लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा
लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा (अरबीःالمجلس الإسلامي الشيعي في لبنان) जो लेबनान में शियो का पहला आधिकारिक केंद्र है, जिसकी स्थापना 23 मई 1969 ई को इमाम मूसा सद्र ने की थी। इस संसद की स्थापना का उद्देश्य शियाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उनमें एकता पैदा करना है। सय्यद मूसा सद्र इसके गठन की शुरुआत से लेकर अपने अपहरण (सितंबर 1357 ई) तक इसके अध्यक्ष थे। 1379 ई तक मुहम्मद महदी शम्सुद्दीन और उनके बाद अब्दुल अमीर क़बलान शियो की सर्वोच्च सभा के अध्यक्ष थे। वर्तमान मे, शेख अली खतीब जो शिया सुप्रीम काउंसिल के उपाध्यक्ष हैं, इस संगठन का प्रबंधन करते हैं। लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा द्वारा विभिन्न शैक्षिक, धार्मिक और धर्मार्थ केंद्र और संस्थान स्थापित किए गए हैं; इनमें धार्मिक प्रचार संगठन, इस्लामिक टेक्निकल स्कूल, इमाम सादिक़ (अ) मस्जिद और हज़रत ज़ैनब (स) चैरिटेबल ट्रस्ट शामिल हैं।
स्थापना
लेबनान में शियो की सर्वोच्च इस्लामी परिषद ने 23 मई 1969 ई को शिया विद्वानों के 9-सदस्यीय शरिया बोर्ड और 12-सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड का चुनाव करके काम करना शुरू किया।[१] इस संस्था को लेबनान में शियो का पहला आधिकारिक केंद्र माना जाता है।[२]
उपरोक्त सभा की स्थापना इमाम मूसा सद्र ने शियो के अधिकारों की रक्षा करने और उनके बीच एकता पैदा करने के उद्देश्य से की थी। इससे पहले, लेबनान में सुन्नियों, दुरूज़ियान और ईसाइयों सहित सभी समूहों के पास सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक संसद और एक केंद्र था, और उक्त संसद के प्रमुख को प्रत्येक कबीले का आधिकारिक प्रतिनिधि माना जाता था।[३]
हालाँकि लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा ने शुरू में लेबनानी शियो के मामलों की देखरेख में सर्वोच्च स्थान रखा था,[४] लेकिन कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, हिज़्बुल्लाह और अमल आंदोलन जैसे राजनीतिक समूहों के गठन के बाद, इसे धीरे-धीरे इसकी स्थिति में कमी आई।[५] हालाँकि, "अरब शियाट्स" पुस्तक के लेखक ग्राहम फुलर और रैंड रहीम फ्रांके ने शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा को लेबनान में शियो की सबसे महत्वपूर्ण संस्था माना है, जो मुहम्मद महदी शम्सुद्दीन राष्ट्रपति पद के दौरान थी। जिनको सुन्नी समुदाय के साथ गंभीर सहयोग था।[६]
सभापतित्व
लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा लेबनान में प्रधान मंत्री के अधीन संस्थानों में से एक है, और इसके अध्यक्ष का चुनाव, मतदान द्वारा और आंतरिक नियमों के आधार पर किया जाता है। इमाम मूसा सद्र 23 मई 1969 ई को लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा के प्रमुख के रूप में चुने गए थे; इस सभापतित्व पद का कार्यकाल शुरू में 6 साल के लिए निर्धारित किया गया था और फिर इसे सुप्रीम इस्लामिक के प्रमुख सय्यद मूसा सद्र के 65वें वर्ष तक बढ़ा दिया गया था[७] उस समय नेशनल असेंबली और लेबनानी प्रेसीडेंसी की मंजूरी के आधार पर लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा, अन्य धार्मिक समूहों के नेताओं की तरह, सभी शिया मामलों का नेतृत्व करती है।
सय्यद मूसा सद्र ने लेबनान के शियो की सर्वोच्च सभा की अध्यक्षता संभालने की शुरुआत में अपनी कुछ योजनाओं और लक्ष्यों की घोषणा इस प्रकार की: शियो के सांप्रदायिक मामलों का विनियमन, मुसलमानों के बीच एकता और लेबनान के सभी धार्मिक संप्रदायों के साथ सहयोग, लेबनान की एकता को बनाए रखना, राष्ट्रीय जिम्मेदारी पर ध्यान देना और लेबनान की स्वतंत्रता की रक्षा करना और सीमाओं की रक्षा करना, गरीबी और सामाजिक उत्पीड़न और नैतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना, साथ ही फिलिस्तीनी प्रतिरोध का समर्थन करना और इज़रायली शासन द्वारा हड़प ली गयी भूमि को मुक्त कराने के लिए अरब सरकारों के साथ सहयोग करना।[८]
सितम्बर 1978 ई में इमाम मूसा सद्र के लापता होने के बाद, शेख मुहम्मद महदी शम्सुद्दीन ने इस परिषद की अध्यक्षता संभाली[९] और 2000 ई में उनकी मृत्यु के बाद शेख अब्दुल अमीर क़बलान, जो शेख मुहम्मद महदी शम्सुद्दीन की अध्यक्षता के दौरान लेबनान की शिया सुप्रीम काउंसिल के डिप्टी थे इसके अध्यक्ष बने, लेकिन 2021 ई में अब्दुल अमीर कबलान की मृत्यु के बाद तक उन्हें आधिकारिक तौर पर लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा के प्रमुख के रूप में घोषित नहीं किया गया था[१०] अब, शेख अली खतीब, जो शिया सुप्रीम काउंसिल के उपाध्यक्ष थे, इस संगठन का प्रबंधन करते हैं और इस संगठन के लिए कोई प्रमुख नियुक्त नहीं किया गया है।[११]
परिषद् के सदस्य
लेबनान के शियो की सर्वोच्च इस्लामी सभा में तीन प्रतिनिधिमंडल शामिल हैं; आम सभा, जिसमें शियो के विभिन्न समूहों के प्रतिनिधि शामिल हैं, शरिया बोर्ड, जिसमें लेबनान के 12 धार्मिक विद्वानो का चयन लेबनानी मौलवियो के समुह द्वारा 6 साल के लिए चुने जाते हैं, और कार्यकारी बोर्ड, जिसमे महासभा द्वारा चुने गए 12 सदस्यो मे लेबनानी संसद के शिया प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं।[१२]
संबंद्धित केंद्र और संस्थान
लेबनान के शियो की सर्वोच्च सभा विभिन्न शैक्षिक, धर्मार्थ और धार्मिक सेवाओं वाले केंद्रों और संस्थानों को कवर करती है। ये केंद्र और संस्थान इस प्रकार हैं: धार्मिक प्रचार संगठन (साज़माने तबलीग़ते दीनी), सांस्कृतिक धर्मार्थ समुदाय, इस्लामिक तकनीकी स्कूल, अल-ज़ोहा स्कूल, हज़रत खदीजा चैरिटी सेंटर, बुक़ाअ में अल-ग़दीर शैक्षिक परिसर, खलदा में इस्लामिक विश्वविद्यालय, शतीला में इमाम सादिक़ (अ) मस्जिद बेरूत जिला, बेरूत तकनीकी संरक्षिका चिकित्सा-सेवा परिसर, और हज़रत ज़ैनब (स) धर्मार्थ समाज[१३] इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ लेबनान भी इसके संबंद्धित केंद्रों में से है।
वित्तीय संसाधन
लेबनान में शियो की सर्वोच्च सभा के वित्तीय संसाधन खुम्स और ज़कात सहित शरिया फंड के माध्यम से और अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, कुवैत और सऊदी अरब में रहने वाले शियो के योगदान का उपयोग करके प्रदान किए जाते हैं।[१४]
फ़ुटनोट
- ↑ गुली जवारेह क़ुमशेई, रहबरी दरखशान इमाम मूसा सद्र बराय शियान लेबनान, पेज 39
- ↑ गुली जवारेह क़ुमशेई, रहबरी दरखशान इमाम मूसा सद्र बराय शियान लेबनान, पेज 39
- ↑ वाइज़ जादा खुरासी, गुजारिशी अज़ लेबनान, पेज 374
- ↑ नूर आक़ाई, लेबनान, 1387 शम्सी, पेज 109
- ↑ नूरी, शियान लेबनान, 1389 शम्सी, पेज 179
- ↑ फ़ूलर, शीयान अरब, 1384 शम्सी,पेज 434, 441-442
- ↑ पीशवाई, चेगूनगी तासीस मजलिस आला शियान, पेज 58-59
- ↑ पीशवाई, चेगूनगी तासीस मजलिस आला शियान, पेज 59
- ↑ दवानी, अली, मफ़ाख़िर इस्लाम, 1364 शम्सी, भाग 4, पेज 363; सालरोज़ तासीस मजलिस आला ए शियान लेबनान, अव्वलीन मरकज़ शिया
- ↑ पाएगाह रस्मी मजलिस आला ए शियान लेबनान
- ↑ मलइल शग़ूर फ़ी रआसते अल शीई अल आला इला मा बादिल इंतेखाबात
- ↑ असासनामा मजलिस आला शियान
- ↑ नूरी, शियान लेबनान, 1389 शम्सी, पेज 179-180
- ↑ मरकज़े इनतेशारात वल बुहूस, लेबनान, तारीख, जामेअ व सियासत (1972-1976ई), 1386 शम्सी, पेज 98
स्रोत
- असासनामा मजलिस आला शियान, साइट इमाम मूसा सद्र, वीजिट की तारीख 7 आबान 1397 शम्सी
- इस्फहानी, अब्दुल्लाह, यादी अज़ आयतुल्लाह शेख मुहम्मद महदी शम्सुद्दीन, दर मजल्ले किताब माह दीन, क्रमांक 55, अरदिबहिश्त 1381 शम्सी
- पीशवाई, महदी, चेगूनगी तासीस मजलिस आला शियान, दर मजल्ले दरसहाए अज़ मकतब इस्लाम, 25वां साल, क्रमांक 7, मेहेर 1364 शम्सी
- दवानी, अली, मफ़ाखिर इस्लाम, तेहरान, इंतेशारत अमीर कबीर, 1364 शम्सी
- फ़ूलर, गिराहाम व रंद रहीम फ़रानके, शियान अरब, मुलमानान फ़रामूश शुदे, तरजुमा खदीज़ा तबरेज़ी, क़ुम, शिया शनासी, 1384 शम्सी
- मरकज़ इंतेशारात वल बुहूस, लेबनान, तारीख, जामेअ व सियासत (1972-1976ई), तरजुमा मोअस्सेसा मुतालेआत अंदीशेसाजान नूर, तेहरान, अंदीशेसाज़ान नूर, 1386 शम्सी
- नूर आक़ाई, आरश व मानदाना अली ज़ादा, लेबनान, तेहरान, शिरकत सहामी किताब जैबी, 1387 शम्सी
- नूरी, दाऊद, शियान लेबनान, वजीअत सियासी-इज्तेमाई पस अज़ इंकेलाब इस्लामी ईरान, बा राहनुमाई महमूद तक़ी ज़ादा दावरी, क़ुम, इंतेशारात शिया शनासी, 1389 शम्सी
- वाइज़ ज़ादा खुरासानी, मुहम्मद, गुजारिशी अज़ लेबनान, दर नशरिया दानिशकदे इलाहीयात व मआरिफ इस्लामी मश्हद, क्रमांक 8, पाईज 1352 शम्सी