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"शियो के इमाम": अवतरणों में अंतर
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हदीसों के अनुसार गुप्त काल के दौरान शियाओं को उस समय के इमाम के आने की प्रतीक्षा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और इसे सबसे अच्छे कर्मों में से माना जाता है।<ref>देखेः मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 52, पेज 122</ref> हदीसों के अनुसार<ref>उदाहरण स्वरूप देखेः कुलैनी, अल-काफ़ी भाग 1, पेज 25, हदीस 21; मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 52, पेज 336</ref> इमाम के ज़हूर पश्चात इस्लामी समाज न्याय से भर जाएगा।<ref>तबातबाई, शिया दर इस्लाम, पेज 231-232</ref> बहुत सी हदीसो मे इमाम के ज़हूर (प्रकट होने की) की निशानीयो का उल्लेख किया गया है।<ref>उदाहरण स्वरूप देखेः मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 52, पेज 181 और 278</ref> | हदीसों के अनुसार गुप्त काल के दौरान शियाओं को उस समय के इमाम के आने की प्रतीक्षा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और इसे सबसे अच्छे कर्मों में से माना जाता है।<ref>देखेः मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 52, पेज 122</ref> हदीसों के अनुसार<ref>उदाहरण स्वरूप देखेः कुलैनी, अल-काफ़ी भाग 1, पेज 25, हदीस 21; मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 52, पेज 336</ref> इमाम के ज़हूर पश्चात इस्लामी समाज न्याय से भर जाएगा।<ref>तबातबाई, शिया दर इस्लाम, पेज 231-232</ref> बहुत सी हदीसो मे इमाम के ज़हूर (प्रकट होने की) की निशानीयो का उल्लेख किया गया है।<ref>उदाहरण स्वरूप देखेः मजलिसी, बिहार उल-अनवार, भाग 52, पेज 181 और 278</ref> | ||
====नव्वाबे ख़ास==== | |||
'''विस्तृत लेख: नवाब अरबा''' | |||
कुछ समय के लिए बारहवें इमाम ने उस्मान बिन सईद अमरी को – जो आपके पिता और दादा के सहाबियों में से थे और उनके विश्वासपात्र और अमीन थे- विशेष दूत बनाया और उनके माध्यम से शियाने अहले-बैत के सवालों का जवाब देते थे। उस्मान बिन सईद की मृत्यु के बाद, उनके बेटे मुहम्मद बिन उस्मान अमरी इमाम के विशेष दूत बने उनके निधन पश्चात यह पद अबुल क़ासिम हुसैन बिन रूह नौबख्ती को सौप दिया गया। हुसैन बिन रूह के स्वर्गवास पश्चात अली बिन मुहम्मद समरी इमाम असर (अ.स.) नायबे खास थे। [151] | |||
अली बिन मुहम्मद सुमरी की मृत्यु के कुछ दिन पहले वर्ष 329 हिजरी में, इमाम अस्र (अ.त.) द्वारा एक संदेश जारी किया गया जिसमें अली बिन मुहम्मद समरी को निर्देश दिया गया था कि "आप आज से छह दिन बाद इस दुनिया को छोड़ देंगे और उसके बाद, नयाबत खासा का द्वार बंद कर दिया गया है और अब गैबते कुबरा (दीर्घ गुप्तकाल) शुरू होगी और यह उस दिन तक जारी रहेगी जब तक अल्लाह ज़हूर की अनुमति नहीं देगा। | |||
तो, इस भविष्यवाणी (तौकीअ) के अनुसार, बारहवें इमाम (अ.त.) की ग़ैबत के दो काल है। | |||
'''ग़ैबते सुग़रा (लघु गुप्त काल):''' जिसका आरम्भ साल 260 हिजरी में शुरू हुआ और साल 329 हिजरी में खत्म हुआ और यह प्रतिक्रिया लगभग 70 साल तक जारी रही। | |||
'''ग़ैबते कुबरा (दीर्घ गुप्त काल):''' जिसका आरम्भ साल 329 हिजरी से शुरू हुआ और जब तक अल्लाह इमाम को ज़हूर की अनुमति नही दे देता तब तक जारी रहेगा। अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) शिया और सुन्नियों द्वारा सहमत हदीस के संदर्भ में कहते हैं: | |||
अगर इस दुनिया के जीवन में एक दिन के अलावा कुछ भी नहीं बचा हो, तो अल्लाह तआला इस दिन को इतना लम्बा करेगा जब तक कि मेरे बच्चों में से महदी ज़हूर करे और इस दुनिया को न्याय से भर दे जिस प्रकार यह अत्याचार और उत्पीड़न से भर चुकी होगी। [152] | |||
==अहले सुन्नत के बीच शिया इमामो की मंज़ीलत== | |||
अहले सुन्नत शिया के बारह इमामों को पैगंबर (स.अ.) का बिला फ़ासला उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं, [153] लेकिन उनसे मुहब्बत करते है [154] पैगंबर (स.अ.) के कथन के आधार पर जो उनके स्रोतों में बयान किया गया है। रिश्तेदार जो आय ए मवद्दत के अनुसार, [155] उनसे मवद्दत अनिवार्य है, अली (अ.) और फातिमा (स.) और उनके दो बच्चे है।" [156] 6 टी चंद्र शताब्दी हिजरी के सुन्नी मुफ़स्सिर और मुताकल्लिम फख़रूद्दीन राज़ी ने आय ए मुवद्दत का हवाला देते हुए नमाज़ के तशाहुद मे सलवात और पैगंबर (स.अ.) की सीरत मे अली (अ.) और फ़ातिमा (स.) तथा उनके बच्चों से प्यार और दोस्ती को अनिवार्य माना है।[157] | |||
कुछ सुन्नी विद्वान शिया इमामों के दरगाहों पर जाकर जियारत करते और उनसे तवस्सुल करते थे। तीसरी चंद्र शताब्दी हिजरी मे सुन्नी विद्वान अबू अली ख़ल्लाल ने कहा कि जब भी मुझे कोई समस्या होती, मैं मूसा बिन जाफ़र की कब्र पर जाता और उनसे तवस्सुल करता, और मेरी समस्या हल हो जाती। [158] तीसरी चौथी हिजरी के सुन्नी धर्मशास्त्री, मुफस्सिर, मुहद्दिस अबू बक्र मुहम्मद बिन ख़ुजैमा से नकल हुआ है कई बार इमाम रज़ा (अ.) की ज़ियारत को गया तो मेरे तवस्सुल को देखकर दूसरे दंग रह जाते [159] एक और दूसरे सुन्नी मुहद्दिस इब्ने हिब्बान जिनका संबंध भी तीसरी और चौथी शताब्दी से है उन्होंने कहा कि जब मैं तुस में था और मुझे कोई समस्या होती, तो मैं अली बिन मूसा अल-रज़ा (अ की ज़ियारत को जाता और दुआ करता, और मेरी दुआ कबूल होती और मेरी समस्या हल हो जाती थी [160] | |||
समकालीन शिया धर्मशास्त्री आयतुल्लाहिल उज़्मा जाफ़र सुबहानी के अनुसार, कई सुन्नी विद्वानों ने शिया इमामों (अ.स.) के धार्मिक और वैज्ञानिक अधिकार को स्वीकार कर लिया है। [161] उदाहरण स्वरूप हनफ़ी संप्रदाय के संस्थापक अबू हनीफ़ा से नक़ल किया गया है कि मैंने जाफ़र बिन मुहम्मद (अ.) से बड़ा कोई फ़क़ीह नही देखा। [162] यही वाक्य पहली और दूसरी चंद्र शताब्दी हिजरी के ताबेईन सुन्नी टीकाकार, मुहद्दिस मुहम्मद बिन मुस्लिम बिन शाहब ज़ोहरी ने इमाम सज्जाद (अ.) के बारे मे कहा है। [163] | |||
==किताबो का परिचय== | |||
शिया इमामों की जीवनी और उनके फ़ज़ाइलो (गुणो) के बारे में शियाओं और सुन्नियों द्वारा विभिन्न किताबें लिखी गई हैं। | |||
===आइम्मा के बारे मे शियाओ की किताबे=== | |||
इमामों और उनके फ़ज़ाइलो के बारे में शिया विद्वानों की निम्नलिखित किताबे उल्लेखनीय है: | |||
'''# दला-ए-लुल इमामाः''' यह किताब अरबी भाषा मे मुहम्मद बिन जुरैर तिबरि सग़ीर (मृत्यु 310 हिजरी) दवारा लिखी गई है। इस किताब मे लेखन ने जनाबे ज़हरा (स.) के फ़जाइल और उनके मोज्ज़ात का उल्लेख किया है। | |||
'''# अल इरशाद फ़ी मारफ़ते हुजाजिल्लाहे अलल एबादः''' शेख मुफ़ीद (मृत्यु 410 हिजरी) द्वारा अरबी भाषा मे कलाम और इतिहास के विषय मे लिखी गई है। इस किताब मे आइम्मा (अ.) की जीवनी औक उनके फज़ाइल वाली रिवायतो का उल्लेख है। | |||
'''# मनाक़िबो आले अबी तालिबः''' इहने शहर आशोब माज़नदरानी द्वारा चौदा मासूमीन के फज़ाइल पर आधारित अरबी भाषा मे किताब है। | |||
इन किताबो के अलावा ऐलाम उल वरआ बेआलामिल हुदा, कश्फुल गुम्मा फ़ी मारेफ़तिल आइम्मा, रौज़ातुल वाएज़ीन वा बसीरातुल मुत्तऐज़ीन, जलाउल औयून और मुनतहुल आमाल फ़ी तवारिख़िन्न नबी वल आल उल्लेखनीय है। | |||
==आइम्मा के बारे मे सुन्नीयो की किताबे== | |||
इमामों और उनके फ़ज़ाइलो के बारे में सुन्नी विद्वानों की निम्नलिखित किताबे उल्लेखनीय है: | |||
'''# मतालिब अस्सऊल फ़ी मनाक़िबे आले रसूलः''' मुहम्मद बिन तल्हा शाफेई ने इस किताब को अरबी भाषा मे 12 अध्याय पर आधारित 12 इमामो की जीवनी का उल्लेख किया है। [164] | |||
'''# तज़्केरतुल ख़वास मिनल आइम्मते फ़ी ज़िक्रे ख़साएसिल आइम्माः''' हनफी संप्रदाय के विद्वान और इतिहासकार युसुफ बिन कज़ाऊग़ली प्रसिद्ध सिब्ते बिन जोज़ी ने बारह इमामो की जीवनी और उनके फज़ाइल को 12 अध्याय मे ज़िक्र किया है। [165] | |||
'''# अल फ़ुसूलुल मोहिम्मा फ़ी मारेफ़तिल आइम्माः''' नवी शताब्दी के सुन्नी विद्वान इब्ने सब्बाग़ मालेकी (मृत्यु 855 हिजरी) ने बारह इमामो की जीवनी और फ़ज़ाइल का उल्लेख किया है इस किताब से शिया और सुन्नी विद्वानो ने बहुत सारे हवाले बयान किए है। [166] | |||
'''# अल आइम्मतिल इस्ना अशर या अश्शज़ारातुज़ ज़हबियाः''' दमिश्क के रहने वाले हनफ़ी संप्रदाय के सुन्नी विद्वान शम्सुद्दीन इब्ने तूलून (मृत्यु 953 हिजरी) द्वारा लिखित। [167] | |||
'''# अलइत्तेहाफ बेहुब्बिल अशराफ़ः''' मिस्र के रहने वाले शाफ़ेई संप्रदाय के अनुयायी सुन्नी विद्वान जमालुद्दीन शबरावी (मृत्यु 1092-1172 हिजरी) द्वारा पैगंबर (स.) के परिवार और आइम्मा (अ.) की जीवनी पर आधारित है।[168] | |||
'''# नूरुल अबसार फ़ी मनाक़िबे आले बैतिन नबी अल मुख्तारः''' 13 शताब्दी के सुन्नी विद्वान मोमिन शबलंजी ने अपनी किताब मे पैगंबर (स.), शियो के इमाम और अहले सुन्नत के खलीफ़ाओ की जीवनी का उल्लेख किया है।[169] | |||
'''# यनाबी उल मवद्दा लेज़विल क़ुर्बाः''' अहले-बैत पैगंबर (स.) की जीवनी, फ़ज़ाइल से विशिष्ट किताब हनफी संप्रदाय के अनुयायी सुन्नी विद्वान सुलेमान बिन इब्राहीम कंदूज़ी (मृत्यु 1294 हिजरी) द्वारा लिखित। [170] | |||
==संबंधित लेख== | |||
• अहले-बैत (अलैहेमुस्सलाम) | |||
• शिया इमामो की इमामत | |||
• चौदाह मासूमीन | |||
==फ़ुटनोट== | ==फ़ुटनोट== | ||
# तबातबाई, शिया दर इस्लाम, पेज 230-231 | |||
# तबातबाई, शिया दर इस्लाम, पेज 231 | |||
# उदाहरण स्वरूप देखेः क़ाज़ी अब्दुल जब्बार, शरह अल उसूले ख़म्सा, पेज 514; तफ़ताज़ानी, शरहुल मकासिद, भाग 5, पेज 263 और 290 | |||
# उदाहरण स्वरूप देखेः बग़दादी, अलफ़रको बैनल फ़िरक़, पेज 353-354 | |||
# क़ुल्ला असअलोकुम अलैहे अजरन इल्लल मवद्दता फ़िल क़ुर्बा, सूरा ए शूरा आयत, 23 | |||
# हाकिम, हसकानी, शवाहिद उत तंज़ील, भाग 2, पेज 189 और 196; ज़मख़शरि, अल कश्शाफ़, भाग 4, पेज 219-220 | |||
# फ़ख्रे राज़ी, अल तफ़सीर उल कबीर, भाग 27, पेज 595 | |||
# बग़दादी, तारीख़ ए बग़दाद, भाग 1, पेज 133 | |||
# इब्ने हजर अस्क़लानी, तहज़ीब उत तहज़ीब, भाग 7, पेज 388 | |||
# इब्ने हब्बान, अलसेक़ात, भाग 8, पेज 457 | |||
# सुबहानी, सीमाए अकाइद ए शिया, पेज 234 | |||
# ज़हबी, सीर ए आलामुन नबला, भाग 6, पेज 257 | |||
# अबू ज़रआ दमिश्क़ी, तारीख़ ए अबि ज़रआ दमिश्क़ी, मजमा लुग़त उल अरबिया, पेज 536 | |||
# तबातबाई, अहलुलबैत अलैहेमुस्सलाम फ़िल मकतबतिल अरबिया, मोअस्सेसा ए आले-अलबैत, पेज 481-483 | |||
# इब्ने जोज़ी, तज़्केरतुल ख़वास, पेज 102-103 | |||
# इब्ने सब्बाग़, अल फ़ुसूलुल मोहिम्मा, दार उल हदीस, भाग 1, पेज 6 और 683-684 | |||
# इब्ने सब्बाग़, अल फ़ुसूलुल मोहिम्मा, दार उल हदीस, भाग 1, मुकद्देमा मोहक़्क़िक़, पेज 24 | |||
# तबातबाई, अहलुलबैत अलैहेमुस्सलाम फ़िल मकतबतिल अरबिया, मोअस्सेसा ए आले-अलबैत, पेज 235 | |||
# शबरावी, अल इत्तेहाफ बेहुब्बिल अशराफ़, पेज 5-7 | |||
# शाह मुहम्मदी, अली वा शुकूह ग़दीरे ख़ुम, पेज 45 | |||
==स्रोत== | |||
* अहमद बिन हंबल, अहमद बिन मुहम्मद बिनव हंबल, मुसनदे अहमद, बैरूत, दार ए सादिर | |||
* अबू ज़रआ दमिश्क़ी, अब्दुर्रहमान बिन अमरू, तारीख़े अबी ज़रआ अल दमिश्क़ी, दमिश्क़, मजमा उल लुग़तुल अरबिया | |||
* इब्ने जोज़ी, युसुफ़ बिन क़ज़ावुग़ली, तज़्केरतुल ख़वास फी मिनल आइम्मते फ़ि ज़िक्रिल खसाएसिल आइम्मा, तहक़ीक़, हुसैन तक़ी ज़ादेह, क़ुम, मजमा उल आ-लमी ले अहलिल-बैत, 1426 हिरी | |||
* इब्ने हब्बान, मुहम्मद बिन हब्बान, अल-सिक़ात, हैदराबाद, दाएरात उल मआरिफ उल उस्मानिया, पहला प्रकाशन, 1393 हिजरी | |||
* इब्ने हजर असक़लानी, अहमद बिन अली, तहज़ीब अल-तहज़ीब, हिंद, दाएरत उल मआरिफ़ अल-नेज़ामिया, पहला प्रकाशन, 1326 हिजरी | |||
* इब्ने शहर आशोब, मुहम्मद बिन अली, मनाक़िबे आले अबी तालिब, क़ुम, अल्लामा, पहला प्रकाशन, 1379 हिजरी | |||
* इब्ने सब्बाग़, अली बिन मुहम्मद, अल फ़ुसूलुल मोहिम्मा फ़ी मारेफ़तिल आइम्मा, तहक़ीक़, सामी ग़रीज़ी, क़ुम, दार उल हदीस | |||
* इब्ने असाकिर, अली बिन हसन, तारीख़े दमिश्क़, तहक़ीक़, अमरू बिन ग़रामा उमरवी, दार उल फ़िक्र, 1415 हिजरी, 1995 ई | |||
* बुख़ारी, मुहम्मद बिन इस्माईल, सहीह अल-बुख़ारी, बैरूत, दार उल फ़िक्र, 1401 हिजरी, 1981 ई | |||
* बग़दादी, ख़तीब, तारीख़े बग़दाद, बैरूत, दार उल कुतुब उल इल्मिया, 1417 हिजरी | |||
* बग़दादी, अब्दुल क़ाहिर, अल फ़रक़ो बैनल फ़िरक़ वा बयानिल फ़िरक़तिल नाजिया, बैरूत, दार उल आफ़ाक़, दूसरा प्रकाशन, 1977ई | |||
* तिरमिज़ी, मुहम्मद बिन ईसा, सुनन तिरमिज़ी, तहक़ीक़ व तस्हीह अब्दुर्रहमान मुहम्मद उस्मान, बैरूत, दार उल फ़िक्र, दूसरा प्रकाशन, 1403 हिजरी, 1983 ई | |||
* तफ़ताज़ानी, सादुद्दीन, शरहुल मक़ासिद, अफ़सत क़ुम, शरीफ़ रज़ी, 1409 हिजरी | |||
* जुर्जानी, मीर सय्यद शरीफ़, शरहुल मुवाफ़िक़, तस्हीह बदरुद्दीन नसमानी, क़ुम, शरीफ़ रज़ी, पहला प्रकाशन, 1325 हिजरी | |||
* जाफरयान, रसूल, हयात ए फ़िक्री सियासी इमामाने शिया, क़ुम, अंसारियान, ग्यारहवा प्रकाशन, 1387 शम्सी | |||
* हाकिम, हस्कानी, उबैदुल्लाह इब्ने अब्दुल्लाह, शवाहेदुत तंज़ील लेक़वा-ए-दित तफ़ज़ील, तहक़ीक़ मुहम्मद बाक़िर महमूदी, तेहरान, वज़ारत ए फ़रहंग वा इरशाद ए इस्लामी, पहला प्रकाशन, 1411 हिजरी | |||
* हाकिम नेशापुरी, मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह, अल मुस्तदरक अला अल-सहीहैन, हैदराबाद दकन, 1334 हिजरी | |||
* हुसैनी मीलानी, सय्यद अली, इस्बातुल विलायत अल आम्मते लिन्नबी वल आइम्मा, क़ुम, नश्रुल हक़ाइक़, पहला प्रकाशन, 1438 हिजरी | |||
* हकीम, सय्यद मुहम्मद बाक़िर, अल इमामा वल अहले-बैत नजरया वल इस्तिदलाल, क़ुम, मरकज ए इस्लामियातिल मआसिर, पहला प्रकाशन, 1424 हिजरी | |||
* हमूद, मुहम्मद जमील, अल फ़वाए दुल बह्हिया फ़ी शरहे अकाएदिल इमामिया, बैरूत, मोअस्सेसा तुल आ-लमी, दूसरा प्रकाशन, 1421 हिजरी | |||
* ख़ज़्ज़ाज़ ए राज़ी, अली बिन मुहम्मद, किफ़ायातुल असर फ़ी नस्से अलल आइम्मतिल इस्ना अश्र, तस्हीह अब्दुल लतीफ हुसैनी कुहकमारी, क़ुम, बेदार, 1401 हिजरी | |||
* खूई, सय्यद अबुल क़ासिम, मिस्बाहुल फ़ुक़ाहत (तब्ए क़दीम), तक़रीर मुहम्मद अली तौहीदी, क़ुम, अंसारियान, 1417 हिजरी | |||
* ज़हबी, शम्सुद्दीन मुहम्मद बिन अहमद, सीर ए आलामुन नबला, मोअस्सेसा तुर रिसाला, तीसरा प्रकाशन, 1405 हिजरी | |||
* ज़मख़शरी, महमूद बिन उमर, अल कश्शाफ़ अन हक़ाइक़ ग़वामेज़ित तंज़ील, तस्हीह मुस्तफा हुसैन अहमद, बैरूत, दार उल कुतुब उल अरबी, पहला प्रकाशन, 1407 हिजरी | |||
* सुबहानी, जाफ़र, सीमा ए अकाइद शिया, अनुवाद जवाद मुहद्देसी, तेहरान नश्रे मश्अर, पहला प्रकाशन, 1386 शम्सी | |||
* सुबहानी, जाफ़र, इल्मे ग़ैब (आगाही ए सेव्वुम), क़ुम, मोअस्सेसा ए इमाम सादिक़ (अ.), पहला प्रकाशन, 1386 शम्सी | |||
* सुबहानी, जाफ़र, मनशूरे अकाइद ए इमामिया, क़ुम, मोअस्सेसा ए इमाम सादिक़ (अ.), पहला प्रकाशन, 1376 शम्सी | |||
* सजिस्तानी, सुलैमान बिन अल-अश्अस, सुनन अबि दाऊद, तहक़ीक़ वा तालीक़ सईद मुहम्मद अल-लेहाम, बैरूत, दार उल फ़िक्र, पहला प्रकाशन, 1410 हिजरी, 1990 ई | |||
* शाह मुहम्मदी, मुहम्मद अली, अली वा शुकूह ग़दीरे ख़ुम बर फ़राज़े वही वा रिसालत दर तरजुमे यनाबी उल मवद्दा, क़ुम, मेहर अमीरुल मोमेनीन (अ), 1384 शम्सी | |||
* शुब्बर, सय्यद अब्दुल्लाह, हक़ उल यक़ीन फ़ी मारफ़ते उसूल अल-दीन, क़ुम, अनवार उल हुदा, दूसरा प्रकाशन, 1424 हिजरी | |||
* शब्रावी, अब्दुल्लाह बिन मुहम्मद, अल इत्तेहाफ बेहुब्बिल अशराफ़, तसहीह सामी ग़रीज़ी, क़ुम, दार उल किताब, 1423 हिजरी | |||
* शहीदी, सय्यद जाफर, जिंदागानी ए इमाम सादिक़ जाफ़र बिन मुहम्मद (अ), तेहरान, दफ्तर ए नश्र ए फ़रहंग ए इस्लामी, पहला प्रकाशन, 1377 शम्सी | |||
* साफ़ी, गुलपाएगानी, लुतफुल्लाह, विलायत ए तकवीनी वा विलायत ए तशरीई (वीरास्त जदीद), क़ुम, दफ्तर ए तंज़ीम वा नश्रे आसार ए आयतुल्लाहिल उज्मा साफ़ी गुलपाएगानी, पहला प्रकाशन, 1392 शम्सी | |||
* सुदूक़, मुहम्मद बिन अली बिन बाबवैह, अल-एतेक़ादात, क़ुम, अल-मोतमेरुल आ-लमी लिश शैख अल मुफ़ीद, दूसरा प्रकाशन, 1414 हिजरी | |||
* सुदूक़, मुहम्मद बिन अली बिन बाबवैह, अल-ख़िसाल, तस्हीह व तहक़ीक़ अली अकबर ग़फ़्फ़ारी, क़ुम, जामे उल मुदर्रेसीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम, पहला प्रकाशन, 1362 शम्सी | |||
* सुदूक़, मुहम्मद बिन अली बिन बाबवैह, ओयूने अखबार ए रज़ा, तहक़ीक़ महदी लाजवरदी, तेहरान, नश्रे जहान, पहला प्रकाशन, 1378 हिजरी | |||
* सुदूक़, मुहम्मद बिन अली बिन बाबवैह, कमालुद्दीन वा तमामुन नेअमत, तस्हीह अली अकबर ग़फ़्फ़ारी, तेहरान, इस्लामिया, 1395 हिजरी | |||
* सुदूक़, मुहम्मद बिन अली बिन बाबवैह, मन ला याहजेरोहुल फ़क़ीह, तस्हीह अली अकबर ग़फ़्फ़ारी, क़ुम, दफ्तर ए इंतेशारत इस्लामी, दूसरा प्रकाशन, 1413 हिजरी | |||
* सफ़्फ़ार, मुहम्मद बिन हसन, बसाएरुद दरजात फ़ी फ़ज़ाइले आले मुहम्मद, क़ुम, मकतब आयतुल्लाह मरअशी अल-नजफी, दूसरा प्रकाशन, 1404 हिजरी | |||
* तबातबाई, सय्यद अब्दुल अज़ीज़, अहलुल बैत फ़ी मकतबतिल अरबिया, क़ुम, मोअस्सेसा आले अल-बैत ले एहयाइत तुरास | |||
* तबातबाई, सय्यद मुहम्मद हुसैन, शिया दर इस्लाम, क़ुम, दफ्तर इंतेशारात इस्लामी, 1383 शम्सी | |||
* तबरसी, फ़ज़्ल बिन हसन, एअलाम उल वरा बेआलामिल हुदा, तेहरान, इस्लामिया, चौथा प्रकाशन, 1390 हिजरी | |||
* तूसी, मुहम्मद बिन हसन, अल-तिबयान फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन, तस्हीह अहमद अहमद आमोली, बैरूत, दार ए एहयाइत तुरास अल अरबी | |||
* आमोली, सय्यद जाफ़र मुर्तज़ा, अल-विलायातुत तकवीनीया वत तशरीईया, मरकज़ अल-इस्लामी लिद देरासात, दूसरा प्रकाशन, 1428 हिजरी | |||
* अल्लामा हिल्ली, हसन बिन यूसूफ़, कश्फुल मुराद फी शरहे तजरीदिल एतेकादात क़िस्मुल इलाहीयात, तालीक़ा जाफ़र सुबहानी, क़ुम, मोअस्सेसा इमाम सादिक़ (अ), दूसरा प्रकाशन, 1382 शम्सी | |||
* अली बिन हुसैन, सहीफ़ा ए सज्जादिया, तरजुमा व शरह फ़ैज़ उल इस्लाम, तेहरान, फ़क़ीह, दूसरा प्रकाशन, 1376 शम्सी | |||
* फ़ख़्रे राज़ी, मुहम्मद बिन उमर, अल-तफ़सीर उल कबीर (मफ़ातीह उल ग़ैब), बैरूत, दार ए एहयाइत तुरास अल-अरबी, तीसरा प्रकाशन, 1420 हिजरी | |||
* क़ाज़ी अब्दुल जब्बार, अब्दुल जब्बार बिन अहमद, शरह अल-उसूल अल-ख़म्सा, तालीक़ा अहमद बिन हुसैन अबी हाशिम, बैरूत, दार ए एहयाइत तुरास अल-अरबी, पहला प्रकाशन, 1422 हिजरी | |||
* क़ंदूज़ी, सुलेमान बिन इब्राहीम, यनाबी उल मवद्दा लेज़विल क़ुर्बा, बैरूत, दार उल उसवा | |||
* कुलैनी, मुहम्मद बिन याकूब, अल-काफ़ी, तेहरान, अल-इस्लामीया, तीसरा प्रकाशन, 1407 हिजरी | |||
* मोमिन क़ुमी, मुहम्मद, विलायत वली इल मासूम दर मजमूआ तिल आसार अल मोतमेरूल आ-लमी अल-सानी लिल इमाम अल-रज़ा (अ), मशहद, अल मोतमेरूल आ-लमी अल-सानी लिल इमाम अल-रज़ा (अ), 1409 हिजरी | |||
* मजलिसी, मुहम्मद बाक़िर, बिहार उल अनवार अल-जामेअतो लेदो-ररे अख़बारे आइम्मातिल अत्हार, बैरूत, दार ए एहयाइत तुरास अल-अरबि, दूसरा प्रकाशन, 1403 हिजरी | |||
* मुहम्मदी, अली, शरह कश्फ़ुल मुराद, क़ुम, दार उल फ़िक्र, चौथा प्रकाशन, 1378 शम्सी | |||
* मुस्लिम नेशाबूरी, मुस्लिम बिन हुज्जाज, सहीह मुस्लिम, बैरूत, दार उल फ़िक्र | |||
* मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद, अल-इरशाद फ़ी मारफ़ते होजाजिल्लाहे अलल एबाद, क़ुम, कुंगरा ए शेख मुफ़ीद, पहला प्रकाशन, 1413 हिजरी | |||
* मुफ़ीद, मुहम्मद बिन मुहम्मद, अवाए लुल मक़ालात फ़िल मज़ाहिब वल मुख़तारात, क़ुम, अल मोतमेरुल आ-लमी लिश शेख अल-मुफ़ीद, पहला प्रकाशन, 1413 हिजरी | |||
* मकारिम शीराज़ी, नासिर, पयाम ए क़ुरआन, तेहरान, दार उल कुतुब उल इस्लामिया, नवां प्रकाशन, 1386 शम्सी | |||
* मूसवी ज़ंजानी, सय्यद इब्राहीम, अकाएदुल इमामिया अल इस्ना अशरिया, बैरूत, मोअस्सेसा ए आ-लमी, तीसरा प्रकाशन, 1413 हिजरी | |||
* नोमानी, मुहम्मद बिन इब्राहीम, किताब अल-ग़ैबा, बैरूत, मोअस्सेसा तुल आ-लमी लिल मतबूआत, 1403 हिजरी, 1983 ई | |||
* याक़ूबी, अहमद बिन इस्हाक़, तारीख़ अल-याक़ूबी, बैरूत, दार ए सादिर | |||
* Gulzar calligraphic panel", Library of Congress, वीजिट 2 मार्च 2022 | |||
==अधिक जानकारी के लिए स्रोत== | |||
* हयात ए फ़िक्री वा सियासी ए इमामान ए शिया, रसूल जाफ़रयान, क़ुम, अंसारियान |