत में आया है कि पैगंबर (स) ने फ़ातिमा ज़हरा (स) का परिचय सय्यदतुन निसा अल-आलमीन के रूप मे कराया और उनकी खुशी और नाराज़गी को अल्लाह की खुशी और नाराज़गी के रूप में वर्णित किया।
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हज़रत ज़हरा (स) की तस्बीह, [[मुस्हफ़े फ़ातिमा (स)]] और ख़ुतबा ए फ़दकिया आपकी आध्यात्मिक धरोहर का हिस्सा हैं। मुस्हफ़े फ़ातिमा एक किताब है जिसमें दिव्य दूत ([[फ़रिश्ते]]) द्वारा आप पर नाज़िल होने वाले इलहाम भी सम्मिलित है जिन्हे इमाम अली (अ) द्वारा लिखित रूप मे लाया गया हैं। रिवायतो के अनुसार [[सहीफ़ा ए फ़ातिमा (स)]] इमामों से मुंतक़िल होते होते वर्तमान में [[इमाम ज़माना (अ)]] के पास है।
हज़रत ज़हरा (स) की तस्बीह, [[मुस्हफ़े फ़ातिमा (स)]] और ख़ुतबा ए फ़दकिया आपकी आध्यात्मिक धरोहर का हिस्सा हैं। मुस्हफ़े फ़ातिमा एक किताब है जिसमें दिव्य दूत ([[फ़रिश्ते]]) द्वारा आप पर नाज़िल होने वाले इलहाम भी सम्मिलित है जिन्हे इमाम अली (अ) द्वारा लिखित रूप मे लाया गया हैं। रिवायतो के अनुसार [[सहीफ़ा ए फ़ातिमा (स)]] इमामों से मुंतक़िल होते होते वर्तमान में [[इमाम ज़माना (अ)]] के पास है।


[[शिया इसना अशरी|शिया]] उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनकी [[शहादत]] के दिनों में उनका शोक मनाते हैं जिन्हें [[फ़ातेमिया]] के नाम से जाना जाता है। ईरान में आपके जन्म दिन ([[20 जमादी उस-सानी]]) को मदर-डे और वूमैन-डे घोषित किया गया है, और फ़ातिमा और [[ज़हरा]] लड़कियों के सबसे अधिक रखे जाने वाले नाम हैं।
[[शिया इसना अशरी|शिया]] उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनकी [[शहादत]] के दिनों में उनका शोक मनाते हैं जिन्हें [[फ़ातेमिया]] के नाम से जाना जाता है। ईरान में आपके जन्म दिन ([[20 जमादी अल-सानी]]) को मदर-डे और वूमैन-डे घोषित किया गया है, और फ़ातिमा और [[ज़हरा]] लड़कियों के सबसे अधिक रखे जाने वाले नाम हैं।


== नाम और वंशावली ==  
== नाम और वंशावली ==  
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