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"सय्यद हसन नसरुल्लाह": अवतरणों में अंतर

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नसरुल्लाह ने 1978 में 18 साल की उम्र में फ़ातिमा यासीन से शादी की, जिसके परिणामस्वरूप मोहम्मद हादी, मोहम्मद जवाद और मोहम्मद अली नाम के तीन बेटे और ज़ैनब नाम की एक बेटी हुई।[12] उनके सबसे बड़े बेटे [[सय्यद मोहम्मद हादी]] 12 सितंबर 1997 को दक्षिणी लेबनान में इजरायली गश्ती बलों के साथ झड़प में [[शहीद]] हो गए थे। उनका शव ज़ायोनीवादियों के हाथों में पड़ गया और एक साल बाद इज़राइल और [[हिज़्बुल्लाह]] के बीच विनिमय अभियान में लेबनान वापस लाया जा सका।
नसरुल्लाह ने 1978 में 18 साल की उम्र में फ़ातिमा यासीन से शादी की, जिसके परिणामस्वरूप मोहम्मद हादी, मोहम्मद जवाद और मोहम्मद अली नाम के तीन बेटे और ज़ैनब नाम की एक बेटी हुई।[12] उनके सबसे बड़े बेटे [[सय्यद मोहम्मद हादी]] 12 सितंबर 1997 को दक्षिणी लेबनान में इजरायली गश्ती बलों के साथ झड़प में [[शहीद]] हो गए थे। उनका शव ज़ायोनीवादियों के हाथों में पड़ गया और एक साल बाद इज़राइल और [[हिज़्बुल्लाह]] के बीच विनिमय अभियान में लेबनान वापस लाया जा सका।
==सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियाँ==
सैयद हसन नसरुल्लाह ने अपने जीवन के पहले वर्षों से ही राजनीतिक गतिविधियों में प्रवेश किया।
* 1975 में हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह अपने गृहनगर अल-बाज़ुरियह में अमल आंदोलन के प्रमुख बन गए।
* 1979 में नजफ़ से लौटने के बाद, वह अमल आंदोलन के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य बन गए और बेक़ा घाटी में इस आंदोलन के प्रतिनिधि बन गए।[13]
* 1982 में, मुजाहिद धर्मगुरुओं के एक अन्य समूह के साथ, वह अमल संगठन से अलग हो गए और लेबनान में [[हिज़्बुल्लाह]] की स्थापना की।
* उन्होंने 1982 से 1992 तक अपनी गतिविधियां हिजबुल्लाह में केंद्रित रखीं। पार्टी की केंद्रीय परिषद में होने के अलावा, वह प्रतिरोध बलों की तैयारी और सैन्य इकाइयों की स्थापना के भी ज़िम्मेदार थे। कुछ समय के लिए वह इब्राहिम अमीन अल-सय्यद (बेरूत में हिज़बुल्लाह के प्रभारी) के डिप्टी और  हिज़बुल्लाह के कार्यकारी डिप्टी भी रह चुके हैं।
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