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"इमाम अली नक़ी अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर

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चौथी चंद्र शताब्दी के इतिहासकार मसऊदी के अनुसार, [[मुतवक्किल]] को सूचना दी गई कि इमाम (अ) घर में युद्ध उपकरण और शियों के उनको लिखे गए पत्र मौजूद हैं। इस कारण से, मुतवक्किल के आदेश पर, कई अधिकारियों ने इमाम हादी के घर पर अचानक हमला कर दिया। <ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref> जब इमाम को मुतवक्किल की सभा में ले जाया गया, तो ख़लीफा के हाथ में शराब का जाम था और उसने उसे इमाम को पेश किया। <ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref> इमाम ने यह कहते हुए कि मेरा मांस और खून शराब से दूषित नहीं है, मुतवक्किल के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। <ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref> फिर मुतवक्किल ने इमाम से एक ऐसी कविता सुनाने के लिए कहा जो उसे आनंदित कर दे। <ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref> पहले तो, इमाम ने उसके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया; लेकिन उसके आग्रह पर उन्होंने ये पक्तियाँ पढ़ीं:
चौथी चंद्र शताब्दी के इतिहासकार मसऊदी के अनुसार, [[मुतवक्किल]] को सूचना दी गई कि इमाम (अ) घर में युद्ध उपकरण और शियों के उनको लिखे गए पत्र मौजूद हैं। इस कारण से, मुतवक्किल के आदेश पर, कई अधिकारियों ने इमाम हादी के घर पर अचानक हमला कर दिया। <ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref> जब इमाम को मुतवक्किल की सभा में ले जाया गया, तो ख़लीफा के हाथ में शराब का जाम था और उसने उसे इमाम को पेश किया। <ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref> इमाम ने यह कहते हुए कि मेरा मांस और खून शराब से दूषित नहीं है, मुतवक्किल के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। <ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref> फिर मुतवक्किल ने इमाम से एक ऐसी कविता सुनाने के लिए कहा जो उसे आनंदित कर दे। <ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref> पहले तो, इमाम ने उसके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया; लेकिन उसके आग्रह पर उन्होंने ये पक्तियाँ पढ़ीं:


:باتوا علی قُلَلِ الأجبال تحرسهم غُلْبُ الرجال فما أغنتهمُ القُللُ
<center>:باتوا علی قُلَلِ الأجبال تحرسهم غُلْبُ الرجال فما أغنتهمُ القُللُ


:واستنزلوا بعد عزّ عن معاقلهم فأودعوا حُفَراً، یا بئس ما نزلوا
:واستنزلوا بعد عزّ عن معاقلهم فأودعوا حُفَراً، یا بئس ما نزلوا
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:وطالما کنزوا الأموال وادخروا فخلفوها علی الأعداء وارتحلوا
:وطالما کنزوا الأموال وادخروا فخلفوها علی الأعداء وارتحلوا


:أضحت مَنازِلُهم قفْراً مُعَطلة وساکنوها إلی الأجداث قد رحلوا.[۱۱۰]
:أضحت مَنازِلُهم قفْراً مُعَطلة وساکنوها إلی الأجداث قد رحلوا.[۱۱۰]</center>
<ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref>
<ref> मसऊदी, मुरुज अल-ज़हब, 1409 हिजरी, खंड 4, पृष्ठ 11।</ref>
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