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"शिया धर्म के सिद्धांत": अवतरणों में अंतर
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'''शिया धर्म के सिद्धांत''', (अरबी: '''اصول مذهب الشیعه الامامیه الاثنی العشریه''') [[शिया|शिया | '''शिया धर्म के सिद्धांत''', (अरबी: '''اصول مذهب الشیعه الامامیه الاثنی العشریه''') [[शिया इसना अशरी|शिया]] धर्म की मूलभूत मान्यताओं में एकेश्वरवाद ([[तौहीद]]), [[नबूवत]] (ईश्वर दूत), [[क़यामत]], न्याय (अद्ल) और [[इमामत]] शामिल हैं। शियों के अनुसार, पहले तीन सिद्धांतों (एकेश्वरवाद, भविष्यवाणी और पुनरुत्थान) में से किसी को भी नकारने जो धर्म के सिद्धांत हैं, से इंसान काफ़िर हो जाता है, लेकिन न्याय के दो सिद्धांतों (अद्ल और इमामत) में से किसी पर भी विश्वास न रखने से शिया धर्म से तो ख़ारिज हो जायेंगे लेकिन [[इस्लाम]] से ख़ारिज नही होगें। इमामत, शिया धर्म के सिद्धांतों के तहत होने के कारण वह उन्हे अन्य इस्लामी संप्रदायों से अलग करता है और इसी कारणवश उन्हें [[इमामिया]] कहा जाता है। न्याय के सिद्धांत में विश्वास ने मोअतज़ेला को अशायरा से अलग कर दिया है और इसी वजह से शियों और मोअतज़ेला को अदलिया का नाम दिया गया है। | ||
==स्थान== | ==स्थान== |