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"अम्बिया": अवतरणों में अंतर

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अम्बिया की संख्या से संबंधित रिवायतो मे मतभेद पाया जाता है। प्रसिद्ध रिवायत के अनुसार अल्लामा तबातबाई अम्बिया की संख्या एक लाख चौबीस हज़ार मानते है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 144</ref> इस रिवायत के अनुसार रसूलो की संख्या 313 है, बनी इस्राईल के 600 अम्बिया के अतिरिक्त दूसरे चार नबी (हूद (अ), सालेह (अ), शीस (अ) और मुहम्मद (स)) अरब है।<ref>रिवायत देखेः सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524; सुदूक़, मआनी उल-अख़बार, पेज 333; मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 32 भाग 74, पेज 71</ref> जबकि दूसरी रिवायतो मे अम्बिया की संख्या 8 हज़ार,<ref>तूसी, अल-अमाली, पेज 397; मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 31</ref> 3 लाख 20 हज़ार<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 60 </ref> और 1 लाख 44 हज़ार<ref>मुफ़ीद, अलइख्तेसास, पेज 263; मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 6, पेज 352</ref> का भी उल्लेख है। अल्लामा मजलिसी ने संभावना दी है कि 8 हजार की संख्या बुज़ुर्ग अम्बिया से संबंधित है<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 31</ref> पहले नबी आदम (अ)<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 32</ref> और आखिरी नबी मुहम्मद (स) हैं।<ref>सूर ए अहज़ाब, आयत 40</ref>
अम्बिया की संख्या से संबंधित रिवायतो मे मतभेद पाया जाता है। प्रसिद्ध रिवायत के अनुसार अल्लामा तबातबाई अम्बिया की संख्या एक लाख चौबीस हज़ार मानते है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 144</ref> इस रिवायत के अनुसार रसूलो की संख्या 313 है, बनी इस्राईल के 600 अम्बिया के अतिरिक्त दूसरे चार नबी (हूद (अ), सालेह (अ), शीस (अ) और मुहम्मद (स)) अरब है।<ref>रिवायत देखेः सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524; सुदूक़, मआनी उल-अख़बार, पेज 333; मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 32 भाग 74, पेज 71</ref> जबकि दूसरी रिवायतो मे अम्बिया की संख्या 8 हज़ार,<ref>तूसी, अल-अमाली, पेज 397; मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 31</ref> 3 लाख 20 हज़ार<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 60 </ref> और 1 लाख 44 हज़ार<ref>मुफ़ीद, अलइख्तेसास, पेज 263; मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 6, पेज 352</ref> का भी उल्लेख है। अल्लामा मजलिसी ने संभावना दी है कि 8 हजार की संख्या बुज़ुर्ग अम्बिया से संबंधित है<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 31</ref> पहले नबी आदम (अ)<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 11, पेज 32</ref> और आखिरी नबी मुहम्मद (स) हैं।<ref>सूर ए अहज़ाब, आयत 40</ref>


[[क़ुरआन|क़ुरान]] मे कुछ अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है।<ref>सूर ए निसा, आयत 164</ref> [[आदम(अ)]], [[नूह(अ)]], [[इद्रीस(अ)]], हूद(अ), सालेह(अ), [[इब्राहीम(अ)]], लूत(अ), इस्माईल(अ), अलयसा(अ), ज़ुलक़िफ़्ल(अ), इल्यास(अ), युनूस(अ), इस्हाक़(अ), [[याक़ूब(अ)]], [[युसुफ़(अ)]], शुऐब(अ), [[मूसा(अ)]], हारून(अ), दाऊद(अ), [[सुलेमान(अ)]], अय्यूब(अ), ज़करिया(अ), यहया(अ), [[ईसा(अ)]] और मुहम्मद (स) उन नामो मे से है जो क़ुरआन मे आए है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> कुछ टिप्पणीकारों (मुफ़स्सेरीन) का मानना है कि [[इस्माईल बिन हज़क़ील]] [नोट 1] का भी कुरान में उल्लेख किया गया है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 14, पेज 63</ref>  
[[क़ुरआन]] मे कुछ अम्बिया के नामों का उल्लेख हुआ है।<ref>सूर ए निसा, आयत 164</ref> [[आदम (अ)]], [[नूह (अ)]], [[इदरीस (अ)]], हूद (अ), सालेह (अ), [[इब्राहीम (अ)]], लूत (अ), इस्माईल (अ), अलयसा (अ), ज़ुलक़िफ़्ल (अ), इल्यास (अ), युनूस (अ), इस्हाक़ (अ), [[याक़ूब (अ)]], [[युसुफ़ (अ)]], शुऐब (अ), [[मूसा (अ)]], हारून (अ), दाऊद (अ), [[सुलेमान (अ)]], अय्यूब (अ), ज़करिया (अ), यहया (अ), [[ईसा (अ)]] और मुहम्मद (स) उन नामो मे से है जो क़ुरआन मे आए है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> कुछ टिप्पणीकारों (मुफ़स्सेरीन) का मानना है कि [[इस्माईल बिन हज़क़ील]] [नोट 1] का भी कुरान में उल्लेख किया गया है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 14, पेज 63</ref>  


कहा गया है कि [[क़ुरआन मजीद]] मे कुछ अम्बिया के नामो के स्थान पर उनकी सिफ़तो जैसे उज़ैर, अरमिया और शमूईल का उल्लेख किया है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 313</ref> कुरान के एक सूरा का नाम अम्बिया है और कुछ दूसरे सूरो के नाम अम्बिया के नाम पर है जैसे युनूस, हूद, युसुफ़, इब्राहीम, मुहम्मद और नूह।  
कहा गया है कि [[क़ुरआन मजीद]] मे कुछ अम्बिया के नामो के स्थान पर उनकी सिफ़तो जैसे उज़ैर, अरमिया और शमूईल का उल्लेख किया है।<ref>तबातबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 313</ref> कुरान के एक सूरा का नाम अम्बिया है और कुछ दूसरे सूरो के नाम अम्बिया के नाम पर है जैसे युनूस, हूद, युसुफ़, इब्राहीम, मुहम्मद और नूह।  


रिवायतो मे शीस,<ref>सदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524</ref> हज़क़ील,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 241-242</ref> हबक़ूक़,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 163</ref> दानीयाल,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> जिजीस,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 238</ref> उज़ैर,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> हंज़ला<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 156</ref> और अरमिया<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 373; क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 224</ref> अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है। हज़रत ख़िज़्र,<ref>देखेः तूसी, अल-तिबयान, दार ए एहया अल-तुरास अल-अरबी, भाग 7, पेज 82</ref> ख़ालिद बिन सनान<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 448-451</ref> और ज़िल क़र्नैन<ref>फ़ख्रे राज़ी, मफ़ातीह उल-ग़ैब, भाग 21, पेज 495</ref> के नबी होने मे मतभेद है। अल्लामा तबातबाई के अनुसार हज़रत उज़ैर का नबी होना स्पष्ट नही है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> क़ुरआनी आयात के आधार पर एक समय मे एक से अधिक नबी भी रहे है उदाहरण स्वरूप मूसा और हारून,<ref>सूरा ए मरियम, आयत न 53</ref> इब्राहीम और लूत<ref>सूरा ए हूद, आयत न 74</ref> एक ही समय मे रहे है।  
रिवायतो मे शीस,<ref>सदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524</ref> हज़क़ील,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 241-242</ref> हबक़ूक़,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 163</ref> दानीयाल,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> जिजीस,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 238</ref> उज़ैर,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> हंज़ला<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 156</ref> और अरमिया<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 373; क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 224</ref> अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है। हज़रत ख़िज़्र,<ref>देखेः तूसी, अल-तिबयान, दार ए एहया अल-तुरास अल-अरबी, भाग 7, पेज 82</ref> ख़ालिद बिन सनान<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 448-451</ref> और ज़िल क़र्नैन<ref>फ़ख्रे राज़ी, मफ़ातीह उल-ग़ैब, भाग 21, पेज 495</ref> के नबी होने मे मतभेद है। अल्लामा तबातबाई के अनुसार हज़रत उज़ैर का नबी होना स्पष्ट नही है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> क़ुरआनी आयात के आधार पर एक समय मे एक से अधिक नबी भी रहे है उदाहरण स्वरूप मूसा और हारून,<ref>सूरा ए मरियम, आयत न 53</ref> इब्राहीम और लूत<ref>सूरा ए हूद, आयत न 74</ref> एक ही समय मे रहे है।  
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