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"हदीस सक़लैन": अवतरणों में अंतर

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== हदीस की दलालत क़ुरआन के तहरीफ़ न होने पर ==
== हदीस की दलालत क़ुरआन के तहरीफ़ न होने पर ==
ऐसा कहा गया है कि हदीस सक़लैन [[तहरीफ़|परिवर्तन]] और विकृति से [[क़ुरआन|कुरआन]] की प्रतिरक्षा को इंगित करती है; क्योंकि पैग़म्बर (स) ने इसमें कहा है कि कुरआन और अहले बैत क़यामत के दिन तक रहेंगे और जो कोई भी उनसे जुड़ा रहेगा वह गुमराह नहीं होगा। यदि कुरआन परिवर्तन से सुरक्षित नहीं रहा, तो उस से जुड़े रहना और उसका अनुसरण करना गुमराही का कारण होगा।<ref>खराज़ी, बेदाय अल-मआरिफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 294।</ref>
ऐसा कहा गया है कि हदीस सक़लैन [[तहरीफ़|परिवर्तन]] और विकृति से [[क़ुरआन|कुरआन]] की प्रतिरक्षा को इंगित करती है; क्योंकि [[पैग़म्बर (स)]] ने इसमें कहा है कि कुरआन और अहले बैत क़यामत के दिन तक रहेंगे और जो कोई भी उनसे जुड़ा रहेगा वह गुमराह नहीं होगा। यदि कुरआन परिवर्तन से सुरक्षित नहीं रहा, तो उस से जुड़े रहना और उसका अनुसरण करना गुमराही का कारण होगा।<ref>खराज़ी, बेदाय अल-मआरिफ़, 1417 हिजरी, खंड 1, पृष्ठ 294।</ref>


== अहले सुन्नत का दृष्टिकोण ==
== अहले सुन्नत का दृष्टिकोण ==
confirmed, movedable
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