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"इमाम मूसा काज़िम अलैहिस सलाम": अवतरणों में अंतर

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इमाम काज़िम (अ) की विभिन्न शिक्षा संबंधी गतिविधियों का उल्लेख हुआ है। यह गतिविधियां शिया हदीस की किताबों में हदीसों, बहसों और वैज्ञानिक चर्चा के रूप में ज़िक्र हुई हैं।<ref>तबरसी, अल एहतेजाज, खंड 2, पृष्ठ 385- 396, मजलिसी, बिहार अल अनवार, खंड 10, पृष्ठ 234-249।</ref>
इमाम काज़िम (अ) की विभिन्न शिक्षा संबंधी गतिविधियों का उल्लेख हुआ है। यह गतिविधियां शिया हदीस की किताबों में हदीसों, बहसों और वैज्ञानिक चर्चा के रूप में ज़िक्र हुई हैं।<ref>तबरसी, अल एहतेजाज, खंड 2, पृष्ठ 385- 396, मजलिसी, बिहार अल अनवार, खंड 10, पृष्ठ 234-249।</ref>
    
    
===हदीस===
===हदीस===        
          '''इमाम काज़िम (अ): जो कोई दुनिया से मुहब्बत करता है, उसके दिल से आख़िरत का डर ग़ायब हो जाएगा। यदि किसी सेवक को ज्ञान दिया जाए और उसका संसार के प्रति प्रेम बढ़ जाए, तो वह ईश्वर से और दूर हो जाएगा और उस पर ईश्वर का प्रकोप बढ़ जाएगा।''' (इब्ने शोबा हर्रानी, ​​तोहफ़ुल-उकूल, पृष्ठ 399, 404 हिजरी)
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इमाम काज़िम (अ) की बहुत सी हदीसों का [[शिया इसना अशरी|शिया]] हदीस स्रोतों में उल्लेख किया गया है; ये हदीसें ज्यादातर धार्मिक विषयों जैसे एकेश्वरवाद (तौहीद),<ref>कुलैनी, अल काफ़ी, खंड 1, पृष्ठ 141।</ref> बदा<ref>कुलैनी, अल काफ़ी, खंड 1, पृष्ठ 148-149।</ref> और आस्था (ईमान)<ref>कुलैनी, अल काफ़ी, खंड 2, पृष्ठ 38-39।</ref> के साथ-साथ नैतिक मुद्दों पर हैं।<ref>क़र्शी, हयात अल इमाम मूसा बिन जाफ़र, खंड 2, पृष्ठ 190-278, 297-307।</ref> इसी तरह से अन्य बातों के अलावा प्रार्थनाओं में, जोशन सगीर की प्रार्थना उनसे ली गई है। इन हदीसों के दस्तावेजों में, [[काज़िम|अल-काज़िम]], अबी अल-हसन, अबी अल-हसन अल-अव्वल, अबी अल-हसन अल-माज़ी, अल-आलम<ref>कुलैनी, अल काफ़ी, खंड 1, पृष्ठ 149।</ref> और [[अब्दे सालेह]] जैसी व्याख्याओं के साथ उनका उल्लेख किया गया है। अज़ीज़ुल्लाह अतार्दी ने मुसनद इमाम अल-काज़िम में उनसे 3134 हदीसें एकत्र कीं हैं।<ref>अत्तारदी, मुसनद इमाम अल काज़िम, खंड 1, मुक़द्दमा।</ref> सुन्नी विद्वानों में से एक अबू इमरान मरुज़ी बग़दादी (299 हिजरी) ने भी शियों के सातवें इमाम की कुछ हदीसें मुसनद इमाम मूसा बिन जाफ़र में एकत्रित कीं हैं।<ref>मिरवज़ी, मुसनद अल इमाम मूसा बिन जाफ़र (अ), पृष्ठ 178-232।</ref>
इमाम काज़िम (अ) की बहुत सी हदीसों का [[शिया इसना अशरी|शिया]] हदीस स्रोतों में उल्लेख किया गया है; ये हदीसें ज्यादातर धार्मिक विषयों जैसे एकेश्वरवाद (तौहीद),<ref>कुलैनी, अल काफ़ी, खंड 1, पृष्ठ 141।</ref> बदा<ref>कुलैनी, अल काफ़ी, खंड 1, पृष्ठ 148-149।</ref> और आस्था (ईमान)<ref>कुलैनी, अल काफ़ी, खंड 2, पृष्ठ 38-39।</ref> के साथ-साथ नैतिक मुद्दों पर हैं।<ref>क़र्शी, हयात अल इमाम मूसा बिन जाफ़र, खंड 2, पृष्ठ 190-278, 297-307।</ref> इसी तरह से अन्य बातों के अलावा प्रार्थनाओं में, जोशन सगीर की प्रार्थना उनसे ली गई है। इन हदीसों के दस्तावेजों में, [[काज़िम|अल-काज़िम]], अबी अल-हसन, अबी अल-हसन अल-अव्वल, अबी अल-हसन अल-माज़ी, अल-आलम<ref>कुलैनी, अल काफ़ी, खंड 1, पृष्ठ 149।</ref> और [[अब्दे सालेह]] जैसी व्याख्याओं के साथ उनका उल्लेख किया गया है। अज़ीज़ुल्लाह अतार्दी ने मुसनद इमाम अल-काज़िम में उनसे 3134 हदीसें एकत्र कीं हैं।<ref>अत्तारदी, मुसनद इमाम अल काज़िम, खंड 1, मुक़द्दमा।</ref> सुन्नी विद्वानों में से एक अबू इमरान मरुज़ी बग़दादी (299 हिजरी) ने भी शियों के सातवें इमाम की कुछ हदीसें मुसनद इमाम मूसा बिन जाफ़र में एकत्रित कीं हैं।<ref>मिरवज़ी, मुसनद अल इमाम मूसा बिन जाफ़र (अ), पृष्ठ 178-232।</ref>


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