गुमनाम सदस्य
"इमाम महदी (अ.त.) का आंदोलन": अवतरणों में अंतर
सम्पादन सारांश नहीं है
imported>E.musavi No edit summary |
imported>Asif No edit summary |
||
पंक्ति ५: | पंक्ति ५: | ||
कुछ लोग हदीसो का हवाला देते हुए मानते हैं कि आंदोलन में इमाम ज़माना (अ) का हथियार तलवार होगी, और अल्लाह की ओर से इस तलवार मे क़रार दिए जाने वाले चमत्कारो से अपने दुश्मन को परास्त करेंगे। एक अन्य समूह का मानना है कि इस आंदोलन के माध्यम से उन्नत हथियार विफल हो जाएंगे और इस प्रकार इमाम ज़माना (अ) तलवार के माध्यम से सफल होंगे; लेकिन इसके विपरीत कुछ अन्य लोगों के अनुसार हदीसो में तलवार शब्द का प्रयोग प्रतीकात्मक है और इसका अर्थ एक सैन्य हथियार है अर्थात प्रत्येक समय मे उस समय के अनुसार प्रयोग होने वाला हथियार है। | कुछ लोग हदीसो का हवाला देते हुए मानते हैं कि आंदोलन में इमाम ज़माना (अ) का हथियार तलवार होगी, और अल्लाह की ओर से इस तलवार मे क़रार दिए जाने वाले चमत्कारो से अपने दुश्मन को परास्त करेंगे। एक अन्य समूह का मानना है कि इस आंदोलन के माध्यम से उन्नत हथियार विफल हो जाएंगे और इस प्रकार इमाम ज़माना (अ) तलवार के माध्यम से सफल होंगे; लेकिन इसके विपरीत कुछ अन्य लोगों के अनुसार हदीसो में तलवार शब्द का प्रयोग प्रतीकात्मक है और इसका अर्थ एक सैन्य हथियार है अर्थात प्रत्येक समय मे उस समय के अनुसार प्रयोग होने वाला हथियार है। | ||
==स्थिति और महत्व== | == स्थिति और महत्व == | ||
इमाम ज़मान (अ) का आंदोलन दुनिया में न्याय स्थापित करने के लिए, [[शियो के इमाम|शियों के बारहवें इमाम]] द्वारा उनके [[ज़हूर]] (पुनः प्रकट होने) के बाद किए गए उपायों को संदर्भित करता है।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 170-171</ref> हालाकि एक हिसाब से इमाम ज़माना (अ) के ज़हूर को ही आंदोलन बताते है।<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 195</ref> लेकिन जैसा कि शिया शोधकर्ता खुदा मुराद सलीमीयान ने कहा कि दोनों मुद्दे अलग हैं और इमाम ज़माना (अ.त.) का आंदोलन आपके ज़हूर पश्चात होगा।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 172</ref> | इमाम ज़मान (अ) का आंदोलन दुनिया में न्याय स्थापित करने के लिए, [[शियो के इमाम|शियों के बारहवें इमाम]] द्वारा उनके [[ज़हूर]] (पुनः प्रकट होने) के बाद किए गए उपायों को संदर्भित करता है।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 170-171</ref> हालाकि एक हिसाब से इमाम ज़माना (अ) के ज़हूर को ही आंदोलन बताते है।<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 195</ref> लेकिन जैसा कि शिया शोधकर्ता खुदा मुराद सलीमीयान ने कहा कि दोनों मुद्दे अलग हैं और इमाम ज़माना (अ.त.) का आंदोलन आपके ज़हूर पश्चात होगा।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 172</ref> | ||
हदीस मे आंदोलन के लिए ख़ुरूज शब्द का भी प्रयोग हुआ है।<ref>शेख़ सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 2, पेज 377-378 </ref>शेख़ सुदूक़ ने किताबे ख़िसाल मे एक हदीस मे लिखते हुए इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन को रज्अत और पुनरूत्थान के दिन के साथ अल्लाह के दिनो मे से बताया गया है।<ref>शेख़ सुदूक़, ख़िसाल, भाग 1, पेज 108</ref> कुछ हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ) का आंदोलन आठ महीने तक चलेगा<ref>नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 164, हदीस 5</ref> जिसके परिणाम स्वरूप इमाम ज़माना (अ) की वैश्विक सरकार स्थापित होगी।<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 449</ref> | हदीस मे आंदोलन के लिए ख़ुरूज शब्द का भी प्रयोग हुआ है।<ref>शेख़ सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 2, पेज 377-378 </ref>शेख़ सुदूक़ ने किताबे ख़िसाल मे एक हदीस मे लिखते हुए इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन को रज्अत और पुनरूत्थान के दिन के साथ अल्लाह के दिनो मे से बताया गया है।<ref>शेख़ सुदूक़, ख़िसाल, भाग 1, पेज 108</ref> कुछ हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ) का आंदोलन आठ महीने तक चलेगा<ref>नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 164, हदीस 5</ref> जिसके परिणाम स्वरूप इमाम ज़माना (अ) की वैश्विक सरकार स्थापित होगी।<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 449</ref> | ||
==समय और अवधि== | == समय और अवधि == | ||
इमाम ज़माना (अ) का आंदोलन कब आरम्भ होगा इस संबंध मे कोई सटीक ज्ञान नही है,<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 207 | इमाम ज़माना (अ) का आंदोलन कब आरम्भ होगा इस संबंध मे कोई सटीक ज्ञान नही है,<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 207 | ||
</ref> लेकिन इस आंदोलन के समय की कुछ विशेषताओ का हदीसो मे वर्णन हुआ है। जैसे कि यह आंदोलन विषम वर्षो ()मे, आशूर (10 मोहर्रम) और शनिवार से शुरू होगा।<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 212-213</ref> तारीखे मा बाद अज़ ज़हूर किताब के लेखक सय्यद मुहम्मद सद्र के अनुसार इस संबंध की हदीसों में आशूरा दिवस के अतिरिक्त दूसरे दिनो मे ज़हूर होने वाली रिवायते अस्वीकार्य है।<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 213</ref> | </ref> लेकिन इस आंदोलन के समय की कुछ विशेषताओ का हदीसो मे वर्णन हुआ है। जैसे कि यह आंदोलन विषम वर्षो ()मे, आशूर (10 मोहर्रम) और शनिवार से शुरू होगा।<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 212-213</ref> तारीखे मा बाद अज़ ज़हूर किताब के लेखक सय्यद मुहम्मद सद्र के अनुसार इस संबंध की हदीसों में आशूरा दिवस के अतिरिक्त दूसरे दिनो मे ज़हूर होने वाली रिवायते अस्वीकार्य है।<ref>सद्र, अलमोसूआ तुल महदावीया, भाग 3 (तारीख़े मा बाद अज़ ज़हूर), पेज 213</ref> | ||
पंक्ति १६: | पंक्ति १६: | ||
इस आंदोलन की अवधि के बारे में हदीसो मे है कि इमाम ज़माना (अ) आठ महीनो तक तलवार अपने साथ रखेंगे।<ref>नोमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 164, हदीस 5</ref> | इस आंदोलन की अवधि के बारे में हदीसो मे है कि इमाम ज़माना (अ) आठ महीनो तक तलवार अपने साथ रखेंगे।<ref>नोमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 164, हदीस 5</ref> | ||
==स्थान== | == स्थान == | ||
इस संदर्भ की अधिकांश हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ.त.) का आंदोलन मक्का से होगा।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> उनमे से कुछ हदीसो को कुलैनी ने [[अल-काफ़ी]] और नोमानी ने [[अल-ग़ैबा]] मे लिखा है।<ref>कुलैनी, अल-काफ़ी, भाग 1, पेज 231, हदीस 3; नोमानी, अल-ग़ैबा, पेज 313-315</ref> शेख़ सदूक़ ने अपनी किताब [[ओयून ए अख़्बार अल-रज़ा]] मे एक हदीस के अंदर तहामा नामक स्थान को इमाम ज़माना (अ.त.) के ज़हूर का स्थान बताया है।<ref>शेख़ सुदूक़, ओयून अख़बार अल-रज़ा, भाग 1, पेज 62-63</ref> लेकिन कहा गया है कि मक्का तहामा ही का भाग है इसलिए इसे भी तहामा कहा जाता है।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> | इस संदर्भ की अधिकांश हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ.त.) का आंदोलन मक्का से होगा।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> उनमे से कुछ हदीसो को कुलैनी ने [[अल-काफ़ी]] और नोमानी ने [[अल-ग़ैबा]] मे लिखा है।<ref>कुलैनी, अल-काफ़ी, भाग 1, पेज 231, हदीस 3; नोमानी, अल-ग़ैबा, पेज 313-315</ref> शेख़ सदूक़ ने अपनी किताब [[ओयून ए अख़्बार अल-रज़ा]] मे एक हदीस के अंदर तहामा नामक स्थान को इमाम ज़माना (अ.त.) के ज़हूर का स्थान बताया है।<ref>शेख़ सुदूक़, ओयून अख़बार अल-रज़ा, भाग 1, पेज 62-63</ref> लेकिन कहा गया है कि मक्का तहामा ही का भाग है इसलिए इसे भी तहामा कहा जाता है।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ.त.), भाग 8, पेज 199</ref> | ||
पंक्ति २६: | पंक्ति २५: | ||
हदीसों के अनुसार रोम, दयलम, भारत, काबुल और ख़ज़र पर इमाम ज़माना (अ.त.) विजय प्राप्त करेंगे।<ref>नोमानी, अल-ग़ैबा, पेज 235, हदीस 22</ref> इसी तरह हदीसों में उल्लेख हुआ है कि हज़रत ईसा बैतुल मक़द्दस मे इमाम ज़माना (अ.त.) के साथ मिल जाएंगे।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 179</ref> आंदोलन का अंत कूफ़ा में होगा और यह शहर इमाम ज़माना (अ.त.) की सरकार का केंद्र होगा।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 179</ref> | हदीसों के अनुसार रोम, दयलम, भारत, काबुल और ख़ज़र पर इमाम ज़माना (अ.त.) विजय प्राप्त करेंगे।<ref>नोमानी, अल-ग़ैबा, पेज 235, हदीस 22</ref> इसी तरह हदीसों में उल्लेख हुआ है कि हज़रत ईसा बैतुल मक़द्दस मे इमाम ज़माना (अ.त.) के साथ मिल जाएंगे।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 179</ref> आंदोलन का अंत कूफ़ा में होगा और यह शहर इमाम ज़माना (अ.त.) की सरकार का केंद्र होगा।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 179</ref> | ||
==शुरुआती गुणवत्ता== | == शुरुआती गुणवत्ता == | ||
हदीस के अनुसार इमाम ज़माना (अ) नमाज़े इशा [[मस्जिद अल-हराम]] मे अदा करेंगे उसके बाद [[ख़ाना ए काबा]] को अपना निवास स्थान घोषित करेंगे।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ), भाग 8, पेज 200-201</ref> आप पैगंबर की मीरास मे से तलवार, कवच, अम्मामा, काठी, असा, रिदा और परचम साथ लाएंगेर<ref>नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 270</ref> और रुक्न एंव मक़ाम के बीच अपने साथियों से निष्ठा की शपथ लेंगे।<ref>शेख़ तूसी, अल-ग़ैय्बा, पेज 454; मुफ़ीद, इरशाद, भाग 2, पेज 389</ref> | हदीस के अनुसार इमाम ज़माना (अ) नमाज़े इशा [[मस्जिद अल-हराम]] मे अदा करेंगे उसके बाद [[ख़ाना ए काबा]] को अपना निवास स्थान घोषित करेंगे।<ref>मुहम्मदी रय शहरी वा दिगरान, दानिश नामा इमाम महदी (अ), भाग 8, पेज 200-201</ref> आप पैगंबर की मीरास मे से तलवार, कवच, अम्मामा, काठी, असा, रिदा और परचम साथ लाएंगेर<ref>नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 270</ref> और रुक्न एंव मक़ाम के बीच अपने साथियों से निष्ठा की शपथ लेंगे।<ref>शेख़ तूसी, अल-ग़ैय्बा, पेज 454; मुफ़ीद, इरशाद, भाग 2, पेज 389</ref> | ||
शेख़ सदूक के अनुसार, इमाम ज़माना (अ) अपने 313 विशेष साथियों के साथ मस्जिद अल-हराम में हाज़िर होकर इस आयत "'''بَقِيَّتُ اللَّهِ خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ مُؤْمِنِينَ''' बक़ीयातुल्लाहे ख़ैर उल-लकुम इन कुन्तुम मोमेनीना" से अपनी बात शुरू करेंगे, उसके पश्चात इन शब्दो मे "أَنَا بَقِيَّةُ اللَّهِ فِي أَرْضِهِ وَ خَلِيفَتُهُ وَ حُجَّتُهُ عَلَيْكُمْ अना बक़ीयातुल्लाहे फ़ी अरज़ेहि वा ख़लीफ़ातोहू वा हुज्जतुन अलैकुम" अपना परिचय देंगे और जब आपके साथियों की संख्या 10 हजार तक पहुंच जाएगी तो अपने आंदोलन का आरम्भ करेंगे।<ref> शेख़ सदूक़, कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 321</ref> | शेख़ सदूक के अनुसार, इमाम ज़माना (अ) अपने 313 विशेष साथियों के साथ मस्जिद अल-हराम में हाज़िर होकर इस आयत "'''بَقِيَّتُ اللَّهِ خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ مُؤْمِنِينَ''' बक़ीयातुल्लाहे ख़ैर उल-लकुम इन कुन्तुम मोमेनीना" से अपनी बात शुरू करेंगे, उसके पश्चात इन शब्दो मे "أَنَا بَقِيَّةُ اللَّهِ فِي أَرْضِهِ وَ خَلِيفَتُهُ وَ حُجَّتُهُ عَلَيْكُمْ अना बक़ीयातुल्लाहे फ़ी अरज़ेहि वा ख़लीफ़ातोहू वा हुज्जतुन अलैकुम" अपना परिचय देंगे और जब आपके साथियों की संख्या 10 हजार तक पहुंच जाएगी तो अपने आंदोलन का आरम्भ करेंगे।<ref> शेख़ सदूक़, कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 321</ref> | ||
==हथियार== | == हथियार == | ||
हदीसों के अनुसार इमाम ज़माना (अ) अपने शासनकाल के दौरान अपने दुश्मनों से तलवार के साथ युद्ध करेंगे।<ref>कुलैनी, अल-काफ़ी, भाग 8, पेज 50, हदीस 13; नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 164, हदीस 5</ref> इसलिए कुछ का मानना है कि इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन के दौरान आधुनिक हथियार अल्लाह के हुक्म से अप्रभावी होंगे। एक अन्य समूह का कहना है कि इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन से पहले हुए युद्धों के कारण दुनिया के सभी आधुनिक हथियार नष्ट हो जाएंगे, जबकि एक अन्य समूह का कहना है कि अल्लाह तआला इमाम ज़माना (अ) की तलवार को चमत्कारी शक्ति प्रदान करेगा जो युद्ध के आधुनिक हथियारों पर हावी हो जाएगी।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 176</ref> | हदीसों के अनुसार इमाम ज़माना (अ) अपने शासनकाल के दौरान अपने दुश्मनों से तलवार के साथ युद्ध करेंगे।<ref>कुलैनी, अल-काफ़ी, भाग 8, पेज 50, हदीस 13; नौमानी, अल-ग़ैय्बा, पेज 164, हदीस 5</ref> इसलिए कुछ का मानना है कि इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन के दौरान आधुनिक हथियार अल्लाह के हुक्म से अप्रभावी होंगे। एक अन्य समूह का कहना है कि इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन से पहले हुए युद्धों के कारण दुनिया के सभी आधुनिक हथियार नष्ट हो जाएंगे, जबकि एक अन्य समूह का कहना है कि अल्लाह तआला इमाम ज़माना (अ) की तलवार को चमत्कारी शक्ति प्रदान करेगा जो युद्ध के आधुनिक हथियारों पर हावी हो जाएगी।<ref>सलीमीयान, दरसनामा महदावीयत, भाग 3, पेज 176</ref> | ||
उनके विपरीत, कुछ लोगों का मानना है कि हदीसों में "सैफ़" (तलवार) शब्द यौद्धिक ऊर्जा को संदर्भित करता है।<ref>मकारिम शिराज़ी, हुकूमते जहानी महदी, पेज 251-253</ref> इसलिए इसका अर्थ है कि इमाम ज़माना (अ) यौद्धकि ऊर्जा से अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करेंगे। यह जरूरी नहीं है कि इस आंदोलन में आपका हथियार तलवार हो। <ref>मकारिम शिराज़ी, हुकूमते जहानी महदी, पेज 251</ref> | उनके विपरीत, कुछ लोगों का मानना है कि हदीसों में "सैफ़" (तलवार) शब्द यौद्धिक ऊर्जा को संदर्भित करता है।<ref>मकारिम शिराज़ी, हुकूमते जहानी महदी, पेज 251-253</ref> इसलिए इसका अर्थ है कि इमाम ज़माना (अ) यौद्धकि ऊर्जा से अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करेंगे। यह जरूरी नहीं है कि इस आंदोलन में आपका हथियार तलवार हो। <ref>मकारिम शिराज़ी, हुकूमते जहानी महदी, पेज 251</ref> | ||
==प्रतिभागी== | == प्रतिभागी == | ||
''' | :''मुख़्य लेखः'' [[इमाम महदी (अ) के साथी]] | ||
इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन मे प्रतिभागीयो की संख्या और कुछ व्यक्तिगत विशेषताएं और प्रसिद्ध पात्र का हदीसो मे उल्लेख हुआ है। | इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन मे प्रतिभागीयो की संख्या और कुछ व्यक्तिगत विशेषताएं और प्रसिद्ध पात्र का हदीसो मे उल्लेख हुआ है। | ||
===संख्या=== | === संख्या === | ||
इमाम महदी (अ) के असहाब की संख्या अधिकांश हदीसों में [[बद्र की जंग]] मे पैग़ंबर (स) के असहाब के बराबर अर्थात 313 बताई गई है,<ref>शेख़ सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 2, पेज 654, हदीस 20-21; नोमानी, अल-ग़ैबा, पेज 314-315, हदीस 7-8-9; शेख़ सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 649, हदीस 43; तबरी, दलाए लुल इमामा, पेज 455; शेख़ तूसी, अल-ग़ैबा, पेज 477</ref> लेकिन कुछ हदीसो मे यह संख्या इससे अधिक बताई गई है उदाहरण स्वरूप कुछ हदीसो मे इस संख्या को 10 हज़ार,<ref>नोमानी, अल-ग़ैबा, पेज 314, हदीस 2; शेख़ सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 2, पेज 654, हदीस 20</ref>कुछ मे 12 हज़ार और 15 हज़ार तक उल्लेखित है।<ref>सय्यद इब्ने ताऊस, अल-मलाहिम वल फ़ितन, पेज 64-65</ref> इसीलिए कहा जाता है कि इस आंदोलन मे प्रतिभागीयो की कुल संख्या 313 से अधिक है और 313 इमाम ज़माना (अ) के विशेष साथी और आपकी सेना के सेनापति होंगे।<ref>ज़मानी, हज़रत महदीः आइना ए पयाम्बरान, पेज 219; क़राती, शरह दुआ ए इफ़्तेताह, पेज 111; समदी, सीरा ए इमाम महदी (अ.त.), पेज 190</ref> | इमाम महदी (अ) के असहाब की संख्या अधिकांश हदीसों में [[बद्र की जंग]] मे पैग़ंबर (स) के असहाब के बराबर अर्थात 313 बताई गई है,<ref>शेख़ सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 2, पेज 654, हदीस 20-21; नोमानी, अल-ग़ैबा, पेज 314-315, हदीस 7-8-9; शेख़ सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 649, हदीस 43; तबरी, दलाए लुल इमामा, पेज 455; शेख़ तूसी, अल-ग़ैबा, पेज 477</ref> लेकिन कुछ हदीसो मे यह संख्या इससे अधिक बताई गई है उदाहरण स्वरूप कुछ हदीसो मे इस संख्या को 10 हज़ार,<ref>नोमानी, अल-ग़ैबा, पेज 314, हदीस 2; शेख़ सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 2, पेज 654, हदीस 20</ref>कुछ मे 12 हज़ार और 15 हज़ार तक उल्लेखित है।<ref>सय्यद इब्ने ताऊस, अल-मलाहिम वल फ़ितन, पेज 64-65</ref> इसीलिए कहा जाता है कि इस आंदोलन मे प्रतिभागीयो की कुल संख्या 313 से अधिक है और 313 इमाम ज़माना (अ) के विशेष साथी और आपकी सेना के सेनापति होंगे।<ref>ज़मानी, हज़रत महदीः आइना ए पयाम्बरान, पेज 219; क़राती, शरह दुआ ए इफ़्तेताह, पेज 111; समदी, सीरा ए इमाम महदी (अ.त.), पेज 190</ref> | ||
===व्यक्तिगत विशेषताएं=== | === व्यक्तिगत विशेषताएं === | ||
नोमानी की किताब अल-ग़ैबा मे एक हदीस के अनुसार इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन मे अधिकांश प्रतिभागी युवा होंगे और कम संख्या मे वृद्ध होंगें।<ref>नौमानी, अल-ग़ैबा, पेज 315-316, हदीस 10</ref> इस प्रकार ये लोग बहुत बहादुर, शब ज़िंदादार, दृढ़ और मज़बूत होंगे।<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 52, पेज 386</ref> | नोमानी की किताब अल-ग़ैबा मे एक हदीस के अनुसार इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन मे अधिकांश प्रतिभागी युवा होंगे और कम संख्या मे वृद्ध होंगें।<ref>नौमानी, अल-ग़ैबा, पेज 315-316, हदीस 10</ref> इस प्रकार ये लोग बहुत बहादुर, शब ज़िंदादार, दृढ़ और मज़बूत होंगे।<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 52, पेज 386</ref> | ||
===प्रसिद्ध पात्र=== | === प्रसिद्ध पात्र === | ||
हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन मे शामिल प्रसिद्ध पात्रो मे से एक हज़रत ईसा (अ) है जो इस आंदोलन मे आपका समर्थन करेंगे।<ref>सय्यद इब्ने ताऊस, अल-मलाहिम वल फ़ितन, पेज 83 </ref> इसी प्रकार औलिया ए इलाही मे से एक समूह जो इस दुनिया से जा चुके होंगे वापसी [[(रज्अत)]] करेंगे। उनमे से कुछ लोग जिनके नामो का हदीस मे उल्लेख है जैसेः अस्हाबे कहफ़], हज़रत यूशा बिन नून, मोमिने आले फ़िरऔन, [[सलमान फ़ारसी]], अबू दुजाना अंसारी और [[मालिके अश्तर]] है।<ref>हुर्रे आमोली, इस्बात उल-हुदात, भाग 5, पेज 173</ref> | हदीसो के अनुसार इमाम ज़माना (अ) के आंदोलन मे शामिल प्रसिद्ध पात्रो मे से एक हज़रत ईसा (अ) है जो इस आंदोलन मे आपका समर्थन करेंगे।<ref>सय्यद इब्ने ताऊस, अल-मलाहिम वल फ़ितन, पेज 83 </ref> इसी प्रकार औलिया ए इलाही मे से एक समूह जो इस दुनिया से जा चुके होंगे वापसी [[(रज्अत)]] करेंगे। उनमे से कुछ लोग जिनके नामो का हदीस मे उल्लेख है जैसेः अस्हाबे कहफ़], हज़रत यूशा बिन नून, मोमिने आले फ़िरऔन, [[सलमान फ़ारसी]], अबू दुजाना अंसारी और [[मालिके अश्तर]] है।<ref>हुर्रे आमोली, इस्बात उल-हुदात, भाग 5, पेज 173</ref> | ||
==फ़ुटनोट== | == फ़ुटनोट == | ||
{{फ़ुटनोट}} | {{फ़ुटनोट}} | ||
== स्रोत == | |||
==स्रोत== | |||
{{स्रोत}} | {{स्रोत}} | ||
* इर्बेलि, अली बिन ईसा, कश्फ़ उल-ग़ुम्मा फ़ी मारफत इल-आइम्मा, बा मुकद्दमा जाफ़र सुबहानी तबरेज़ी वा हाशिया सय्यद हाशिम रसूली महल्लाती, तबरेज़, मकतबा बनी हाशिम, 1381 हिजरी | * इर्बेलि, अली बिन ईसा, कश्फ़ उल-ग़ुम्मा फ़ी मारफत इल-आइम्मा, बा मुकद्दमा जाफ़र सुबहानी तबरेज़ी वा हाशिया सय्यद हाशिम रसूली महल्लाती, तबरेज़, मकतबा बनी हाशिम, 1381 हिजरी |