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"शिया धर्म के सिद्धांत": अवतरणों में अंतर
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===अद्ल (न्याय)=== | ===अद्ल (न्याय)=== | ||
विश्वास व अक़ीदा है कि ईश्वर, सृष्टि की व्यवस्था (तकवीन ऐतेबार) और कानून व्यवस्था (तशरीई ऐतेबार) दोनों में, सही व्यवहार करता है और उत्पीड़न (ज़ुल्म) नहीं करता है। अदलिया (शिया और [[मोअतज़ेला]]) चीजों के अच्छे और बुरे (हुस्न व क़ुब्ह) को तर्कसंगत (अक़्ली) मानते हैं और मानते हैं कि ईश्वर न्यायी (आदिल) है। इसका मतलब है कि वह चीजों की अच्छाई के आधार पर कार्य करता है, और अन्याय नहीं करता है क्योंकि यह बुराई है। इसके विपरीत, अशरियों का मानना है कि न्यायपूर्ण व्यवहार की कसौटी ईश्वर की कार्रवाई है, और यह कि ईश्वर जो कुछ भी करता है वह अच्छा और न्यायपूर्ण है, भले ही वह मनुष्यों की निगाह में क्रूर हो। | विश्वास व अक़ीदा है कि ईश्वर, सृष्टि की व्यवस्था (तकवीन ऐतेबार) और कानून व्यवस्था (तशरीई ऐतेबार) दोनों में, सही व्यवहार करता है और उत्पीड़न (ज़ुल्म) नहीं करता है। [[अदलिया]] (शिया और [[मोअतज़ेला]]) चीजों के अच्छे और बुरे (हुस्न व क़ुब्ह) को तर्कसंगत (अक़्ली) मानते हैं और मानते हैं कि ईश्वर न्यायी (आदिल) है। इसका मतलब है कि वह चीजों की अच्छाई के आधार पर कार्य करता है, और अन्याय नहीं करता है क्योंकि यह बुराई है। इसके विपरीत, अशरियों का मानना है कि न्यायपूर्ण व्यवहार की कसौटी ईश्वर की कार्रवाई है, और यह कि ईश्वर जो कुछ भी करता है वह अच्छा और न्यायपूर्ण है, भले ही वह मनुष्यों की निगाह में क्रूर हो। | ||
===न्याय (अद्ल) धर्म के सिद्धांतों में से एक क्यों है=== | ===न्याय (अद्ल) धर्म के सिद्धांतों में से एक क्यों है=== |