"शियो के इमाम": अवतरणों में अंतर
→हदीसे ख़ुल्फ़ाए इस्ना अशर
पंक्ति ४५: | पंक्ति ४५: | ||
===हदीसे ख़ुल्फ़ाए इस्ना अशर=== | ===हदीसे ख़ुल्फ़ाए इस्ना अशर=== | ||
: | :विस्तृत लेखः [[हदीसे ख़ुल्फ़ाए इसना अशर]] | ||
[[चित्र:قطعه خوشنویسی از حسین زرینقلم.jpg|अंगूठाकार|खुश लेख]] | [[चित्र:قطعه خوشنویسی از حسین زرینقلم.jpg|अंगूठाकार|खुश लेख]] | ||
अहले सुन्नत से एक रिवायत आई है जिसमे पैगंबर के खलीफ़ाओ की संख्या 12 और उनकी कुछ विशेषताओ जैसे उनका क़ुरैशी होने का वर्णन हुआ है; [[जाबिर बिन सुमरा]] ने पैगंबर से रिवायत की है "यह धर्म हमेशा पुनरुत्थान के दिन तक बाकी रहेगा और जब तक आप पर बारह खलीफा नहीं होंगे। ये सभी खलीफा कुरैशी के हैं।"<ref>देखे बुखारी, सहीए बुख़ारी, भाग 8, पेज 127; मुस्लिम नेशापुरी, सहीए मुस्लिम, दार उल फ़िक्र, भाग 6, पेज 3-4; अहमद बिन हम्बल, मुस्नदे अहमद, दार ए सादिर, भाग 5, पेज 90, 93, 98, 99, 100 और 106; तिरमिज़ी, सुन्न तिरमिज़ी, भाग 3, पेज 340; सजिस्तानी, सन्न इब्ने दाऊद, भाग 2, पेज 309</ref> | अहले सुन्नत से एक रिवायत आई है जिसमे पैगंबर के खलीफ़ाओ की संख्या 12 और उनकी कुछ विशेषताओ जैसे उनका क़ुरैशी होने का वर्णन हुआ है; [[जाबिर बिन सुमरा]] ने पैगंबर से रिवायत की है "यह धर्म हमेशा पुनरुत्थान के दिन तक बाकी रहेगा और जब तक आप पर बारह खलीफा नहीं होंगे। ये सभी खलीफा कुरैशी के हैं।"<ref>देखे बुखारी, सहीए बुख़ारी, भाग 8, पेज 127; मुस्लिम नेशापुरी, सहीए मुस्लिम, दार उल फ़िक्र, भाग 6, पेज 3-4; अहमद बिन हम्बल, मुस्नदे अहमद, दार ए सादिर, भाग 5, पेज 90, 93, 98, 99, 100 और 106; तिरमिज़ी, सुन्न तिरमिज़ी, भाग 3, पेज 340; सजिस्तानी, सन्न इब्ने दाऊद, भाग 2, पेज 309</ref> | ||
इस संबंध मे इब्ने मसऊद से नकल होने वाली हदीस की ओर भी इशारा किया जा सकता है जिसके आधार पर पैगंबर के नकीबो की संख्या [[बनी | इस संबंध मे इब्ने मसऊद से नकल होने वाली हदीस की ओर भी इशारा किया जा सकता है जिसके आधार पर पैगंबर के नकीबो की संख्या [[बनी इस्राइल के नोक़बा|बनी इसराइल के नक़ीबो]] की संख्या के बराबर अर्थात 12 है।<ref>देखे हाकिमे नेशापुरी, अल-मुस्तदरक अलस्सहीहैन, भाग 4, पेज 501 नोअमानी, किताब उल-ग़ैय्बा, पेज 74-75</ref> | ||
सुन्नी विद्वान सुलेमान बिन इब्राहीम क़न्दूज़ी के अनुसार | सुन्नी विद्वान सुलेमान बिन इब्राहीम क़न्दूज़ी के अनुसार पैग़म्बर की हदीस मे 12 खलीफ़ा का अर्थ है शियो के 12 इमाम क्योकि यह संख्या इनके अलावा कही पर भी फिट नही बैठती।<ref> क़ंदूज़ी, यनाबी उल- मवद्दा लेज़िल क़ुरबा, दार उल-उस्वा, भाग3, पेज 292-293</ref> | ||
==इमामो का परिचय== | ==इमामो का परिचय== |