"इमाम अली नक़ी अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर
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मुख्य लेख: [[इमाम नक़ी और इमाम अस्करी का रौज़ा|असकरीयैन का रौज़ा]] | :मुख्य लेख: [[इमाम नक़ी और इमाम अस्करी का रौज़ा|असकरीयैन का रौज़ा]] | ||
इमाम हादी (अ.स.) को उसी घर में दफ़्न किया गया जिसमें वह सामर्रा में रहते थे। [34] सामर्रा में इमाम हादी (अ.स.) और उनके बेटे [[इमाम हसन अस्करी (अ.स.)]] के दफ़्न स्थान को [[इमाम नक़ी और इमाम अस्करी का रौज़ा|असकरीयैन के रौज़ा]] के रूप में जाना जाता है। इमाम हादी (अ.स.) को उनके घर में दफ़्न करने के बाद इमाम अस्करी (अ.स.) ने उनकी क़ब्र के लिए एक नौकर नियुक्त किया। वर्ष 328 हिजरी में, उनकी क़ब्र पर पहला गुंबद बनाया गया था। [35] अस्करीयैन के रौज़े की विभिन्न अवधियों में मरम्मत, पूरा और पुनर्निर्मित किया गया है। [36] हर साल, [[इमामिया|शिया]] इमाम हादी और इमाम हसन अस्करी के दर्शन के लिए विभिन्न क्षेत्रों से सामर्रा जाते हैं। | इमाम हादी (अ.स.) को उसी घर में दफ़्न किया गया जिसमें वह सामर्रा में रहते थे। [34] सामर्रा में इमाम हादी (अ.स.) और उनके बेटे [[इमाम हसन अस्करी (अ.स.)]] के दफ़्न स्थान को [[इमाम नक़ी और इमाम अस्करी का रौज़ा|असकरीयैन के रौज़ा]] के रूप में जाना जाता है। इमाम हादी (अ.स.) को उनके घर में दफ़्न करने के बाद इमाम अस्करी (अ.स.) ने उनकी क़ब्र के लिए एक नौकर नियुक्त किया। वर्ष 328 हिजरी में, उनकी क़ब्र पर पहला गुंबद बनाया गया था। [35] अस्करीयैन के रौज़े की विभिन्न अवधियों में मरम्मत, पूरा और पुनर्निर्मित किया गया है। [36] हर साल, [[इमामिया|शिया]] इमाम हादी और इमाम हसन अस्करी के दर्शन के लिए विभिन्न क्षेत्रों से सामर्रा जाते हैं। | ||
मुख्य लेख: [[असकरीयैन (अ) के रौज़े का विनाश]] | :मुख्य लेख: [[असकरीयैन (अ) के रौज़े का विनाश]] | ||
वर्ष 1384 और 1386 शम्सी में, आतंकवादी विस्फोटों में अस्करीयैन के रौज़े के कुछ हिस्से नष्ट हो गए थे। [37] महामहिमों के तीर्थस्थलों के पुनर्निर्माण मुख्यालय ने 1394 शम्सी में उसके पुनर्निर्माण का काम पूरा किया। [38] तीर्थस्थल की ज़रीह का निर्माण [[आयतुल्लाह सीस्तानी]] के सहयोग से पूरा किया गया है। [39] | वर्ष 1384 और 1386 शम्सी में, आतंकवादी विस्फोटों में अस्करीयैन के रौज़े के कुछ हिस्से नष्ट हो गए थे। [37] महामहिमों के तीर्थस्थलों के पुनर्निर्माण मुख्यालय ने 1394 शम्सी में उसके पुनर्निर्माण का काम पूरा किया। [38] तीर्थस्थल की ज़रीह का निर्माण [[आयतुल्लाह सीस्तानी]] के सहयोग से पूरा किया गया है। [39] |