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"हज़रत अब्बास अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर

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कुछ स्रोतो मे आपका क़द लंबा और सुंदर चेहरा लिखा है। [[शियों के इमाम|शियो के इमामो]] ने स्वर्ग में हज़रत अब्बास के लिए उच्च स्थान बयान किया है, और बहुत सी करामातो का भी उल्लेख हुआ है उनमे से एक हाजत रवाई है। यहा तक कि ग़ैर शिया (सुन्नी), गैर मुस्लिम (कुफ्फार) की भी हाजत रवाई करते है।
कुछ स्रोतो मे आपका क़द लंबा और सुंदर चेहरा लिखा है। [[शियों के इमाम|शियो के इमामो]] ने स्वर्ग में हज़रत अब्बास के लिए उच्च स्थान बयान किया है, और बहुत सी करामातो का भी उल्लेख हुआ है उनमे से एक हाजत रवाई है। यहा तक कि ग़ैर शिया (सुन्नी), गैर मुस्लिम (कुफ्फार) की भी हाजत रवाई करते है।


[[इमामिया|शिया]] हज़रत अब्बास के लिए एक बड़े आध्यात्मिक मक़ाम के क़ायल हैं; वो उन्हे [[बाबुल-हवाइज]] कहते हैं और उनसे अपील (मुतवस्सिल होते) करते हैं। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रौज़े के पास हज़रत अब्बास का रौज़ा शियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इसके अलावा, शिया उन्हें सक़्क़ा ए कर्बला भी कहते हैं और [[मुहर्रम]] की 9वीं जबकि कुछ देशों मे शिया 8वीं तारीख़ को हज़रत अब्बास के नाम से अज़ादारी करते हैं। जबकि ईरान में 9वीं मोहर्रम (तासूआ) आपसे विशिष्ठ है और इस दिन ईरान मे आप से सार्वजनिक अवकाश रहता है।  
[[इमामिया|शिया]] हज़रत अब्बास के लिए एक बड़े आध्यात्मिक मक़ाम के क़ायल हैं; वो उन्हे [[बाबुल-हवाइज]] कहते हैं और उनसे अपील (मुतवस्सिल होते) करते हैं। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रौज़े के पास हज़रत अब्बास का रौज़ा [[इमामिया|शियों]] के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इसके अलावा, [[शिया इसना अशरी|शिया]] उन्हें सक़्क़ा ए कर्बला भी कहते हैं और [[मुहर्रम]] की 9वीं जबकि कुछ देशों मे शिया 8वीं तारीख़ को हज़रत अब्बास के नाम से अज़ादारी करते हैं। जबकि ईरान में 9वीं मोहर्रम (तासूआ) आपसे विशिष्ठ है और इस दिन ईरान मे आप से सार्वजनिक अवकाश रहता है।  


== अनुसंधानी संसाधनों की कमी ==
== अनुसंधानी संसाधनों की कमी ==
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