सामग्री पर जाएँ

"अस्ल अल-शिया व उसूलुहा (किताब)": अवतरणों में अंतर

पंक्ति १२: पंक्ति १२:
==प्रशंसा एवं स्थान==
==प्रशंसा एवं स्थान==


असल अल-शिया व उसूलुहो पुस्तक एक ऐतिहासिक और धार्मिक[4] पुस्तक है जो [[शिया]] धर्म की रक्षा के लिए लिखी गई थी[5] और धर्म के सिद्धांतों और शाखाओं के बारे में शिया मान्यताओं को व्यक्त करती है।[6] यह पुस्तक काशिफ़ अल-ग़ेता का सबसे महत्वपूर्ण लिखित कार्य मानी जाती है। [7]
असल अल-शिया व उसूलुहो पुस्तक एक ऐतिहासिक और धार्मिक<ref> "मोहम्मद हुसैन काशिफ़ अल-ग़ेता", राजनीतिक अध्ययन और अनुसंधान संस्थान की वेबसाइट।</ref> पुस्तक है जो [[शिया]] धर्म की रक्षा के लिए लिखी गई थी<ref> अल्लामा अस्करी, "परिचय", पृष्ठ 11.</ref> और धर्म के सिद्धांतों और शाखाओं के बारे में शिया मान्यताओं को व्यक्त करती है।<ref> आग़ा बुज़ुर्ग तेहरानी, ​​अल-ज़रिया, 1408 एएच, खंड 2, पृष्ठ 168।</ref> यह पुस्तक काशिफ़ अल-ग़ेता का सबसे महत्वपूर्ण लिखित कार्य मानी जाती है।<ref> "अल्लामा काशिफ़ अल-ग़ेता की जीवनी और उनके धार्मिक कार्यों का परिचय", राजनीतिक अध्ययन और अनुसंधान संस्थान की वेबसाइट।</ref>


असल अल-शिया व उसुलुहा पुस्तक के फ़ारसी अनुवादक आयतुल्लाह [[मकारिम शिराज़ी]] का मानना ​​है कि इस पुस्तक ने शिया के बारे में ग़लत धारणाओं को नष्ट कर दिया है और शिया की मान्यताओं को सही ढंग से प्रस्तुत किया है। [8] मिस्र के एक शोधकर्ता अहमद ज़की पाशा के अनुसार यह पुस्तक [[इस्लामी एकता]] बनाने में एक प्रभावी कारक है।[9] आयतुल्लाह मकारिम के अनुसार, इस पुस्तक ने विद्वानों और प्राच्यविदों का भी ध्यान और सराहना प्राप्त की है। [10]
असल अल-शिया व उसुलुहा पुस्तक के फ़ारसी अनुवादक आयतुल्लाह [[मकारिम शिराज़ी]] का मानना ​​है कि इस पुस्तक ने शिया के बारे में ग़लत धारणाओं को नष्ट कर दिया है और शिया की मान्यताओं को सही ढंग से प्रस्तुत किया है।<ref> मकारिम शिराज़ी, आईने मा, 2008, पृष्ठ 18.</ref> मिस्र के एक शोधकर्ता अहमद ज़की पाशा के अनुसार यह पुस्तक [[इस्लामी एकता]] बनाने में एक प्रभावी कारक है।<ref> मकारिम शिराज़ी, आईने मा, 2008, पृष्ठ 24.</ref> आयतुल्लाह मकारिम के अनुसार, इस पुस्तक ने विद्वानों और प्राच्यविदों का भी ध्यान और सराहना प्राप्त की है।<ref> मकारिम शिराज़ी, आईने मा, 2008, पृष्ठ 21।</ref>


लेखक के अनुसार, इस पुस्तक में [[शिया]] मान्यताओं के उन विषयों का उल्लेख किया गया हैं जिन्हें सभी शिया विद्वानों ने स्वीकार किया है। [11] इस पुस्तक की अन्य विशेषताएं संक्षिप्तता, सरलता, अभिव्यक्तियों की स्पष्टता और सर्वसम्मती प्रमाणिक सामग्रियों का उपयोग हैं। [12] विभिन्न [[इस्लामिक]] देशों में असल अल-शिया व उसूलुहा पुस्तक का पुनर्मुद्रण इस पुस्तक की व्यापक स्वीकृति का परिणाम माना जाता है। [13]
लेखक के अनुसार, इस पुस्तक में [[शिया]] मान्यताओं के उन विषयों का उल्लेख किया गया हैं जिन्हें सभी शिया विद्वानों ने स्वीकार किया है।<ref> काशिफ अल-ग़ेता, असल अल-शिया व उसुलुहा, 1413 एएच, पृष्ठ 43।</ref> इस पुस्तक की अन्य विशेषताएं संक्षिप्तता, सरलता, अभिव्यक्तियों की स्पष्टता और सर्वसम्मती प्रमाणिक सामग्रियों का उपयोग हैं।<ref> "अल्लामा काशिफ़ अल-ग़ेता की जीवनी और उनके धार्मिक कार्यों का परिचय", राजनीतिक अध्ययन और अनुसंधान संस्थान की वेबसाइट।</ref> विभिन्न [[इस्लामिक]] देशों में असल अल-शिया व उसूलुहा पुस्तक का पुनर्मुद्रण इस पुस्तक की व्यापक स्वीकृति का परिणाम माना जाता है।<ref> ग़रवी, "द स्टोरी ऑफ़ द बुक असल अल-शिया व उसूलुहा", पीपी. 65-67.</ref>


==लेखक प्रेरणा==
==लेखक प्रेरणा==
confirmed, movedable
१२,५९४

सम्पादन