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"उस्मान बिन हुनैफ़ के नाम इमाम अली (अ) का पत्र": अवतरणों में अंतर

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एक रिपोर्ट के अनुसार जिसे अबू मिख़नफ़ (157 हिजरी), इब्न साद (230 हिजरी), दैनूरी (282 हिजरी), [[तबरी]] (310 हिजरी), [[शेख़ मुफ़ीद]] (413 हिजरी), इब्न असाकिर ( 571 हिजरी), इब्न जौज़ी (597 हिजरी) और इब्न असीर (630 हिजरी) ने नकल किया है: इमाम हुसैन (अ) अपने परिवार के अठारह सदस्यों के साथ कर्बला में शहीद हुए थे। [17]
एक रिपोर्ट के अनुसार जिसे अबू मिख़नफ़ (157 हिजरी), इब्न साद (230 हिजरी), दैनूरी (282 हिजरी), [[तबरी]] (310 हिजरी), [[शेख़ मुफ़ीद]] (413 हिजरी), इब्न असाकिर ( 571 हिजरी), इब्न जौज़ी (597 हिजरी) और इब्न असीर (630 हिजरी) ने नकल किया है: इमाम हुसैन (अ) अपने परिवार के अठारह सदस्यों के साथ कर्बला में शहीद हुए थे। [17]


तारीख क़याम व मक़तल जामेअ सय्यद उश-शोहदा (अ) पुस्तक के लेखको के अनुसार, कई स्रोतों में बनि हाशिम के शहीदों के बारे में बताया गया सबसे प्रसिद्ध आंकड़ा इमाम हुसैन (अ) को छोड़कर 17 लोगों का है। [18] [[शेख़ सदूक़]], [19] शेख़ मुफ़ीद, [20] [[शेख़ तूसी]] [21] और [[ख्वारिज़मी]] [22] उन लोगों में से हैं जिन्होंने बनि हाशिम के शहीदों का उल्लेख 17 लोगों के रूप में किया है। [[इमाम सज्जाद (अ]]) ने अपने एक तक़रीर मे इस संख्या का उल्लेख किया है जिसमे उन्होने किसी सवाल करने वाले के जबाव मे कहा था जब उसने कहा कि "क्या आपके लिए [[कर्बला की घटना]] के बारे मे अपना दुख और शोक समाप्त करने का समय नही है" इमाम सज्जाद (अ) ने कहा, "मैं अपना दुःख कैसे समाप्त कर सकता हूँ जब [[आशूरा का दिन|आशूरा के दिन]] मैंने देखा कि मेरे पिता, भाई, चाचा और मेरे परिवार के सत्रह सदस्य मारे गए?" (وأنا نظرت إلى أبي وأخي وعمي وسبعة عشر من أهل بيتي مقتولين حولي فكيف '''ينقضي حزني''' व अना नज़रतो ऐला अबि व अख़ि व अम्मी व सब्अता अशर मिन अहलेबैती मक़तूलीना हौवी फ़क़ैयफ़ा यंक़ज़ी हुज़्नी)[23]
तारीख क़याम व मक़तल जामेअ सय्यद उश-शोहदा (अ) पुस्तक के लेखको के अनुसार, कई स्रोतों में बनि हाशिम के शहीदों के बारे में बताया गया सबसे प्रसिद्ध आंकड़ा इमाम हुसैन (अ) को छोड़कर 17 लोगों का है। [18] [[शेख़ सदूक़]], [19] शेख़ मुफ़ीद, [20] [[शेख़ तूसी]] [21] और [[ख्वारिज़मी]] [22] उन लोगों में से हैं जिन्होंने बनि हाशिम के शहीदों का उल्लेख 17 लोगों के रूप में किया है। [[इमाम सज्जाद (अ]]) ने अपने एक तक़रीर मे इस संख्या का उल्लेख किया है जिसमे उन्होने किसी सवाल करने वाले के जबाव मे कहा था जब उसने कहा कि "क्या आपके लिए [[कर्बला की घटना]] के बारे मे अपना दुख और शोक समाप्त करने का समय नही है" इमाम सज्जाद (अ) ने कहा, "मैं अपना दुःख कैसे समाप्त कर सकता हूँ जब [[आशूरा का दिन|आशूरा के दिन]] मैंने देखा कि मेरे पिता, भाई, चाचा और मेरे परिवार के सत्रह सदस्य मारे गए?" ('''وأنا نظرت إلى أبي وأخي وعمي وسبعة عشر من أهل بيتي مقتولين حولي فكيف '''ينقضي حزني व अना नज़रतो ऐला अबि व अख़ि व अम्मी व सब्अता अशर मिन अहलेबैती मक़तूलीना हौवी फ़क़ैयफ़ा यंक़ज़ी हुज़्नी)[23]


=== इमाम अली (अ) की संतान ===
=== इमाम अली (अ) की संतान ===
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