सामग्री पर जाएँ

"अम्बिया": अवतरणों में अंतर

१ बाइट हटाया गया ,  १९ नवम्बर २०२२
imported>E.musavi
imported>E.musavi
पंक्ति ५०: पंक्ति ५०:


==किताब और शरीयत==
==किताब और शरीयत==
नबीयो मे से कुछ [[साहेब ए किताब]] (किताब वाले नबी) थे। कुरान की आयात के अनुसार [[ज़बूर]] हज़रत दाऊद, (अ)<ref>सूरा ए इस्रा, आयत न 55</ref> [[तौरात]] हज़रत मूसा (अ) [नोट 3], [[इंजील]] हज़रत ईसा (अ)<ref> सूरा ए हदीद, आयत न 27</ref> और [[क़ुरआन|क़ुरान]] हज़रत मुहम्मद (स)<ref>सूरा ए शूरा, आयत न 7</ref> की किताब है। क़ुरान ने हज़रत इब्राहीम के लिए किताब का नाम नही लिया लेकिन उनके लिए [["सोहोफ़"]] शब्द का प्रयोग किय है।<ref>सूरा ए आला, आयत न 19</ref> इसी प्रकार एक हदीस के अनुसार खुदावंद ने 50 सहीफ़े हज़रत शीस (अ), 30 सहीफ़े हज़रत इद्रीस (अ) और 20 सहीफ़े हज़रत इब्राहीम (अ) के लिए भेजे।<ref>तबातबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 524</ref>
नबीयो मे से कुछ [[साहेब ए किताब]] (किताब वाले नबी) थे। कुरान की आयात के अनुसार [[ज़बूर]] हज़रत दाऊद, (अ)<ref>सूरा ए इस्रा, आयत न 55</ref> [[तौरैत]] हज़रत मूसा (अ) [नोट 3], [[इंजील]] हज़रत ईसा (अ)<ref> सूरा ए हदीद, आयत न 27</ref> और [[क़ुरआन|क़ुरान]] हज़रत मुहम्मद (स)<ref>सूरा ए शूरा, आयत न 7</ref> की किताब है। क़ुरान ने हज़रत इब्राहीम के लिए किताब का नाम नही लिया लेकिन उनके लिए [["सोहोफ़"]] शब्द का प्रयोग किय है।<ref>सूरा ए आला, आयत न 19</ref> इसी प्रकार एक हदीस के अनुसार खुदावंद ने 50 सहीफ़े हज़रत शीस (अ), 30 सहीफ़े हज़रत इद्रीस (अ) और 20 सहीफ़े हज़रत इब्राहीम (अ) के लिए भेजे।<ref>तबातबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 524</ref>


टीकाकारो ने [[सूरा ए शूरा]] की आयत न 13 [नोट 4] को ध्यान मे रखते हुए हज़रत नूह (अ), इब्राहीम (अ), मूसा (अ), ईसा (अ) और मुहम्मद (स) को [[साहेबाने शरियात अम्बिया]] कहा है।<ref>सुदूक़, ओयून अल अखबार अल-रज़ा, भाग 2, पेज 80</ref> कुछ रिवायतो मे अम्बिया के ऊलुल अज़्म होने का कारण साहेब ए शरियत बताया है।<ref> तबातबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref>  
टीकाकारो ने [[सूरा ए शूरा]] की आयत न 13 [नोट 4] को ध्यान मे रखते हुए हज़रत नूह (अ), इब्राहीम (अ), मूसा (अ), ईसा (अ) और मुहम्मद (स) को [[साहेबाने शरियात अम्बिया]] कहा है।<ref>सुदूक़, ओयून अल अखबार अल-रज़ा, भाग 2, पेज 80</ref> कुछ रिवायतो मे अम्बिया के ऊलुल अज़्म होने का कारण साहेब ए शरियत बताया है।<ref> तबातबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref>  


[[अल्लामा तबातबाई]] का कहना है कि ऊलुल अज़्म नबीयो मे से प्रत्येक साहेब शरियत नबी था।<ref>सूरा ए निसा, आयत न 163</ref> उन्होने इस बात को भी कहा है कि हजरत दाऊद (अ),<ref>सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524</ref> शीस (अ) और इद्रीस (अ)<ref>तबातबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref>  इत्यादि का ऊलुल अज़्म नबी न होने के बावजूद साहेब ए किताब होना ऊलुल अज़्म अम्बिया के साहेब शरियत होने के साथ किसी प्रकार का कोई मतभेद नही है क्योकि जो अम्बिया ऊलुल अज़्म नही है लेकिन उनपर नाजिल होने वाले किताबे अहकाम और शरियत पर आधारित नही थी।<ref>मुफ़ीद, अल-नुकातिल एतेक़ादिया, पेज 35</ref>
[[अल्लामा तबातबाई]] का कहना है कि ऊलुल अज़्म नबीयो मे से प्रत्येक साहेब शरियत नबी था।<ref>सूरा ए निसा, आयत न 163</ref> उन्होने इस बात को भी कहा है कि हजरत दाऊद (अ),<ref>सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524</ref> शीस (अ) और इद्रीस (अ)<ref>तबातबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref>  इत्यादि का ऊलुल अज़्म नबी न होने के बावजूद साहेब ए किताब होना ऊलुल अज़्म अम्बिया के साहेब शरियत होने के साथ किसी प्रकार का कोई मतभेद नही है क्योकि जो अम्बिया ऊलुल अज़्म नही है लेकिन उनपर नाजिल होने वाले किताबे अहकाम और शरियत पर आधारित नही थी।<ref>मुफ़ीद, अल-नुकातिल एतेक़ादिया, पेज 35</ref>
 
==मोअजेज़ा (चमत्कार)==
==मोअजेज़ा (चमत्कार)==
चमत्कार के माध्यम से नबूवत के सच्चे दावेदारो को नबूवत के झूठे दावेदारो से अलग किया जाता है। मोअज़ेज़ा एक असाधारण कार्य है जो ईश्वर की ओर से एक नबी के हाथों प्रकट होता है और यह नबूवत के दावे और तहद्दी के साथ होता है।<ref>सूरा ए आराफ़, आयत न 73</ref> क़ुरान ने अम्बिया के कुछ मोअजेज़ात का उल्लेख किया है जैसे हज़रत [[सालेह (अ) की ऊँटनी]],<ref>सूरा ए अम्बिया, आयत न 69</ref> हज़रत इब्राहीम (अ) के लिए अग्नि का ठंडा हो जाना,<ref>सूरा ए बक़रा, आयत न 260</ref> हज़रत इब्राहीम (अ) के हाथो चार पक्षीयो का जीवित होना,<ref>सूरा ए शोअरा, आयत न 32</ref> हज़रत मूसा (अ) के 9 मोजेज़े जिनमे डंडे का अजगर मे परिवर्तित होना,<ref>सूरा ए बक़रा, आयत न 60</ref> फ़रज़ंदाने बनी इस्राईल के लिए 12 चश्मो का जारी होना,<ref>सूरा ए शोअरा, आयत न 63</ref> बनी इस्राईल की निजात के लिए दरिया मे मार्ग बनना,<ref>सूरा ए आराफ़, आयत न 108; सूरा ए ताहा, आयत न 22; सूरा ए शोअरा, आयत न 33; सूरा ए नमल, आयत न 12; सूरा ए क़िसस, आयत न 32</ref> [[यदे बैज़ा]],<ref>सूरा ए इमरान, आयत न 49; सूरा ए मायदा, आयत न 110</ref> हज़रत ईसा (अ) के चमत्कार जैसे रोगीयो को स्वस्थ करना, मृतको को जीवित करना, गीली मिट्टी का पक्षी मे परिवर्तित होना,<ref>सूरा ए तूर, आयत न 34</ref> और पैगंबर अकरम (स) के मोज्ज़ात जैसे [[क़ुरआन|क़ुरान करीम]],<ref> सूरा ए क़मर, आयत न 1</ref> [[शक़्क़ुल क़मर]] (चंद्रमा के दो भाग होना)<ref>इब्ने जौज़ी, अल-मुनतज़म, भाग 15, पेज 129</ref> अम्बिया के प्रसिद्ध चमत्कारो मे से है जिनकी ओर कुरान ने इशारा किया है। सुन्नी टीकाकार इब्ने जौज़ी के अनुसार इस्लामी स्रोतो मे पैगंबर अकरम (स) के एक हज़ार मोअजेज़ात का उल्लेख है।<ref>तय्यब, अतयब उल-बयान, भाग 1, पेज 42</ref>  
चमत्कार के माध्यम से नबूवत के सच्चे दावेदारो को नबूवत के झूठे दावेदारो से अलग किया जाता है। मोअज़ेज़ा एक असाधारण कार्य है जो ईश्वर की ओर से एक नबी के हाथों प्रकट होता है और यह नबूवत के दावे और तहद्दी के साथ होता है।<ref>सूरा ए आराफ़, आयत न 73</ref> क़ुरान ने अम्बिया के कुछ मोअजेज़ात का उल्लेख किया है जैसे हज़रत [[सालेह (अ) की ऊँटनी]],<ref>सूरा ए अम्बिया, आयत न 69</ref> हज़रत इब्राहीम (अ) के लिए अग्नि का ठंडा हो जाना,<ref>सूरा ए बक़रा, आयत न 260</ref> हज़रत इब्राहीम (अ) के हाथो चार पक्षीयो का जीवित होना,<ref>सूरा ए शोअरा, आयत न 32</ref> हज़रत मूसा (अ) के 9 मोजेज़े जिनमे डंडे का अजगर मे परिवर्तित होना,<ref>सूरा ए बक़रा, आयत न 60</ref> फ़रज़ंदाने बनी इस्राईल के लिए 12 चश्मो का जारी होना,<ref>सूरा ए शोअरा, आयत न 63</ref> बनी इस्राईल की निजात के लिए दरिया मे मार्ग बनना,<ref>सूरा ए आराफ़, आयत न 108; सूरा ए ताहा, आयत न 22; सूरा ए शोअरा, आयत न 33; सूरा ए नमल, आयत न 12; सूरा ए क़िसस, आयत न 32</ref> [[यदे बैज़ा]],<ref>सूरा ए इमरान, आयत न 49; सूरा ए मायदा, आयत न 110</ref> हज़रत ईसा (अ) के चमत्कार जैसे रोगीयो को स्वस्थ करना, मृतको को जीवित करना, गीली मिट्टी का पक्षी मे परिवर्तित होना,<ref>सूरा ए तूर, आयत न 34</ref> और पैगंबर अकरम (स) के मोज्ज़ात जैसे [[क़ुरआन|क़ुरान करीम]],<ref> सूरा ए क़मर, आयत न 1</ref> [[शक़्क़ुल क़मर]] (चंद्रमा के दो भाग होना)<ref>इब्ने जौज़ी, अल-मुनतज़म, भाग 15, पेज 129</ref> अम्बिया के प्रसिद्ध चमत्कारो मे से है जिनकी ओर कुरान ने इशारा किया है। सुन्नी टीकाकार इब्ने जौज़ी के अनुसार इस्लामी स्रोतो मे पैगंबर अकरम (स) के एक हज़ार मोअजेज़ात का उल्लेख है।<ref>तय्यब, अतयब उल-बयान, भाग 1, पेज 42</ref>  
गुमनाम सदस्य