गुमनाम सदस्य
"हज़रत अब्बास अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर
→अनुष्ठान और अन्य रीति-रिवाज
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* अब्बासीया या बैतुल-अब्बास: यह उन जगहों को कहा जाता है जो हज़रत अब्बास (अ) के नाम पर और मातम मनाने के लिए बनाई जाती हैं। कुछ लोगों ने कहा है कि इन जगहों पर कई अन्य कार्यक्रम भी किए जाते हैं और उनका कार्य इमामबारगाहो के समान है।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 243-258</ref> | * अब्बासीया या बैतुल-अब्बास: यह उन जगहों को कहा जाता है जो हज़रत अब्बास (अ) के नाम पर और मातम मनाने के लिए बनाई जाती हैं। कुछ लोगों ने कहा है कि इन जगहों पर कई अन्य कार्यक्रम भी किए जाते हैं और उनका कार्य इमामबारगाहो के समान है।<ref>रब्बानी खलख़ाली, चेहरा ए दरखशान कमर ए बनी हाशिम, 1386 शम्सी, भाग 2, पजे 243-258</ref> | ||
* जानबाज़ दिवस (पूर्व सैनिक दिवस): इस्लामिक गणराज्य ईरान के आधिकारिक कैलेंडर में, हज़रत अब्बास (अ) के जन्म दिवस 4 शाबान जानबाज़ दिवस के रूप में नामित किया गया है।<ref>नामगुज़ारी ए रोजहा वा हफ्तेहाए खास</ref> | * जानबाज़ दिवस (पूर्व सैनिक दिवस): इस्लामिक गणराज्य ईरान के आधिकारिक कैलेंडर में, हज़रत अब्बास (अ) के जन्म दिवस 4 शाबान जानबाज़ दिवस के रूप में नामित किया गया है।<ref>नामगुज़ारी ए रोजहा वा हफ्तेहाए खास</ref> | ||
* पंजा या पंज चिन्ह, कुछ शिया क्षेत्रों में पंजे को अलम के ऊपर स्थापित किया जाता है जोकि हजरत अब्बास (अ) के कटे हुए हाथों का प्रतीक है। क्योकि पंजे मे पांच उंगलिया है इसको आधार मानते हुए कुछ शिया इसे पंजेतन का प्रतीक मानते हैं।<ref></ref> | * पंजा या पंज चिन्ह, कुछ शिया क्षेत्रों में पंजे को अलम के ऊपर स्थापित किया जाता है जोकि हजरत अब्बास (अ) के कटे हुए हाथों का प्रतीक है। क्योकि पंजे मे पांच उंगलिया है इसको आधार मानते हुए कुछ शिया इसे पंजेतन का प्रतीक मानते हैं।<ref>बुलूकबाशी, मफाहीम वा निमादगारहा दर तरीक़ते क़ादरी, पेज 100</ref> | ||
== हज़रत अब्बास (अ) से संबंधित स्थान और भवन == | == हज़रत अब्बास (अ) से संबंधित स्थान और भवन == |