"सहीफ़ा सज्जादिया की छत्तीसवीं दुआ": अवतरणों में अंतर
सहीफ़ा सज्जादिया की छत्तीसवीं दुआ (स्रोत देखें)
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|कथावाचक = | |कथावाचक = मुतवक्किल बिन हारुन | ||
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'''सहीफ़ा सज्जादिया की छत्तीसवीं दुआ''' (अरबीः'''الدعاء السادس والثلاثون من الصحيفة السجادية''') [[इमाम सज्जाद (अ)]] द्वारा पढ़ी जाने वाली दुआओं में से एक है, जिसे इमाम सज्जाद (अ) आकाश मे बादलो और बिजली के कड़कने की आवाज सुनकर पढ़ते थे। इस दुआ में, इमाम सज्जाद (अ) ईश्वर के संकेतों से गरज और बिजली की माँग करते हैं और [[ईश्वर]] से लाभकारी बारिश की दुआ करते हैं। इस दुआ में, वह बुराई को दूर करने के लिए दुआओं की आवश्यकता पर भी जोर देते है और मनुष्य को ईश्वर के क्रोध के खिलाफ खुद का बचाव करने में असमर्थ देखते है। | '''सहीफ़ा सज्जादिया की छत्तीसवीं दुआ''' (अरबीः '''الدعاء السادس والثلاثون من الصحيفة السجادية''') [[इमाम सज्जाद (अ)]] द्वारा पढ़ी जाने वाली दुआओं में से एक है, जिसे इमाम सज्जाद (अ) आकाश मे बादलो और बिजली के कड़कने की आवाज सुनकर पढ़ते थे। इस दुआ में, इमाम सज्जाद (अ) ईश्वर के संकेतों से गरज और बिजली की माँग करते हैं और [[ईश्वर]] से लाभकारी बारिश की दुआ करते हैं। इस दुआ में, वह बुराई को दूर करने के लिए दुआओं की आवश्यकता पर भी जोर देते है और मनुष्य को ईश्वर के क्रोध के खिलाफ खुद का बचाव करने में असमर्थ देखते है। | ||
छत्तीसवीं दुआ का वर्णन [[सहीफ़ा सज्जादिया]] की व्याख्याओ का विभिन्न भाषाओ मे वर्णन किया गया है, जैसे कि फ़ारसी में [[हसन ममदूही किरमानशाही]] की [[शुहूद व शनाख़्त]] और अरबी भाषा मे [[सय्यद अली खान मदनी]] द्वारा लिखित [[रियाज़ उस-सालेकीन फ़ी शरह सहीफ़ा सय्यदुस साजेदीन]] है। | छत्तीसवीं दुआ का वर्णन [[सहीफ़ा सज्जादिया]] की व्याख्याओ का विभिन्न भाषाओ मे वर्णन किया गया है, जैसे कि फ़ारसी में [[हसन ममदूही किरमानशाही]] की [[शुहूद व शनाख़्त]] और अरबी भाषा मे [[सय्यद अली खान मदनी]] द्वारा लिखित [[रियाज़ उस-सालेकीन फ़ी शरह सहीफ़ा सय्यदुस साजेदीन]] है। |