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| रिवायतो मे शीस,<ref>सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524</ref> हज़क़ील,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 241-242</ref> हबक़ूक़,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 163</ref> दानीयाल,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> जिजीस,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 238</ref> उज़ैर,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> हंज़ला<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 156</ref> और अरमिया<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 373; क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 224</ref> अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है। हज़रत ख़िज़्र,<ref>देखेः तूसी, अल-तिबयान, दार ए एहया अल-तुरास अल-अरबी, भाग 7, पेज 82</ref> ख़ालिद बिन सनान<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 448-451</ref> और ज़िल क़र्नैन<ref>फ़ख्रे राज़ी, मफ़ातीह उल-ग़ैब, भाग 21, पेज 495</ref> के नबी होने मे मतभेद है। अल्लामा तबातबाई के अनुसार हज़रत उज़ैर का नबी होना स्पष्ट नही है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> क़ुरानी आयात के आधार पर एक समय मे एक से अधिक नबी भी रहे है उदाहरण स्वरूप मूसा और हारून,<ref>सूरा ए मरयम, आयत न 53</ref> इब्राहीम और लूत<ref>सूरा ए हूद, आयत न 74</ref> एक ही समय मे रहे है। | | रिवायतो मे शीस,<ref>सुदूक़, अल-ख़िसाल, भाग 2, पेज 524</ref> हज़क़ील,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 241-242</ref> हबक़ूक़,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 163</ref> दानीयाल,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> जिजीस,<ref>क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 238</ref> उज़ैर,<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 13, पेज 448</ref> हंज़ला<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 156</ref> और अरमिया<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 373; क़ुत्बे रावंदी, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 224</ref> अम्बिया के नामो का उल्लेख हुआ है। हज़रत ख़िज़्र,<ref>देखेः तूसी, अल-तिबयान, दार ए एहया अल-तुरास अल-अरबी, भाग 7, पेज 82</ref> ख़ालिद बिन सनान<ref>मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 14, पेज 448-451</ref> और ज़िल क़र्नैन<ref>फ़ख्रे राज़ी, मफ़ातीह उल-ग़ैब, भाग 21, पेज 495</ref> के नबी होने मे मतभेद है। अल्लामा तबातबाई के अनुसार हज़रत उज़ैर का नबी होना स्पष्ट नही है।<ref>ताबतबाई, अल-मीज़ान, भाग 2, पेज 141</ref> क़ुरानी आयात के आधार पर एक समय मे एक से अधिक नबी भी रहे है उदाहरण स्वरूप मूसा और हारून,<ref>सूरा ए मरयम, आयत न 53</ref> इब्राहीम और लूत<ref>सूरा ए हूद, आयत न 74</ref> एक ही समय मे रहे है। |
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| {{क़ुरान मे अम्बिया के नाम}} | | {{क़ुरान मे अम्बिया के नाम}} |
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| ==स्थान और मंज़िलत== | | ==स्थान और मंज़िलत== |
| आयत (وَلَقَدْ فَضَّلْنَا بَعْضَ النَّبِيِّينَ عَلَىٰ بَعْضٍ) "वलाक़द फ़ज़्ज़लना बाज़न्न नबीय्यीना अला बाज़िन" "अनुवादः हमने कुछ नबियों को दूसरों से श्रेष्ठ बनाया",<ref>सूरा ए इस्रा, आयत न 55</ref> सभी अम्बिया की रैंक और स्थिति समान नहीं है और उनमें से कुछ दूसरों से श्रेष्ठ हैं। हदीसों में, पवित्र पैगंबर (स) की स्थिति को अन्य नबियों से श्रेष्ठ माना गया है।<ref>सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 254</ref> यहूदियों के अनुसार, बनी इस्राईल के अम्बिया को अन्य नबियों से श्रेष्ठ हैं, और उनमें से मूसा (अ) दूसरो से श्रेष्ठ हैं।<ref>ताहेरी आकरदी, यहूदीयत, पेज 173</ref> | | आयत (وَلَقَدْ فَضَّلْنَا بَعْضَ النَّبِيِّينَ عَلَىٰ بَعْضٍ) "वलाक़द फ़ज़्ज़लना बाज़न्न नबीय्यीना अला बाज़िन" "अनुवादः हमने कुछ नबियों को दूसरों से श्रेष्ठ बनाया",<ref>सूरा ए इस्रा, आयत न 55</ref> सभी अम्बिया की रैंक और स्थिति समान नहीं है और उनमें से कुछ दूसरों से श्रेष्ठ हैं। हदीसों में, पवित्र पैगंबर (स) की स्थिति को अन्य नबियों से श्रेष्ठ माना गया है।<ref>सुदूक़, कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 254</ref> यहूदियों के अनुसार, बनी इस्राईल के अम्बिया को अन्य नबियों से श्रेष्ठ हैं, और उनमें से मूसा (अ) दूसरो से श्रेष्ठ हैं।<ref>ताहेरी आकरदी, यहूदीयत, पेज 173</ref> |
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| ==फ़ुटनोट== | | ==फ़ुटनोट== |
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| # सूरा ए मरयम, आयत न 56 وَاذْكُرْ فِی الْكِتَابِ إِدْرِیسَ ۚ إِنَّهُ كَانَ صِدِّیقًا نَّبِیا
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| # सूरा ए मरयम, आयत न 57 وَ رَفَعْناهُ مَكاناً عَلِيًّا के अंतर्गत
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| # 0/40 1/40 2/40 3/40 4/40 5/40 6/40 7/40 8/40 9/40 सूरा ए अनआम आयत न 89 (أُولَـٰئِكَ الَّذِینَ آتَینَاهُمُ الْكِتَابَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ)
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| # सूरा ए शौअरा, आयत न 107 (إِنِّی لَكُمْ رَسُولٌ أَمِینٌ)
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| # 0/42 1/42 2/42 3/42 4/42 सूरा ए शूरा, आयत न 131 (شَرَعَ لَكُم مِّنَ الدِّینِ مَا وَصَّیٰ بِهِ نُوحًا وَالَّذِی أَوْحَینَا إِلَیكَ وَمَا وَصَّینَا بِهِ إِبْرَاهِیمَ وَمُوسَیٰ وَعِیسَیٰ.)
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| # सूरा ए आराफ़, आयत न 65 सूरा ए हूद, आयात न, 50, 53, 58, 60, 89; सूरा ए शौअरा, आयत न 124; अल-नज्जार, क़िसस उल-अम्बिया, पेज 49
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| # सूरा ए शौअरा, आयत न 125 (إِنِّی لَكُمْ رَسُولٌ أَمِینٌ.)
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| # सूरा ए आराफ़, आयत न 65 (وَإِلَیٰ عَادٍ أَخَاهُمْ هُودًا)
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| # सूरा ए शौअरा, आयत न 143 (إِنِّی لَكُمْ رَسُولٌ أَمِینٌ)
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| # क़ुरान, 7:73
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| # सूरा ए मरयम, आयत न 41(وَاذْكُرْ فِی الْكِتَابِ إِبْرَاهِیمَ ۚ إِنَّهُ كَانَ صِدِّیقًا نَّبِیا)
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| # सूरा ए तौबा, आयत न 70(أَتَتْهُمْ رُسُلُهُم بِالْبَینَاتِ)
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| # सूरा ए बक़रा, आयत न 124 (وَإِذِ ابْتَلَیٰ إِبْرَاهِیمَ رَبُّهُ بِكَلِمَاتٍ فَأَتَمَّهُنَّ ۖ قَالَ إِنِّی جَاعِلُكَ لِلنَّاسِ إِمَامًا ۖ قَالَ وَمِن ذُرِّیتِی ۖ قَالَ لاینَالُ عَهْدِی الظَّالِمِینَ)
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| # सूरा ए आला, आयत न 19 (صُحُفِ إِبْرَاهِیمَ وَمُوسَیٰ)
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| # सूरा ए शौअरा, आयत न 162(إِنِّی لَكُمْ رَسُولٌ أَمِینٌ)
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| # सूरा ए अनआम, आयत न 89(أُولَـٰئِكَ الَّذِینَ آتَینَاهُمُ الْكِتَابَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ)
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| # सूरा ए तोबा, आयत न 30 (وَ قالَتِ الْيَهُودُ عُزَيْرٌ ابْنُ اللَّهِ وَ قالَتِ النَّصارى الْمَسيحُ ابْنُ اللَّه)
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| # 0/55 1/55 सूरा ए मरयम, आयत न 49 (فَلَمَّا اعْتزََلهَُمْ وَ مَا یعْبُدُونَ مِن دُونِ اللَّهِ وَهَبْنَا لَهُ إِسْحَاقَ وَ یعْقُوبَ وَ كلاًُّ جَعَلْنَا نَبِیا)
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| # 0/56 1/56 सूरा ए अम्बिया, आयत न 73 (وَ جَعَلْنَاهُمْ أَئمَّةً یهْدُونَ بِأَمْرِنَا)
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| # सूरा ए शौअरा, आयत न 178
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| # सूरा ए आराफ़, आयत न 85 (وَ إِلی مَدْینَ أَخَاهُمْ شُعَیبًا)
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| # 0/59 1/59 सूरा ए मरयम, आयत न 51(وَ اذْكُرْ فی الْكِتَابِ مُوسی إِنَّهُ كاَنَ مخُْلَصًا وَ كاَنَ رَسُولًا نَّبِیا)
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| # सूरा ए मायदा, आयत न 44((إِنَّا أَنْزَلْنَا التَّوْراةَ فیها هُدی وَ نُورٌ)
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| # सूरा ए युनूस, आयत न 75(ثُمَّ بَعَثْنَا مِن بَعْدِهِم مُّوسَیٰ وَهَارُونَ إِلَیٰ فِرْعَوْنَ وَمَلَئِهِ بِآیاتِنَا فَاسْتَكْبَرُوا وَكَانُوا قَوْمًا مُّجْرِمِینَ)
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| # सूरा ए इब्राहीम, आयत न 5((وَ لَقَدْ أَرْسَلْنا مُوسی بِآیاتِنا أَنْ أَخْرِجْ قَوْمَكَ مِنَ الظُّلُماتِ إِلَی النُّورِ وَ ذَكِّرْهُمْ بِأَیامِ اللَّه)
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| # सूरा ए मरयम, आयत न 53((وَ وَهَبْنا لَهُ مِنْ رَحْمَتِنا أَخاهُ هارُونَ نَبِيًّا)
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| # सूरा ए मोमेनून, आयत न 45(ثُمَّ أَرْسَلْنا مُوسی وَ أَخاهُ هارُونَ بِآیاتِنا وَ سُلْطانٍ مُبین)
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| # सूरा ए युनुस, आयत न 75(ثُمَّ بَعَثْنَا مِن بَعْدِهِم مُّوسَیٰ وَهَارُونَ إِلَیٰ فِرْعَوْنَ وَمَلَئِهِ بِآیاتِنَا فَاسْتَكْبَرُوا وَكَانُوا قَوْمًا مُّجْرِمِینَ)
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| # सूरा ए ताहा, आयत न 90(وَ لَقَدْ قالَ لَهُمْ هارُونُ مِنْ قَبْلُ یا قَوْمِ إِنَّما فُتِنْتُمْ بِهِ وَ إِنَّ رَبَّكُمُ الرَّحْمنُ فَاتَّبِعُونی وَ أَطیعُوا أَمْری)
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| # सूरा ए इस्रा, आयत न 55(وَ ءَاتَینَا دَاوُدَ زَبُورًا)
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| # सूरा ए साफ़्फ़ात, आयत न 123((وَ إِنَّ إِلْیاسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِین)
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| # सूरा ए साफ़्फ़ात, आयन न 139(وَ إِنَّ یونُسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِین)
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| # सूरा ए आले इमरान, आयत न 39(فَنَادَتْهُ الْمَلَئكَةُ وَ هُوَ قَائمٌ یصَلی فی الْمِحْرَابِ أَنَّ اللَّهَ یبَشِّرُكَ بِیحْیی مُصَدِّقَا بِكلَِمَةٍ مِّنَ اللَّهِ وَ سَیدًا وَ حَصُورًا وَ نَبِیا مِّنَ الصَّلِحِین)
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| # सूरा ए मरयम, आयत न 30(قَالَ إِنی عَبْدُ اللَّهِ ءَاتَئنی الْكِتَابَ وَ جَعَلَنی نَبِیا)
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| # सूरा ए निसा, आयत न 171(إِنَّمَا الْمَسِیحُ عِیسی ابْنُ مَرْیمَ رَسُولُ اللَّهِ وَ كَلِمَتُهُ أَلْقَئهَا إِلی مَرْیم)
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| # सूरा ए हदीद, आयत न 27(وَ قَفَّینَا بِعِیسی ابْنِ مَرْیمَ وَ ءَاتَینَهُ الْانجِیلَ)
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| # सूरा ए सफ़, आयत न 6(وَإِذْ قَالَ عِیسَی ابْنُ مَرْیمَ یا بَنِی إِسْرَائِیلَ إِنِّی رَسُولُ اللَّـهِ إِلَیكُم مُّصَدِّقًا لِّمَا بَینَ یدَی مِنَ التَّوْرَاةِ وَمُبَشِّرًا بِرَسُولٍ یأْتِی مِن بَعْدِی اسْمُهُ أَحْمَدُ)
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| # सूरा ए अहज़ाब, आयत न 44(ما كاَنَ محُمَّدٌ أَبَا أَحَدٍ مِّن رِّجَالِكُمْ وَ لَكِن رَّسُولَ اللَّهِ وَ خَاتَمَ النَّبِینَ)
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| # सूरा ए अहज़ाब, आयत न 40(ما كاَنَ محَمَّدٌ أَبَا أَحَدٍ مِّن رِّجَالِكُمْ وَ لَكِن رَّسُولَ اللَّهِ وَ خَاتَمَ النَّبِینَ)
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| # सूरा ए शूरा, आयत न 7(وَ كَذَالِكَ أَوْحَینَا إِلَیكَ قُرْءَانًا عَرَبِیا لِّتُنذِرَ أُمَّ الْقُرَی وَ مَنْ حَوْلهَا)
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| # सूरा ए सबा, आयत न 28(وَ ما أَرْسَلْناكَ إِلاَّ كَافَّةً لِلنَّاسِ بَشیراً وَ نَذیراً)
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