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"अम्बिया": अवतरणों में अंतर

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क़ुरान मे कुछ अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है।<ref>सूरा ए निसा, आयत 164</ref> आदम(अ), नूह(अ), इद्रीस(अ), हूद(अ), सालेह(अ), इब्राहीम(अ), लूत(अ), इस्माईल(अ), अलयसा(अ), ज़ुलक़िफ़्ल(अ), इल्यास(अ), युनूस(अ), इस्हाक़(अ), याक़ूब(अ), युसुफ़(अ), शुऐब(अ), मूसा(अ), हारून(अ), दाऊद(अ), सुलेमान(अ), अय्यूब(अ), ज़करया(अ), यह्या(अ), ईसा(अ) और मुहम्मद (स) उन नामो मे से है जो क़ुरान मे आए है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> कुछ टिप्पणीकारों (मुफ़स्सेरीन) का मानना है कि [[इस्माईल बिन हज़क़ील]] [नोट 1] का भी कुरान में उल्लेख किया गया है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 14, पेज 63</ref>  
क़ुरान मे कुछ अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है।<ref>सूरा ए निसा, आयत 164</ref> आदम(अ), नूह(अ), इद्रीस(अ), हूद(अ), सालेह(अ), इब्राहीम(अ), लूत(अ), इस्माईल(अ), अलयसा(अ), ज़ुलक़िफ़्ल(अ), इल्यास(अ), युनूस(अ), इस्हाक़(अ), याक़ूब(अ), युसुफ़(अ), शुऐब(अ), मूसा(अ), हारून(अ), दाऊद(अ), सुलेमान(अ), अय्यूब(अ), ज़करया(अ), यह्या(अ), ईसा(अ) और मुहम्मद (स) उन नामो मे से है जो क़ुरान मे आए है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> कुछ टिप्पणीकारों (मुफ़स्सेरीन) का मानना है कि [[इस्माईल बिन हज़क़ील]] [नोट 1] का भी कुरान में उल्लेख किया गया है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 14, पेज 63</ref>  


कहा गया है कि क़ुरान मजीद मे कुछ अम्बिया के नामो के स्थान पर उनकी सिफतो जैसे उज़ैर, अरमिया और शमूईल का उल्लेख किया है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 313</ref> कुरान के एक सूरा का नाम अम्बिया है और कुछ दूसरे सूरो के नाम अम्बिया के नाम पर है जैसे युनूस, हूद, युसुफ़, इब्राहीम, मुहम्मद और नूह।  
कहा गया है कि [[क़ुरान मजीद]] मे कुछ अम्बिया के नामो के स्थान पर उनकी सिफतो जैसे उज़ैर, अरमिया और शमूईल का उल्लेख किया है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 313</ref> कुरान के एक सूरा का नाम अम्बिया है और कुछ दूसरे सूरो के नाम अम्बिया के नाम पर है जैसे युनूस, हूद, युसुफ़, इब्राहीम, मुहम्मद और नूह।  


रिवायतो मे शीस,<ref>सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524</ref> हज़क़ील,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 241-242</ref> हबक़ूक़,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 163</ref> दानीयाल,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> जिजीस,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 238</ref> उज़ैर,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> हंज़ला<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 156</ref> और अरमिया<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 373; क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 224</ref> अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है। हज़रत ख़िज़्र,<ref>देखेः तूसी, अल-तिबयान, दार ए एहया अल-तुरास अल-अरबी, भाग 7, पेज 82</ref> ख़ालिद बिन सनान<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 448-451</ref> और ज़िल क़र्नैन<ref>फ़ख्रे राज़ी, मफ़ातीह उल-ग़ैब, भाग 21, पेज 495</ref> के नबी होने मे मतभेद है। अल्लामा तबातबाई के अनुसार हज़रत उज़ैर का नबी होना स्पष्ट नही है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> क़ुरानी आयात के आधार पर एक समय मे एक से अधिक नबी भी रहे है उदाहरण स्वरूप मूसा और हारून,<ref>सूरा ए मरयम, आयत न 53</ref> इब्राहीम और लूत<ref>सूरा ए हूद, आयत न 74</ref> एक ही समय मे रहे है।  
रिवायतो मे शीस,<ref>सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524</ref> हज़क़ील,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 241-242</ref> हबक़ूक़,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 163</ref> दानीयाल,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> जिजीस,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 238</ref> उज़ैर,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> हंज़ला<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 156</ref> और अरमिया<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 373; क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 224</ref> अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है। हज़रत ख़िज़्र,<ref>देखेः तूसी, अल-तिबयान, दार ए एहया अल-तुरास अल-अरबी, भाग 7, पेज 82</ref> ख़ालिद बिन सनान<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 448-451</ref> और ज़िल क़र्नैन<ref>फ़ख्रे राज़ी, मफ़ातीह उल-ग़ैब, भाग 21, पेज 495</ref> के नबी होने मे मतभेद है। अल्लामा तबातबाई के अनुसार हज़रत उज़ैर का नबी होना स्पष्ट नही है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> क़ुरानी आयात के आधार पर एक समय मे एक से अधिक नबी भी रहे है उदाहरण स्वरूप मूसा और हारून,<ref>सूरा ए मरयम, आयत न 53</ref> इब्राहीम और लूत<ref>सूरा ए हूद, आयत न 74</ref> एक ही समय मे रहे है।  


{{क़ुरान मे अम्बिया के नाम}}
{{क़ुरान मे अम्बिया के नाम}}
==स्थान और मंज़िलत==
==स्थान और मंज़िलत==
आयत (وَلَقَدْ فَضَّلْنَا بَعْضَ النَّبِيِّينَ عَلَىٰ بَعْضٍ) "वलाक़द फ़ज़्ज़लना बाज़न्न नबीय्यीना अला बाज़िन" "अनुवादः हमने कुछ नबियों को दूसरों से श्रेष्ठ बनाया",<ref>सूरा ए इस्रा, आयत न 55</ref> सभी अम्बिया की रैंक और स्थिति समान नहीं है और उनमें से कुछ दूसरों से श्रेष्ठ हैं। हदीसों में, पवित्र पैगंबर (स) की स्थिति को अन्य नबियों से श्रेष्ठ माना गया है।<ref>सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 254</ref> यहूदियों के अनुसार, बनी इस्राईल के अम्बिया को अन्य नबियों से श्रेष्ठ हैं, और उनमें से मूसा (अ) दूसरो से श्रेष्ठ हैं।<ref>ताहेरी आकरदी, यहूदीयत, पेज 173</ref>
आयत (وَلَقَدْ فَضَّلْنَا بَعْضَ النَّبِيِّينَ عَلَىٰ بَعْضٍ) "वलाक़द फ़ज़्ज़लना बाज़न्न नबीय्यीना अला बाज़िन" "अनुवादः हमने कुछ नबियों को दूसरों से श्रेष्ठ बनाया",<ref>सूरा ए इस्रा, आयत न 55</ref> सभी अम्बिया की रैंक और स्थिति समान नहीं है और उनमें से कुछ दूसरों से श्रेष्ठ हैं। हदीसों में, पवित्र पैगंबर (स) की स्थिति को अन्य नबियों से श्रेष्ठ माना गया है।<ref>सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 254</ref> यहूदियों के अनुसार, बनी इस्राईल के अम्बिया को अन्य नबियों से श्रेष्ठ हैं, और उनमें से मूसा (अ) दूसरो से श्रेष्ठ हैं।<ref>ताहेरी आकरदी, यहूदीयत, पेज 173</ref>
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